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सिम स्वाइप और मेल आईडी हैक
ओटीटी प्लेटफार्म पर लोकप्रिय स्पैनिश क्राइम वेब सीरिज मनी हाइस्ट साइबर क्रिमनल के शातिरों के लिए प्रेरक बन गया. कानपुर और जयपुर के साइबर कुख्यातों ने सीरिज के प्रोफेसर और रियो बनकर करोड़ों की ठगी तो कर डाली, लेकिन वे साइबर पुलिस की नजरों से बच नहीं पाए. ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर जालसाज़ 6 अगस्त को साइबर क्राइम थाने की टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए. गिरफ्त में आए जालसाज़ों ने अपना नाम भी वेब सीरीज के पात्रों प्रोफेसर और रियो के नाम पर रखा था. लिखे जाने तक गिरोह के दो अन्य साथियों की तलाश जारी थी. इनके ठगी करने का तरीका भी अनोखा और तकनीक से जुड़ा हुआ था. ये वॉट्सऐप (WhatsApp) और टेलीग्राम ग्रुपों (Telegram Groups) में जुड़ कर बैंक खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त करते हुए रजिस्टर्ड सिम को स्वाइप व मेल आईडी को हैक करके वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (Virtual private network) वीपीएन का प्रयोग करते थे. उसके बाद करोड़ों रुपए की ठगी और धोखाधड़ी कर लेते थे. बीते कई दिनों से पुलिस गिरोह के आरोपियों की तलाश देश के अलग-अलग हिस्से में कर रही थी. शातिरों की पहचान कानपुर के काकादेव निवासी रितेश चतुर्वेदी उर्फ अमित सिंह और मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी रिषभ जैन उर्फ प्रिंस ठाकुर के रूप में हुई.
इस बारे में साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि बीते दिनों फेज दो थाना क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित रॉयल एक्स एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के केपी प्रकाश ने साइबर थाने में ठगी की शिकायत की थी. ठगों ने कंपनी के बैंक अकाउंट में रजिस्टर्ड सिम बंद कराकर एयरटेल कंपनी के वीपीएन के माध्यम से ईमेल हैक कर मेल भेजकर कंपनी के बैंक खाते से एक करोड़ रुपए की राशि निकाल ली थी. फिर वे चार अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिया था.
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर रॉयल एक्स एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बैंक खाते की गोपनीय जानकारी जैसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आइडी अनधिकृत तरीके से हासिल की थी. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के सिम (Register SIM) को स्वाइप कराते हुए बेनिफिशरी डिटेल जोड़ने के लिए संबंधित सिम पर ओटीपी प्राप्त किया गया था. इसके बाद कंपनी के खाते पर रजिस्टर्ड मेल आइडी हो हैक करते हुए मोबाइल ओटीपी बाइपास कर खाते की ईमेल आइडी के माध्यम से ओटीपी प्राप्त कर एक करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए गए थे. धनराशि को ट्रांसफर करते समय आरोपियों द्वारा डार्क वेब और वीपीएन का प्रयोग किया गया। ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर फर्जी वॉलेट बनाकर यूएसडीटी में ट्रांसफर कर फर्जी बैंक खातों से राशि निकाली गई.
मनी हाइस्ट वेब सीरीज से प्रेरित होकर आरोपियों ने अपने नाम किरदारों के नाम पर रखे और उसी नाम से व्हाट्सऐप और टेलीग्राम पर 15 से अधिक ग्रुप में जुड़े. वेब सीरीज की तरह ही आरोपियों द्वारा अपनी निजी जानकारी को छुपाते हुए फर्जी सिम, इंटरनेशनल मोबाइल नंबर का प्रयोग ठगी में किया गया. गिरोह के सरगना रितेश ने अपना नाम वेब सीरीज के सबसे मजबूत किरदार प्रोफेसर वास्तविक के नाम पर रखा था. वहीं रिषभ ने अपना नाम रियो के नाम पर रखा था. आरोपियों के कब्जे से एक कार, एक लैपटॉप, 11 मोबाइल, 23 डेबिट कार्ड, तीन बैंक पास बुक और 25 सिम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद हुआ है.