सम्मान की दुकान
मिस्टर धोपचट लाल इस बार भी चुनाव हार गये। सारी पूंजी समाप्त हो गयी। अब अन्न के लाले पड़ने लगे। कुछ उपाय ढूंढने लगे। एक व्यापार का आयडिया आया।
फिर क्या था। बाजार में एक छोटी सी दुकान किराये पर ली। एक बोर्ड और उपस्कर लगा दिए गये। बोर्ड पर लिखा था। सम्मान, और नीचे लिखा था - यहाँ हर प्रकार के और हर विधा के सम्मान मिलते हैं। नीचे प्रॉप. धोपचट लाल और मोबाइल नम्बर लिखा था।
लोग आने लगे भाव - मोल होने लगा। एक आदमी बगल में झोला लटकाये, हल्की दाढ़ी, कुरता - पायजामा में आता है.
आदमी - यहाँ किन - किन विधाओं में सम्मान उपलब्ध हैं और दाम कितना है?
धोपचट लाल - आपको लेना किस विधा में है?
आदमी - मैं एक साहित्यकार हूँ, नाटक से भी जुड़ा हूँ, राजनीति और समाजसेवा से भी मेरी हॉबी रही है। मैं रेट जानना चाहता हूँ हर विधा के सम्मान का।
धोपचट लाल - साहित्य में कई सम्मान हैं - बाल्मीकि से घोंघादास तक, रेंज है - 25 हजार से साढ़े तीन लाख तक। आपने लेटर पैड पर लिख कर, अख़बारों में छपवा कर फेसबुक पर डालकर आप अपने प्रतिष्ठा को बढ़ा सकते हैं। अरे पैसा तो हाथ का मैल है।
आदमी - नाटक में?
धोपचट लाल - कालिदास से नटवर लाल तक के नाम से मिलता है. रेंज कामोवेश वही है. राजनीति और समाजसेवा में भी है, पद्मश्री से छद्मश्री तक.
आदमी - और आमजन सम्मान?
धोपचट लाल - वह क्या होता है?
आदमी - आम जनता और समाज के बीच, जहाँ बच्चे, बूढ़े, जवान स्त्री-पुरुष सभी का सम्मान प्राप्त हो।
धोपचट लाल - ऐसा तो कोई प्रोडक्ट अभी तक किसी कंपनी ने बनाई नहीं, हाँ, आपके सदव्यवहार, आचार - विचार से ही इस सम्मान को प्राप्त कर सकते हैं, वैसे यह आमलोग में कुछ लोग सीधे बेचते हैं, लेकिन वह स्थायी नहीं होता।
कविता
बुढ़ापा
बुढ़ापा यानि जीवन
का उत्तरार्द्ध एक
दिन सबको आना है.
उस समय लगता है
सबकुछ अनिश्चित
सा हो गया है.
आदमी फुटबॉल सा
हो जाता है, कभी इधर
कभी उधर, लुढकता
हुआ भोगता है, एक
अनिश्चितता.
जीवन का सम्पूर्ण
उपलब्धियां मानो
चिढ़ा रही होती है.
आदमी चाह कर
भी अब कुछ नहीं कर
पाता है, पाकर अपने
को मजबूर और कमजोर.
दो शब्द लखक के बारे में—
अनिल पतंग: फिल्मकार, नाटककार, अभिनेता, सम्पादक- रंग अभियान (नाट्य पत्रिका).आजकल लघुकथाओं पर लघु फिल्में बनाता हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें: नाटक-दीवार, प्रजातंत्र, कीमत, जट जटिन, सामा- चकेवा, डोमकछ, एक महर्षि का मूल्य, नागयज्ञ, लोक कथा रूपक. कहानी संग्रह: प्रोफेसर सपना बाबू...निबंध संग्रह: रंग संदर्भ...संपादन: बिहार के लोकधर्मी नाट्य
रंग अभियान (नाट्य पत्रिका)... प्रधान सम्पादक: सम्पर्क (दूरदर्शन जालंधर की पत्रिका)
अनेक स्मारिकाओं का संपादन
सम्मान: अनेक राजकीय, राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान।
पता: बाघा (रेलवे कैबिन के पास) पो. - सुहृद नगर (बेगूसराय)
851218. Mo- 7004839500