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चर्चा चुनाव आयुक्तों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 7 लोक कल्याण मार्ग में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर 14 मार्च को हुई बैठक में ज्ञानेश कुमार और सुखविंदर संधू के नाम पर सहमति बन गई. उसके बाद सरकार ने उन्हें देश के नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना कर दी गई. उनकी नियुक्ति लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग में आयुक्तों के खाली पड़े दोनों पदों पर की गई. उल्लेखनीय है कि आयोग में दोनों ही पद हाल ही में अरुण गोयल के इस्तीफा देने और अनूप चंद पांडेय के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने के चलते खाली हो गए थे. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की इस कमेटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर अधीर रंजन चौधरी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल थे. मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा नया कानून बनने के बाद कमेटी ने इस तरह की पहली नियुक्ति है. केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर यह कानून सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद लाया था, जिसमें इसे लेकर जल्द ही एक पारदर्शी कानून बनाने की बात कही गई थी. हालांकि, कोर्ट ने तात्कालिक व्यवस्था के तहत इसके लिए एक चयन समिति गठित की थी. जिसमें पीएम के साथ लोकसभा में विपक्ष के नेता और देश के मुख्य न्यायाधीश को रखा था. बहरहाला, आइए जानते हैं कुछ खास बातें दोनों नवनियुक्त चुनाव आयुक्त के बारे में— ज्ञानेश कुमार मूलत: केरल कैडर के आइएएस अधिकारी है, जो सेवानिवृत्त होने से पहले केंद्र सरकार में सचिव थे. जबकि सुखबीर सिंह संधु मूलत: उत्तराखंड कैडर के आइएएस अधिकारी हैं. वह हाल ही में उत्तराखंड में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए है. 1 988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे ज्ञानेश कुमार सहकारिता मंत्रालय के सचिव रह चुके हैं. उनका मूल जन्म स्थान उत्तर प्रदेश और जन्म का साल 1964 है. वह मई 2016 में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाए गए थे. मई 2022 में उन्हें सहकारिता मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया गया था. उस वक्त वह संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे. उन्होंने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था. ज्ञानेश कुमार के गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद-370 हटाया गया था. तेजतर्रार अफसरों में गिने जाने वाले डॉ. सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड के मुख्य सचिव रहे हैं. उन्हें भी नए चुनाव आयुक्त पद की जिम्मेदारी सौंपी गइ्र है. डॉ. सुखबीर सिंह संधू 1988 बैच उत्तराखंड काडर के आईएएस अधिकारी हैं. वह सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसएएस संधू का लंबा प्रशासनिक अनुभव है. वह तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं. डॉ. संधू केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव उच्च शिक्षा थे. वह 2011 तक पंजाब सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहे. वह ऊधमसिंह नगर जिले के पहले कलेक्टर भी रह चुके हैं. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सचिव का दायित्व भी निभाया. बादल सरकार में वह मुख्यमंत्री के सचिव रहे. उत्तराखंड सरकार में उन्हें लोनिवि, कार्मिक, औद्योगिक विकास समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का अनुभव रहा. साल 2021 में पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. सुखबीर सिंह संधू को उत्तराखंड का मुख्य सचिव बनाया था. तब वह दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. राज्य सरकार ने संधू की मूल कैडर में वापसी के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था. संधू इससे पहले केंद्र में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे. 2019 में उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का दायित्व सौंपा गया था. उन्होंने उत्तराखंड के 17वें मुख्य सचिव के तौर पर कार्यभार संभाला.