साइबर खतरों के खिलाफ एक ढाल
भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपने साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस साल के अंत तक उसने अपने सभी कंप्यूटरों पर माया ओएस (Maya OS) नाम के एक स्वदेशी रूप से विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है. मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस रणनीतिक बदलाव का उद्देश्य स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देकर विदेशी सॉफ्टवेयर पर निर्भरता को कम करना है. ताकि संवेदनशील रक्षा प्रणालियों और डेटा को साइबर हमलों से बचाव किया जा सके.
यानी कि साइबर सुरक्षा के खिलाफ बड़ी लड़ाई में भारत का रक्षा मंत्रालय Maya OS नामक स्वदेशी रूप से विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करेगा, जिसे इस साल के अंत तक करने का लक्ष्य रखा गया है. यह नया OS Microsoft के Windows को रिप्लेस कर देगा. इस कदम के जरिए सरकार का मकसद कम्प्यूटर्स को साइबअटैक से प्रोटेक्ट करना है. इसे जल्द ही सशस्त्र बलों द्वारा अपना लिया जाएगा.
साइबर सुरक्षा के खिलाफ बड़ी लड़ाई में भारत का रक्षा मंत्रालय Maya OS नामक स्वदेशी रूप से विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करेगा, जिसे इस साल के अंत तक करने का लक्ष्य रखा गया है. यह नया OS Microsoft के Windows को रिप्लेस कर देगा. जोकि एक एंड-पॉइंट एंटी मैलवेयर और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है. जो यूजर और इंटरनेट के बीच वर्चुअल लेयर क्रिएट करता है. ऐसे में ये हैकर्स को सेंसिटिव डेटा एक्सेस करने से रोकता है.सुरक्षा की यह परिष्कृत परत महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों की अखंडता की रक्षा करते हुए संवेदनशील डेटा तक पहुँचने के हैकर्स के प्रयासों को विफल कर देती है.
माया ओएस की उत्पत्ति और विकास
माया ओएस की उत्पत्ति 2021 में तब हुई थी, जब जब भारत को विदेशी तत्वों से कई साइबर हमलों का सामना करना पड़ा था.साइबर हमलावरों ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया था. तब रक्षा मंत्रालय ने Microsoft Windows को स्थानीय रूप से निर्मित OS से बदलने का निर्णय लिया. जो अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय होगा. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डीएसी) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) सहित प्रमुख सरकारी एजेंसियों के विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक सहयोगात्मक प्रयास शुरू हुआ.
ओपन-सोर्स उबंटू प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए, विशेषज्ञों की सहयोगी टीम ने भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम किया. छह महीने के गहन विकास के बाद, माया ओएस एक तकनीकी विजय के रूप में सामने आया.
उबंटू: माया ओएस का फाउंडेशन
लिनक्स-आधारित उबंटू ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्मित, माया ओएस को उबंटू प्लेटफॉर्म द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रसिद्ध सुरक्षा, बहुमुखी प्रतिभा और अनुकूलनशीलता विरासत में मिली है। उबंटू, कंप्यूटर, सर्वर और उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला ओएस, अपनी उपयोगकर्ता-मित्रता और मजबूती के लिए प्रसिद्ध है. इसकी विशेषता विभिन्न आवश्यकताओं के लिए अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जो उबंटू सॉफ्टवेयर सेंटर से डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. नई सुविधाओं और सुरक्षा संवर्द्धनों के साथ नियमित अपडेट, उबंटू की स्थिति को अत्याधुनिक ओएस के रूप में बनाए रखते हैं.
माया ओएस का नामाकरण
माया ओएस का नामकरण प्राचीन भारतीय दर्शन से प्रेरित है. जहां माया वास्तविकता की भ्रामक प्रकृति का प्रतीक है. यह विकल्प रक्षा मंत्रालय के कंप्यूटर सिस्टम की अभेद्य सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रयास करते समय हैकर्स को भ्रम में डालने की आकांक्षा को दर्शाता है। यह नाम भारत की ऐतिहासिक युद्ध तकनीकों को भी श्रद्धांजलि देता है, जो महाकाव्य महाभारत से एक बहुस्तरीय रक्षात्मक संरचना "चक्रव्यूह" को संदर्भित करता है।
उपयोगकर्ता-केंद्रित इंटरफ़ेस और उन्नत सुविधाएँ
माया ओएस उपयोगकर्ता-मित्रता और परिचितता को प्राथमिकता देता है, जो व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले विंडोज ओएस के रूप और अनुभव को प्रतिबिंबित करता है। यह माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, एडोब फोटोशॉप और ऑटोकैड जैसे लोकप्रिय अनुप्रयोगों को समायोजित करता है, जिससे वर्कफ़्लो में निरंतरता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, माया ओएस क्लाउड स्टोरेज, एन्क्रिप्शन, डिजिटल हस्ताक्षर और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसी सुविधाएं पेश करता है, जो इसकी सुरक्षा और कार्यात्मक क्षमताओं को और बढ़ाता है।
कार्यान्वयन और भविष्य में अपनाने की समयरेखा
रक्षा मंत्रालय इस वर्ष के अंत तक अपने सभी कंप्यूटर सिस्टमों में माया ओएस को पूर्ण रूप से परिवर्तित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है, जिससे माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ओएस को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया जाएगा। इस परिवर्तन से विदेशी सॉफ्टवेयर समाधानों पर निर्भरता कम होने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा सुरक्षा में वृद्धि होने का अनुमान है। आत्मनिर्भरता और नवाचार की दिशा में एक उत्साहजनक कदम में, रक्षा मंत्रालय ने सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा माया ओएस को अपनाने की भी योजना बनाई है। भारतीय सशस्त्र बलों की इन शाखाओं ने पहले ही माया ओएस की क्षमताओं का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और समर्थन किया है।
माया ओएस को अपनाना न केवल एक तकनीकी छलांग का प्रतीक है, बल्कि अपनी डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए भारत के समर्पण का प्रमाण है।
Maya OS: India’s Bold Leap to Secure Cyber Sovereignty
In a significant move towards bolstering its cybersecurity infrastructure, India’s Defence Ministry has announced plans to install an indigenously developed operating system called Maya OS on all its computers by the end of this year. This strategic shift aims to protect sensitive defense systems and data from cyberattacks while promoting indigenous innovation and reducing dependence on foreign software.
A Shield Against Cyber Threats
Maya OS, developed by the Union Ministry of Defence, emerges as a formidable defense against the rising tide of cyber threats that endanger national security. Rooted in the open-source Ubuntu platform, Maya OS harnesses the power of free and publicly available software while offering a user interface and functionalities reminiscent of the familiar Windows OS. This design choice ensures a seamless transition for users and empowers them to navigate the digital realm securely.
An innovative feature, Chakravyuh, further fortifies Maya OS. Functioning as an end-point anti-malware and antivirus software, Chakravyuh creates a virtual barrier between users and the internet. This sophisticated layer of protection thwarts hackers’ attempts to access sensitive data, safeguarding the integrity of vital defense systems.
Origin and Development of Maya OS
The genesis of Maya OS traces back to 2021, a time when India found itself targeted by foreign cyberattacks aimed at crippling critical infrastructure and defense networks. In response, the Defence Ministry initiated the development of a robust and reliable indigenous operating system. A collaborative effort involving experts from prominent government agencies, including the Defence Research and Development Organisation (DRDO), the Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC), and the National Informatics Centre (NIC), ensued.
Leveraging the open-source Ubuntu platform, the collaborative team of experts collaborated closely with Indian software companies and academic institutions. After six months of intensive development, Maya OS emerged as a technological triumph, poised to bolster the nation’s cyber defenses.
Ubuntu: The Foundation of Maya OS
Built upon the Linux-based Ubuntu operating system, Maya OS inherits the renowned security, versatility, and customizability that the Ubuntu platform offers. Ubuntu, a widely used OS across computers, servers, and devices, is renowned for its user-friendliness and robustness. It is characterized by an expansive array of applications for diverse needs, available for download from the Ubuntu Software Centre. Regular updates, featuring new features and security enhancements, maintain Ubuntu’s status as a cutting-edge OS.
Maya OS: A Name Rich in Symbolism
The nomenclature of Maya OS draws inspiration from ancient Indian philosophy, where “maya” signifies the illusionary nature of reality. This choice reflects the aspiration to confound hackers with illusions when attempting to breach the impregnable defenses of the Defence Ministry’s computer systems. The name also pays homage to India’s historical warfare techniques, referencing the “Chakravyuh,” a multi-layered defensive formation from the epic Mahabharata.
User-Centric Interface and Advanced Features
Maya OS prioritizes user-friendliness and familiarity, mirroring the look and feel of the widely used Windows OS. It accommodates popular applications such as Microsoft Office, Adobe Photoshop, and AutoCAD, ensuring continuity in workflow. Furthermore, Maya OS introduces features like cloud storage, encryption, digital signatures, and biometric authentication, further elevating its security and functional capabilities.
Timeline of Implementation and Future Adoption
The Defense Ministry is steadfast in its commitment to a complete transition to Maya OS across its computer systems by the close of this year, effectively phasing out Microsoft Windows OS. This transition is anticipated to elevate cybersecurity defenses while simultaneously reducing reliance on foreign software solutions. In an encouraging step towards self-sufficiency and innovation, the Defence Ministry also projects the adoption of Maya OS by the Army, Navy, and Air Force. These branches of the Indian armed forces have already meticulously assessed and endorsed the capabilities of Maya OS.
The adoption of Maya OS signifies not just a technological leap forward but a testament to India’s dedication to safeguarding its digital assets and nurturing indigenous technological advancements in the realm of cybersecurity.
Key Highlights: India’s Defence Ministry Adopts Maya OS for Enhanced Cybersecurity
— India’s Defence Ministry is set to replace Microsoft Windows with the indigenously developed Maya OS on all its computers by year-end.
— Maya OS is aimed at safeguarding defense systems from cyberattacks and reducing dependence on foreign software.
— Built on the open-source Ubuntu platform, Maya OS offers a user-friendly interface similar to Windows, ensuring a seamless transition for users.
— Maya OS introduces “Chakravyuh,” an advanced end-point anti-malware and antivirus software, bolstering protection against hacking attempts.
— The OS’s development began in 2021 after foreign cyberattacks targeted critical infrastructure and defense networks.
— A collaboration of experts from government agencies, including DRDO and C-DAC, worked on Maya OS’s development.
— Ubuntu, the foundation of Maya OS, is renowned for security, versatility, and a wide array of applications.
— Maya OS’s name derives from ancient Indian philosophy, symbolizing the illusion hackers face when attempting breaches.
— The OS mimics Windows’ interface, supports popular applications, and introduces features like cloud storage and encryption.
— Maya OS’s complete adoption across Defence Ministry computers is expected by year-end, followed by adoption in the armed forces.
— The move signifies India’s commitment to cybersecurity, self-reliance, and nurturing indigenous innovation in technology.