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2000 का नोट बैन
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 19 मई को 2000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करने का एलान कर अचानक चौंका दिया. इसी के सथ नोट वैधता की तारीख 30 सितंबर 2023 तय कर दी और इन्हें बैंकों में जमा करवाने संबंधी निर्देश भी जारी कर दिए. बैंक के निर्देश के अनुसार 2000 के नोट को बैंक खाते में जमा करवाये जा सकते हैं या फिर किसी भी बैंक की शाखा में जाकर उसे बदले जा सकते हैं. आइए जानते हैं उस नोट की कहानी, जिस आम लागों बाजार में चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, तो किसी ने इसे मोटी रकम साथ रखने में सहुलियत का माना...हालांकि इसे चूरन वाला नोट तक कहा गया...आइए जानते हैं इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जो यादगार बनी रहेंगी... आरबीआई के नए नियम के अनुसार 2000 रुपये के नोटों के सर्कुलेशन से बाहर होने के बाद भी ये नोट वैध रहेंगे. 30 सितंबर 2023 तक इन्हें बैंकों में जमा कराया जा सकता है और नोटों की बदली की जा सकती है. एक बार में 10 नोट 2000 के नोट जमा करने या बदलने के नए नियम के अनुसार लोग अपने बैंक खाते में 2000 के नोट जमा कर सकते हैं या किसी भी बैंक की शाखा में जाकर अपने नोट बदल सकते हैं. 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक बार में 20,000 रुपये तक यानी 2000 के 10 नोट बदले जा सकते हैं. नोट बदली के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क या फ़ीस नहीं ली जाएगी. कितने नोट 31 मार्च 2023 को 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के ही 2000 के नोट बाज़ार में चलन में थे. इन नोटों का सर्वाधिक सर्कुलेशन 31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये था जो कुल नोटों का क़रीब 10 प्रतिशत है. 2000 का नोट बैन
हालांकि बीते सालों में 500 का नोट तो ख़ूब चला लेकिन एटीएम और बैंकों में 2000 के नोटों की किल्लत पर सवाल उठते रहे.साल 2021 में तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि आरबीआई ने साल 2019 और 2020 में दो हज़ार रुपए के नए नोट छापे ही नहीं हैं. वहीं अनुराग ठाकुर ने साल 2020 में कहा था, "मार्च 2019 में 329.10 करोड़ रुपए क़ीमत के दो हज़ार रुपए के नोट बाज़ार में चल रहे थे. वहीं मार्च 2020 में इनकी क़ीमत कम होकर 273.98 करोड़ रुपए रह गई." आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24 (1) के तहत पहली बार 2000 के नोट नवंबर 2016 में जारी किए गए थे. तब 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद अर्थव्यवस्था में मुद्रा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 2000 के नोट जारी किए गए थे. जब छोटे नोटों की आपूर्ति सुचारू हो गई तो 2018-19 में 2000 के नोटों को छापना बंद कर दिया गया. आरबीआई के अनुसार, 2000 के 89% नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे. आरबीआई अपनी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत नोटों को बंद करती है या नए नोट जारी करती है. नोटबंदी के बाद सामने आया था 2000 का नोट नवंबर 2016 में एक रात अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ और हज़ार रुपए के नोट बंद करने की घोषणा कर दी. फिर सरकार गुलाबी रंग का दो हज़ार रुपए का नया बड़ा नोट लेकर आई थी. 8 नवंबर की उस रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि रात 12 बजे के बाद से पांच सौ और हज़ार रुपए के नोट बंद हो जाएंगे और इनकी जगह भारतीय रिज़र्व बैंक दो हज़ार रुपए और पांच सौ रुपए के नए नोट जारी करेगी.