पहली बार खूबसूरती की नुमाइश
और प्रतियोगिता का आयोजन
कौन कितना सुंदर का निर्णय लेने वाली प्रतियोगिता के लिए आज का दिन खास है. इसी दिन 1921 में पहली बार औरतों के लिए सुंदरता के मुकाबले की शुरुआत की गई. मिस अमेरिका के रूप में इसे कितनी कामयाबी मिली, बताने की जरूरत नहीं.
मिस अमेरिका इवेंट कराना शुद्ध रूप से बिजनेस आइडिया था. साल भर पहले यानी 1920 में सैलानियों को रिझाने के लिए न्यू जर्सी राज्य की अटलांटिक सिटी में इसी तरह का मिलता जुलता कार्यक्रम हुआ, जिसके बाद आयोजकों ने संगठित होकर योजनाबद्ध तरीके से मिस अमेरिका आयोजित करने का फैसला किया. यह वही दौर था, जब अमेरिकी अखबार अपने पाठकों की संख्या बढ़ाने के लिए आम महिलाओं से तस्वीरें मंगा कर उनकी प्रतियोगिता करा रहे थे और जीतने वालों को पुरस्कार दे रहे थे.
अटलांटिक सिटी के औद्योगिक समुदाय ने इसी आइडिया को आगे बढ़ाया और अलग अलग शहरों की विजेता सुंदरियों को बड़े मुकाबले में आयोजित किया. 1921 में इसे देखने एक लाख लोग पहुंच गए, आयोजकों ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी. कलाकारों के एक पैनल ने वाशिंगटन डीसी की 16 साल की मार्गरेट गोरमैन को "सुनहरी जलपरी" खिताब से नवाजा. इनाम में मिला 100 डॉलर.
मिस अमेरिका की कहानी यहीं से शुरू होती है. अगले साल यानी 1922 में मार्गरेट गोरमैन जब दूसरी बार खिताब में हिस्सा लेने पहुंचीं, तो वह अमेरिकी झंडा लपेटे हुई थीं और वहीं से यह प्रतियोगिता "मिस अमेरिका" के नाम पर मशहूर हो गया. इसके बाद पता नहीं कितने ही देशों ने ऐसी प्रतियोगिता की शुरुआत की और बाद में मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड जैसे मुकाबलों से सुंदरियों की प्रतियोगिता पूरे विश्व में फैल गई.
इस तरह से 7 सितंबर का दिन महिलाओं के लिए बहुत खास दिनों में से एक बन गई.
सुंदरता के इस मुकाबले को उसी वक़्त शुरू किया गया था, जब अमेरिका के अखबारों में महिलाओं की तस्वीरों को छाप कर प्रतियोगिता कराई जा रही थी. इसमें जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता था.महिलाओं की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
द्वित्तीय गोलमेज सम्मेलन हुआ आरंभ
7 सितंबर का दिन भारतीय इतिहास के लिए एक महत्त्वपूर्ण दिन माना जाता है. इसी दिन ब्रिटिश सरकार के द्वारा द्वितीय गोलमेज का आयोजन किया गया था. दरअसल, ब्रिटिश हुकूमत द्वारा साइमन कमीशन में किसी भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया था. इसको लेकर भारतीयों में काफी नाराज़गी थी.
इसी समस्या को सुलझाने के लिए ब्रिटिशों ने इंग्लैंड के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड के नेतृत्व में लंदन में तीन सम्मलेन का आयोजन किया. इंग्लैंड में होने वाले इस सम्मेलन को गोलमेज सम्मलेन का नाम दिया गया. इसमें भारत व इंग्लैंड के सभी राजनितिक दलों व प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया, मगर पहले सम्मलेन में भारत की ओर से किसी ने हिस्सा नहीं लिया था.
इसके बाद 7 सितंबर 1930 में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन के बैठक की शुरुआत हुई. इस सम्मेलन में भारत की ओर से सिर्फ महात्मा गाँधी ने हिस्सा लिया. वे 12 सितंबर को ‘एस एस राजपुताना’ नामक जहाज से लंदन पहुंचे थे. इस सफर में उनके साथ मदन मोहन मालवीय व एनीबेसेण्ट भी मौजूद थीं, मगर वे अपने किसी निजी काम के तहत इंग्लैंड गए हुए थे.
सम्मेलन में मुख्य रूप से साम्प्रदायिकता का बोलबाला रहा. इसमें 'सेमुअल होअर' को भारत का गृह सचिव नियुक्त किया गया. ब्रिटिशों ने इस सम्मेलन के माध्यम से कांग्रेस व गाँधी जी का वर्चस्व समाप्त करने की भरपूर कोशिशें की.
द्वितीय सम्मेलन के दौरान अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर जोर दिया गया. इसी समय भारतीय मुसलमानों, ईसाईयों व दलितों के पृथक प्रतिनिधित्व के मांग की शुरुआत की गई, मगर गाँधी जी ने देश की अखंडता के लिए इसका पुरजोर विरोध किया.
पृथक प्रतिनिधित्व के विरोध में उन्होंने आमरण अनशन तक रखा. इसके बाद ही आंबेडकर और गाँधी के बीच पूना पैक्ट समझौता हुआ था. इस द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में ही मैकडोनाल्ड ने 'साप्रदायिक निर्णय' की घोषणा की थी.
इस सम्मेलन में भारत की स्वतंत्रता को लेकर कोई भी विचार विमर्श नहीं किया गया, बल्कि इसके द्वारा भारत में साप्रदायिकता का माहौल बनाने की कोशिशें की गई थी. बिना किसी अच्छे फैसले के यह सम्मेलन 1 दिसंबर 1931 को समाप्त हो गया था. भारत वापस लौटने के बाद गाँधी ने कहा थी कि “मैं खाली हाथ वापस आया हूँ, मगर देश की इज्ज़त पर बट्टा नहीं लगने दिया”.
बैंक ऑफ़ इंडिया की हुई स्थापना
7 सितंबर 1906 में मुम्बई के एक उद्योगपतियों के समूह ने बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना की थी. शुरूआती दौर में सिर्फ मुंबई में ही इसका ऑफिस था. उस दौरान बैंक में लगभग 50 कर्मचारी थे. 1969 तक बैंक निजी स्वामित्व के नियंत्रण में रहा. इसके बाद इसका 13 अन्य बैंकों के साथ राष्ट्रीकरण किया गया. 50 लाख रूपये की पूंजी के साथ बैंक ने तेजी से विकास किया.
बड़ी समझदारी और नीति का पालन करते हुए बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए विभिन्न नवीन सेवाओं और प्रणालियों को समय-समय पर शुरू करता रहा. बैंक ऑफ़ इंडिया को इसका फायदा भी मिला. साल 1989 में मुंबई की महालक्ष्मी शाखा को पहली बार पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत किया गया. इसी के साथ एटीएम सुविधा की भी शुरुआत इसी शाखा से की गई थी.
फिर यह बैंक पहले राष्ट्रीय स्तर पर और बाद में अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक शक्तिशाली संस्थान बन कर उभरा.आज भारत के लगभग सभी राज्यों में बैंक की 5000 से अधिक शाखाएँ मौजूद हैं. इनका नियंत्रण 50 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से किया जाता है. इसी के साथ ही लगभग 22 देशों में बैंक की 60 से अधिक शाखाएँ व कार्यालय उपस्थित हैं. इनमें सिंगापुर लंदन, पेरिस, न्यूयार्क हांगकांग जैसे शक्तिशाली वित्तीय केंद्र का नाम शामिल हैं.
जब ब्राजील ने की स्वतंत्रता की घोषणा
7 सितंबर 1822 को ही ब्राजील ने पुर्तगाल शासित सम्राज्य से अपनी आज़ादी का एलान किया था.
दरअसल, 18 वीं शताब्दी के दौरान ब्राजील पर पुर्तगाली साम्राज्य का शासन हुआ करता था. राजा डोम के समय काफी तेजी से विकास हुआ. ब्राज़ील के शहरों का परिवेश पूरी तरह से बदल चुका था.
विश्वविद्यालयों के साथ-साथ बैंक व अन्य महतवपूर्ण संस्थाओं की स्थापना की गई. व्यापार के लिए बंदरगाहों को अन्य देशों व विशेष रूप से इंग्लैंड के लिए खोल दिया गया था. इसके बाद डोम अपने युवा बेटे पेड्रो के हाथों ब्राज़ील को छोड़कर पुर्तगाल वापस चले गए. पेड्रो के अपने अलग विचार थे. उन्होंने 7 सितंबर 1822 को ब्राज़ील की आज़ादी की घोषणा कर दी.इसके बाद ब्राज़ील साम्राज्य की स्थापना हुई. यहां पर राजशाही अभी भी मौजूद थी.
आगे, पेड्रो के बेटे पेड्रो द्वितीय ने राज किया. उनके बाद उनकी बेटी राजकुमारी ने 1888 में दासता समाप्त कर दी. इस फैसले के बाद असंतुष्ट भूमि मालिकों ने पूरी तरह से राजशाही को समाप्त करने के लिए एक जुट हो गए.
उन्होंने शाही परिवार को वापस पुर्तगाल लौटने पर मजबूर कर दिया. 15 नवंबर 1889 को ब्राज़ील में पहली रिपब्लिकन सरकार बनी. आज ब्राज़ील अर्थवयवस्था से लेकर विकास के हर पैमाने पर विश्व के प्रमुख देशों में एक माना जाता है.
अन्य घटनाएं
— जर्मनी, इंग्लैंड और नीदरलैंड ने आज ही के दिन 1701 में फ्रांस विरोधी समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
— बोरोडिनो के युद्ध में नेपोलियन ने 7 सितंबर 1812 को रूसी सेना को पराजित किया।
अमेरिका के लिए सबसे पहली बार आज ही के दिन 1813 में ‘अंकल सैम’ संबोधन का प्रयोग किया गया।
ब्राजील ने 7 सितंबर 1822 को पुर्तगाल से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध लेखक और बंगाली पुनर्जागरण के चिंतकों में से
एक राजनारायण बोस का जन्म 7 सितंबर 1826 में हुआ।
लेडी एलगीन नामक जहाज के लेक मिसीगन आज ही के दिन 1860 में डूब जाने से 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
संस्कृत के विद्वान् और महान् दार्शनिक गोपीनाथ कविराज का जन्म 7 सितंबर 1887 को हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया में 7 सितंबर 1902 को भयानक सूखा पड़ने के बाद देश भर के लोगों ने वर्षा के लिए एक साथ ईश्वर से प्रार्थना की।
बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना 7 सितंबर 1906 में हुयी।
बुल्गारिया के 36वें प्रधानमंत्री टोडर ज़िकोव का जन्म 7 सितंबर 1911 को हुआ था।
भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिक तथा परिवार नियोजन विशेषज्ञ बानो जहाँगीर कोयाजी का जन्म 7 सितंबर 1917 को हुआ था।
अमेरिका के न्यू जर्सी में 7 सितंबर 1921 को पहली मिस अमरिका सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
ब्रिटिश लेखक, निर्माता और अभिनेता डेविड क्रॉफ्ट का जन्म 7 सितंबर 1922 को हुआ था।
विएना में इंटरपोल की स्थापना 7 सितंबर 1923 को हुई।
फिलियो टेलर ने आज ही के दिन 1927 में पूर्णतः इलेक्ट्राणिक टीवी बनाने में सफलता हासिल की।
फिनलैंड में 7 सितंबर 1929 को नाजीजार्वी लेक में कुरो नाम स्टीमर के डूबने से 136 लोगों की मौत हो गई।
लंदन में 7 सितंबर 1931 को गोलमेज सम्मेलन का दूसरा सत्र शुरू हुआ।
अंतरराष्ट्रीय श्रम, सहकारिता, महिलाओं और लघु-वित्त आंदोलनों की सम्मानित नेता इला रमेश भट्ट का जन्म 7 सितंबर 1933 को हुआ था।
प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक बी. आर. इशारा का जन्म 7 सितंबर 1934 को हुआ था।
द्वितीय विश्वयुद्ध में 7 सितंबर 1940 को जर्मन सेना ने ब्रिटेन से लड़ाइ की अपनी रणनीति परिवर्तित की और लंदन सहित ब्रिटेन के विभिन्न शहरों पर बमबारी आरंभ कर दी।
टेक्सास के ह्यूस्टन में 7 सितंबर 1943 को एक होटल में आग लगने से 45 लोगों की मौत हो गई।
मलयालम फ़िल्म अभिनेता ममूटी का जन्म 7 सितंबर 1948 को हुआ था।
हंगरी में आज ही के दिन 1950 में सभी मठों काे बंद किया गया।
प्रसिद्ध लेखक, नाट्य निर्माता तथा निर्देशक अनिल चौधरी का जन्म 7 सितंबर 1950 को हुआ था।
निखिता खुर्स्चियो आज ही के दिन 1953 में सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी की सचीव चुनी गईं।
अशोक चक्र विजेता विमान परिचारिका नीरजा भनोट का जन्म 7 सितंबर 1963 को हुआ था।
चीन ने आज ही के दिन 1965 में घोषणा की कि वह भारतीय सीमा पर तैनात अपने सैनिकों को सुदृढ़ करेगा।
भारतीय सीमा पर 7 सितंबर 1965 को चीन द्वारा सेना की तैनाती की घोषणा।
इथोपिया ने आज ही के दिन 1977 में सोमालिया के साथ राजनयिक संबंध तोड़े।
स्कॉट रसमिसल और उनके पिता ब्यू रस्मिसन द्वारा 7 सितंबर 1979 को स्थापित खेल और मनोरंजन केबल चैनल इ.एस.पी.एन. ने केबल कार्यक्रमों की शुरुआत की।
विशप डेस्मंड टूटू आज ही के दिन 1986 में नोबेल पुरस्कार जीतने के पश्चात 2 वर्ष के लिए केपटाउन के पहले काले आर्च विशप बने।
जैरे के राष्ट्रपति रहे मोबुतु सेस सीको का निधन 7 सितंबर 1997 को हुआ था।
बेस्ट मिंस्टर आइवी तक राजकुमारी डायना की आज ही के दिन 1997 में 4 मील लंबी शवयात्रा निकली जिसका सीधा प्रसारण लाखों लोगों ने टीवी पर देखा।
अंतर संसदीय यूनियन (आई.पी.यू.) का 7 सितंबर 1998 को 100वां सम्मेलन मास्को में प्रारम्भ।
स्वतंत्रता सेनानी तथा गुजरात और मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल के. एम. चांडी का निधन 7 सितंबर 1998 को हुआ था।
एथेंस में 7 सितंबर 1999 को 5.9 तीव्रता के भूकंप से 143 लोगों की मौत हो गयी और 500 से अधिक घायल हो गए तथा 50,000 लोग बेघर हो गए।
आज ही के दिन 2002 में इयाजुद्दीन अहमद बांग्लादेश के नये राष्ट्रपति बने।
फिजी के विजय सिंह टाइगर वुड्स को आज ही के दिन 2004 में पीछे छोड़कर विश्व के नम्बर एक गोल्फ़र बने।
तेल के बदले अनाज कार्यक्रम की जांच रिपोर्ट 7 सितंबर 2005 को पेश की।
मिस्र में 7 सितंबर 2005 को पहली बार राष्ट्रपति चुनाव हुआ।
बेरेंट्स सागर में 7 सितंबर 2006 को रूस की एक परमाणु पनडुब्बी में आग लगने से चालक दल के दो सदस्यों की मौत।
भारत-अमेरिका परमाणु करार के तहत एन.एस.जी. के 45 सदस्यों ने आज ही के दिन 2008 में भारत को अन्तर्राष्ट्रीय बिरादरी से परमाणु व्यापार की छूट दी।
बंगाल के राज्यपाल गोपालकृष्ण गाँधी, राज्य के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य व तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष ममता बनर्जी के बीच 7
सितंबर 2008 को सिंगूर में टाटा मोटर्स के मामले में सहमति बनी।
कनाडा ने आज ही के दिन 2008 में जोसेफ केरोन को भारत में अपना नया उच्चायुक्त नियुक्त किया।
खगोलविदों ने 7 सितंबर 2008 को हमारी आकाश गंगा के बीचो बीच मौजूद विशालकाय ब्लैकहोल ने अन्दर साफ-साफ देखने में सफलता पाई।
सूखे को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने आज ही के दिन 2009 में ग़ैर योजना ख़र्च में 10% की कटौती के आदेश दिये।
भारत के पंकज आडवाणी ने 7 सितंबर 2009 में विश्व पेशेवर बिलियडर्स का ख़िताब जीता।
55वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार 2007 में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का ख़िताब निर्देशक प्रियदर्शन की फ़िल्म ‘कोजीवरम’ को आज ही के दिन 2009 में मिला।
दिल्ली में रात 11:28 बजे रिक्टर पैमाने पर आज ही के दिन 2011 में 4.2 तीव्रता का 6 सेकेंड तक चलने वाला भूकंप आया जिसका केंद्र हरियाणा के सोनीपत में स्थित था।
रूसी विमान याकोवलेव याक-42 के आज ही के दिन 2011 में उड़ान भरने के तुरत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 22 हॉकी खिलाड़ियों की पूरी टीम सहित 44 लोगों की मौत हो गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर के द्वार आज ही के दिन 2011 में संख्या-5 के पास सूटकेस में रखे गए बम के विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई और 74 लोग घायल हो गए।
क्वेटा (पाकिस्तान) के सिविल लाइन्स क्षेत्र में 7 सितंबर 2011 को कमिश्नर कार्यालय के पास विस्फोटक भरी कार से हुए दो आत्मघाती धमाकों में एक एफसी अधिकारी समेत 21 लोग मारे गए और 40 से अधिक लोग जख्मी हो गए।
दक्षिण-पश्चिम चीन में 7 सितंबर 2012 को आए भूकंप से 64 लोग मारे गए और 715 घायल हो गये।
त्रिपुरा, गोवा और उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी का निधन 7 सितंबर 2013 को हुआ था।