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परीक्षा से एक घंटा पहले ही वायरल था पेपर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र रविवार यानी 8 मई को परीक्षा शुरू होने से पहले ही वायरल हो चुका था, पेपर को आधा घंटा पहले ही खोला जाता है। परीक्षा खत्म होने के बाद उसे कैंसल करने में भी चार घंटे से अधिक का समय लग गया। तबतक परीक्षा—शिक्षा—व्यवस्था माफिया के गठजोड़ ने जमकर इसकी बोली लगाई। यानी परीक्षा के मामले में बिहार फिर बदनाम हो गया। पहले इस मामले में आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने जांच के लिए आयोग की तीन सदस्यीय टीम गठित की। जांच के बाद बपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा देर शाम रद कर दी गई। प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि होने के बाद आयोग ने इसकी घोषणा की। इस बार छह लाख से अधिक प्रतियोगियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था और पहली बार सभी जिलों में 1,083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। यह अपने आपमें एक रिकार्ड है कि कुल 802 पदों के लिए पहली बार 750 गुना प्रतियोगी शामिल हुए थे। कड़ी मेहनत और लंबे इंतजार के बाद परीक्षा में शामिल लाखों युवाओं को जब देर शाम यह खबर मिली तब वे काफी निराश हो गए। उन के लिए एक सपना टूटने जैसा और मेहनत पर पानी फिरने जैसा था।
हैरानी की बात यह हुई कि परीक्षा दोपहर 12 से दो बजे तक हुई, लेकिन सुबह 11 बजे से ही विभिन्न टेलीग्राम और वाट्सऐप ग्रुप पर इसका प्रश्न पत्र वायरल था। खबर मिलने के बाद आयोग ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने देर शाम ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद आयोग के चेयरमैन आरके महाजन ने परीक्षा को रद करते हुए वायरल प्रश्न-पत्र के मामले की जांच साइबर सेल से कराए जाने की सिफारिश डीजीपी बिहार से कर दी। प्रश्न पत्र लीक की जांच के लिए डीजीपी एसके सिंघल ने जांच टीम का गठन कर दिया है। साइबर मामलों की विशेषज्ञ आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) नैयर हसनैन खान के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया है। इस बारे में उन्होंने मीडिया को बताया कि बीपीएससी प्रश्न पत्र के सेट-सी का पेपर लीक हुआ है। देर शाम बीपीएससी की ओर से इससे जुड़ा पत्र मिला है। जांच टीम में साइबर एक्सपर्ट, फारेंसिंक एक्सपर्ट के साथ तेज-तर्रार पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है। पुलिस के दूसरे प्रभाग के भी विशेषज्ञों की मदद इसमें ली जाएगी और उन्हें जांच टीम में शामिल किया जाएगा। आयोग के अनुसार, बीपीएससी की ओर से सभी परीक्षा केंद्रों पर दंडाधिकारी, पुलिस बल की उपस्थिति में सील प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाता है। इसे परीक्षा केंद्रों पर वहां प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी की उपस्थिति में परीक्षा प्रारंभ होने के आधा घंटा पूर्व खोलने की अनुमति होती है। परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की एक घंटा पहले चेकिंग करते हुए प्रवेश दिया जाता है। आधा घंटा पहले परीक्षा कक्ष में आवंटित सीट पर अभ्यर्थी को बैठाया जाता है। किसी भी परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने के पश्चात परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाता है। परीक्षार्थी एवं वीक्षक का परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाना वर्जित है। अब दोबारा यह परीक्षा कब होगी, इसके लिए अभी तारीख़ का एलान नहीं किया गया है। इसके अलावा डीजीपी बिहार से 'प्रश्न पत्र लीक' मामले की साइबर सेल से जांच कराने का अनुरोध किया गया है। बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग की पीटी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को दिया गया है.
इस बार परीक्षा के दरम्यान कई सेंटर पर फोन इस्तेमाल की भी शिकायतें मिली। आरा ज़िले के कुंवर सिंह कॉलेज में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब आयोग की परीक्षा के दौरान कुछ छात्र कथित तौर पर फोन का इस्तेमाल करने लगे। जब कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि कई छात्र मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे।