हबल हुई पुरानी नए दूरवीन से खुलेंग कई राज
दुनिया की सबसे बड़ी और सर्वाधिक शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन 25 दिसंबर को अपने अभियान पर रवाना हो गई। ये आरंभिक तारों और आकाशगंगाओं की खोज के साथ ही जीवन के संकेतों का पता लगाने के लिए ब्रह्मांड की पड़ताल करेगी। नासा की ‘जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन’ ने दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुयाना अंतरिक्ष केंद्र से क्रिसमस की सुबह यूरोपीय रॉकेट 'एरियन' पर सवार होकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। लगभग 10 अरब डॉलर की लागत से बनी यह वेधशाला अपने स्थान तक पहुंचने में 16 लाख किलोमीटर या चंद्रमा से चार गुना अधिक दूरी की यात्रा तय करेगी।
इसे वहां पहुंचने में एक महीने का समय लगेगा और फिर अगले पांच महीनों में इसकी अवरक्त आंखें ब्रह्मांड की पड़ताल शुरू करने के लिए तैयार होंगी। नासा के ऐडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था, 'यह हमें हमारे ब्रह्मांड और उसमें हमारे स्थान की बेहतर समझ देने जा रही है कि हम कौन हैं, हम क्या हैं।' हालांकि, उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा था, 'जब आप एक बड़ा पुरस्कार चाहते हैं, तो आपके सामने आमतौर पर एक बड़ा जोखिम होता है।'
पुरानी हबल अंतरिक्ष दूरबीन के उत्तराधिकारी के रूप में, लंबे समय से लंबित जेम्स वेब दूरबीन का नाम 1960 के दशक में नासा के प्रशासक रहे जेम्स वेब के नाम पर रखा गया है। इस नई सात टन वजनी दूरबीन को बनाने और प्रोजेक्ट करने के लिए नासा ने यूरोपीय और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ भागीदारी की, जिस पर 1990 के दशक से 29 देशों के हजारों लोग काम कर रहे थे। दुनियाभर में एस्ट्रोनॉमर्स को इस दूरबीन के प्रोजेक्शन का बेसब्री से इंतजार था। अंतिम-मिनट की तकनीकी खराबी ने लॉन्चिंग को लगभग एक हफ्ते तक प्रभावित किया और फिर तेज़ हवा ने इसे क्रिसमस की ओर धकेल दिया।
नियंत्रण कक्ष में मौजूद लोगों ने सांता टोपियां पहन रखी थीं। दूरबीन की लॉन्चिंग के बाद केंद्र में तालियों की गड़गड़ाहट हुई और उत्साही वैज्ञानिकों ने एक-दूसरे को गले लगाया। वे दूरबीन का नाम लेकर चिल्ला रहे थे, 'गो वेब (जाओ वेब)।' एरियनस्पेस के मुख्य कार्याधिकारी स्टीफन इज़राइल ने लॉन्चिंग के बाद कहा, 'हमने आज सुबह मानवता के लिए प्रोजेक्शन किया।' दूरबीन में कई उपकरण लगे हैं और इसमें सोने की परत चढ़ा एक दर्पण भी लगा है।
ब्रह्मांड की शुरुआत के रहस्य खोजेगी वेब दूरबीन
नासा की जेम्स वेब दूरबीन अभी तक की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली दूरबीन है. इसके जरिए वैज्ञानिक अंतरिक्ष की गहराइयों में और अरबों साल पीछे के समय में झांक पाएंगे.
नासा ने कहा है कि हबल दूरबीन की जगह लेने वाली जेम्स वेब दूरबीन उस समय में झांकने में वैज्ञानिकों की मदद करेगी जब सबसे पहली आकाशगंगाओं का बनना शुरू हुआ था. नासा के शब्दों में यह "अंतरिक्ष का और समय का ऐसा हिस्सा है जिसे कभी देखा नहीं गया."
यानी ब्रह्मांड की जवानी के दिन, बिग बैंग सिर्फ कुछ करोड़ों साल बाद. नासा के गॉडार्ड अंतरिक्ष उड़ान केंद्र में इंस्ट्रूमेंट सिस्टम्स इंजीनियर बेगोनिया विला ने एक वार्ता में बताया कि दूरबीन समय में करीब एक अरब 35 करोड़ साल पीछे देखने की कोशिश करेगी, जो कि "विज्ञान के लिए काफी उत्कृष्ट लक्ष्य" है.
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य है वैज्ञानिकों को यह मालूम करने का मौका देना कि आकाशगंगाएं "कैसे बदलीं और वैसी बनीं जिस रूप में आज हम उनमें रहते हैं." टेलिस्कोप सबसे पहले बने सितारों का भी अध्ययन करेगी और "पानी, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन जैसे जीवन का संकेत माने जाने वाले तत्वों" को खोजने की कोशिश करेगी.
रोशनी को यात्रा करने में लगने वाले समय की वजह से अंतरिक्ष की गहराइयों में देखने का मतलब बीते समय में देखना होता है. उदाहरण के तौर पर सूरज की रौशनी को पृथ्वी पर पहुंचने में आठ मिनटों का समय लगता है. हबल एक अरब 34 करोड़ सालों से आगे नहीं जा पाई और उसने जीएन-जेड11 नाम की अभी तक जानी जाने वाली सबसे पुरानी आकाशगंगा की खोज की.
जीएन-जेड11 के बारे में सबसे पहले बताने वाले स्विट्जरलैंड के तारा-भौतिकविद पास्कल ओश का कहना है कि वो प्राचीन आकाशगंगा भले की सिर्फ एक बिंदु थी लेकिन वो "एक आश्चर्य भी थी और उसमें ऐसा प्रकाश था जिसकी किसी ने इतनी दूर से उम्मीद नहीं की थी."
इंफ्रारेड से लैस दूरबीन
1990 में लॉन्च की गई हबल मुख्य रूप से दिखाई देने वाली रोशनी पर काम करती है वेब इंफ्रारेड पर ध्यान केंद्रित करती है. उसे 22 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा. नासा का कहना है कि ब्रह्मांड के सबसे पहले रोशनी वाले पिंडों से जो रोशनी निकली थी वो ब्रह्माण्ड के लगातार होते विस्तार की वजह से आज हम तक इंफ्रारेड के रूप में पहुंचती है.
वेब हबल से काफी ज्यादा संवेदनशील है और उम्मीद की जा रही है कि वो और ज्यादा बारीकियों वाली तस्वीरें उपलब्ध करवाएगी. उसकी इंफ्रारेड क्षमता तारों के बीच मौजूद धूल के बादलों के अंदर भी देख पाएगी को अक्सर सितारों की रोशनी को सोख लेती है.
फ्रेंच अटॉमिक एनर्जी कमीशन में तारा-भौतिकविद डेविड एल्बाज कहते हैं कि इससे "इन बादलों के अंदर, सितारों और आकाशगंगाओं के जन्म को देखना मुमकिन हो पाएगा." वेब को नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कैनेडियन अंतरिक्ष एजेंसी ने मिल कर बनाया है.