सियासत की हलचल भरी राजधानी में हादसे
राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट में पानी भरने के बाद डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में कोचिंग सेंटर, सरकार व निगम की लापरवाही, छात्रों का प्रदर्शन
राघव अग्रवालराघव अग्रवाल
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करोल बाग मेट्रो स्टेशन पर अन्य स्टेशनों की तरह ही हमेशा हलचल रहती है। यहां प्रतिदिन हजारों छात्र आते-जाते हैं, जो पड़ोस के कोचिंग केंद्रों में यूपीएससी की तैयारी करते हैं, लेकिन रविवार दोपहर यहां का माहौल बदला-बदला सा था। दूसरी ओर, पूसा रोड और इसके आसपास धरने पर बैठे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्र ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगा रहे थे। वे ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउज आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट की लाइब्रेरी में अचानक पानी भरने से एक छात्र और दो छात्राओं की डूबकर हुई मौत के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। यह हादसा शनिवार की शाम को हुआ था।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 28 वर्षीय पंकज कुमार ने बताया, ‘हम यहां देश को बदलने जैसे बड़े-बड़े सपने लेकर आते हैं। कल्पना कीजिए कि देश की राजधानी में हम इस प्रकार के हादसों में मरने के लिए मजबूर हैं।’ घटना स्थल से मिली जानकारी से पता चला है कि जब छात्र अंदर पढ़ रहे थे तो उन्हें जलभराउज की खबर मिली।
वे बाहर आने के लिए बायोमेट्रिक कार्ड लगाना चाह रहे थे, लेकिन बिजली चली जाने के कारण यह सिस्टम बंद हो गया और छात्र यहीं फंस गए। छात्रों का कहना है कि पास का नाला टूट जाने के कारण कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक भारी जलभराउज हो गया। जिस इमारत में राउज आईएएस स्टडी सर्किल चल रहा था, उसके बारे में नियमों के उल्लंघन की तमाम शिकायतें मिली हैं। हालांकि पुलिस अभी हादसे के असली कारणों का पता लगाने के लिए गहनता से जांच कर रही है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इमारत को अग्निशमन विभाग की ओर से हाल ही में जारी किए गए सुरक्षा प्रमाण पत्र को देखा है। उसमें स्पष्ट रूप से बेसमेंट को पार्किंग और स्टोर के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है, लेकिन इसमें संस्थान की लाइब्रेरी चल रही थी। इसके अलावा राजधानी में नियम है कि यदि किसी इमारत के बेसमेंट को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाया जाता है तो इसमें पर्याप्त प्रवेश और निकास द्वार होने चाहिए, लेकिन राउज की लाइब्रेरी में जहां हादसा हुआ, केवल एक ही प्रवेश/निकास द्वार था। पुलिस ने कोचिंग संस्थान के मालिक और सह-संयोजक को गिरफ्तार कर लिया है।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम ने सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पानी से भरी लाइब्रेरी से तीन शव निकाले। इनकी पहचान तेलंगाना की तानिया सोनी (25) , उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25) और केरल के नवीन डेल्विन (28) के रूप में की गई।
सोनी पिछले साल से यहां पढ़ रही थीं, जबकि श्रेया ने इसी साल अप्रैल में यहां दाखिला लिया था। दोनों ही अपने-अपने घरों की सबसे बड़ी बेटी थीं। डेल्विन ने हाल ही में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमफिल और पीएचडी पूरी की है।
राउज स्टडी सेंटर के एक और छात्र ने बताया, ‘प्राथमिक तौर पर किसी भी हादसे के लिए कोचिंग सेंटर की पहली जिम्मेदारी होती है।’ स्थानीय पुलिस ने पूसा रोड पर धरने पर बैठे छात्रों को बल प्रयोग कर हटा दिया और प्रदर्शन कर रहे तीन छात्रों को हिरासत में लिया है।
सेंट्रल डीसीपी एम हर्षवर्धन ने पत्रकारों को बताया, ‘प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। हम छात्रों के खिलाफ कोई केस नहीं करना चाहते, क्योंकि इससे उनके करियर पर बहुत ही नकारात्मक असर पड़ सकता है। जब छात्रों ने पूसा रोड जाम कर दिया तो हमने उनसे अपना धरना समाप्त कर सड़क को खोलने का अनुरोध किया’
लखनऊ की रहने वाली सुजाता शर्मा (24) कहती हैं कि यह सीधे-सीधे लापरवाही का मामला है। उन्होंने कहा, ‘मुखर्जी नगर हादसे के बारे में किसी को भी कुछ पता नहीं चला। यह प्राधिकरण के स्तर पर गंभीर लापरवाही हुई है।’
दिल्ली के मुखर्जी नगर में पिछले साल एक कोचिंग केंद्र में आग लगने के कारण 60 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। इसी साल अप्रैल में दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर में कोचिंग संस्थानों की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए गौतम नारायण की अध्यक्षता में वकीलों की एक टीम गठित की थी।
हादसे के लिए सरकार है जिम्मेदार : भाजपा
शनिवार को हुए हादसे पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। निगम और सरकार में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगर निगम की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने बरसात में भी नालों की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसी कारण यह दुर्घटना हुई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘इस दुखद घटना के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है। जल बोर्ड मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’
नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, ‘पिछले एक सप्ताह से स्थानीय लोग विधायक दुर्गेश पाठक से नाले की सफाई की गुहार लगा रहे थे, लेकिन पाठक ने इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया।’ दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में हुई घटना व्यापक स्तर पर फैले कुशासन का एक छोटा सा उदाहरण है, जिसका राजधानी के लोग एक दशक से सामना कर रहे हैं।
मेयर ने दिए कार्रवाई के निर्देश
दिल्ली की मेयर शैली ओबराय ने एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार को निर्देश दिया है कि वह बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियां करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और इस मामले में एमसीडी के जो भी अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए जाएं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तेजी से मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साभार:बिजनेस स्टैंडर्ड