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उत्सव
सुरेश चौहान (श्रीमती)
जीवन एक संधर्ष सही है, पर इसे उत्सव मान कर जीना मानव को सशक्त बनाता है। सुख-दुख हार-जीत दुनियां के पर्याय सही है पर हर दिन को उत्सव मानकर जीना मानव को सशक्त बनाता है। परिस्थितियां कितनी भी जटिल क्यों न हों जीवन के बहाव की नदियों का जीत के इन्तजार में आज का आन्नद मनाना मत रोको क्योंकि हर दिन को उत्सव मानकर जीना मानव को सशक्त बनाता है। दुख-दर्द तो इस जीवन के क्षण-भंगुर हैं, फिर क्यों न हम हर दिन को सकारात्मक होकर जीयें, जीवन एक संधर्ष सही है, पर हर दिन को उत्सव मानकर जीना मानव को सशक्त बनाता है।