अंतरिम भारत सरकार का गठन दिवस
भारत की पहली स्वतंत्र सरकार आज़ादी से पहले ही बन गई थी!
सुनकर थोड़ा हैरानी होती है, लेकिन यह सच है. 2 सितंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्त्व में ने अंतरिम भारत सरकार का गठन किया गया था. इसमें भारत के आज़ादी से पहले ही भारत का मंत्रिमंडल चुन लिया गया था!
असल में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने भारत को स्वतंत्र करने का पूरा मन बना लिया था. फिर भी वह चाहता था कि भारत पर उसका कब्ज़ा रहे. इसलिए ब्रिटेन ने अंतरिम चुनाव करने का फैसला किया.
इसमें एक तरफ राष्ट्रीय कांग्रेस थी और दूसरी तरफ मुश्लिम लीग. चुनाव संपन्न होने के बाद फैसला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पक्ष में आया. साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरु को राष्ट्रपति बनाया गया. साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री की शक्तियां भी उन्हें दी गईं.
इस सरकार में दूसरा सबसे बड़ा पद सरदार पटेल का था. इसके अलावा सिख नेता बलदेव सिंह को रक्षा मंत्रालय, राजेंद्र प्रसाद को खाद्य तथा कृषि मंत्रालय, मुस्लिम कांग्रेस के नेता अशरफ अली को रेलवे और ट्रांसपोर्ट, और बाबू जगजीवन राम को अनुसूचित जाति मंत्रालय की कमान सौपी गई थी.
इस सरकार में मुस्लिम लीग के कुछ नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह दी गई थी. इनमें से मुख्य तौर पर इब्राहिम इस्माइल नाम आता है, जिन्हें चंद्रिका नगर के वाणिज्य विभाग दिया गया था. वही लियाकत अली खान को वित्त मंत्री बनाया गया था.हालांकि, यह सरकार 1947 के बाद भंग हो गई थी.
छह साल तक चला दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ
1945, जापान के लिए विनाशकारी साल साबित हुआ. असल में द्वितीय विश्व युद्ध में लगभग 4 करोड़ लोग मारे जा चुके थे. जापान के हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा 2 बम गिराए गए. हिरोशिमा पर बम गिराने के 72 घंटे बाद 9 अगस्त को जापान के ऊपर फिर बम गिराया गया. उससे ठीक एक दिन पहले रूस भी जापान के ख़िलाफ खड़ा हो गया था. इसके अलावा रूस की सेना जापान के भीतर तक दाखिल हो चुकी थी.अब जापान के पास दूसरा चारा नहीं था. जापान बुरी तरह से बर्बाद हो चुका था!
12 अगस्त को अमेरिका ने यह घोषणा जारी किया कि जापान आत्मसमर्पण कर देता है, तो हम जापानी सम्राट पर युद्ध का मुकदमा नहीं लगाएंगे. इस घोषणा के बावजूद जापानी प्रशासन 5 दिनों तक कोई निर्णय नहीं ले पाया था.वहीं 14 अगस्त तक जापान सरकार की कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर अमेरिका के राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने ब्रिटेन के राजदूत से जापान को एक संदेश भेजा कि अमेरिका टोक्यो पर भी परमाणु बम गिराने पर विचार कर रहा है.
यह सुनकर जापानी प्रशासन की नींद खुली. 14 अगस्त 1945 को देर रात हीरोहितो ने राजमहल में जापानी रेडियो सेवा के अधिकारियों को बुलवाया और अपना संदेश रिकार्ड करवाया.उस रिकॉर्ड में कहा गया कि अब जापान की सरकार युद्ध लड़ने में अक्षम है ‘समय आ गया है जब हम सहन न करने योग्य बातों को सहन करें... मैं खुद अपने आंसू पीकर मित्र राष्ट्रों के घोषणापत्र (जापान के आत्मर्पण की शर्तें) के प्रस्ताव को मानने की अनुमति देता हूं.’ इस घोषणा के अगले 15 अगस्त को जापान के कई सैनिको ने आत्महत्या कर ली.
इस तरह जापान और अमेरिका के बीच का युद्ध समाप्त हुआ. 14 अगस्त की रात को आत्म समर्पण की घोषणा जापान ने कर तो दिया था, लेकिन जापान ने 2 सितंबर 1945 को इस घोषणा के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया.
पैसा निकालने की मशीन एटीएम
2 सितंबर की तारीख बैंकिंग जगत में भी क्रांतिकारी बदलाव के लिए जानी जाती है. 1969 को इसी दिन बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र पहली बार दुनिया के सामने पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन आई.
इस ऑटोमैटिक टेलर मशीन को सबसे पहले केमिकल बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए शुरू किया था. बताते चलें कि इस ऑटोमैटिक टेलर मशीन को बनाने के लिए कई लोग कोशिश में जुटे थे. किन्तु, कामयाबी डॉन वेटजेल को ही मिली. शुरुआती दौर में इससे सिर्फ कैश निकलता था. बाद में 1980 आते-आते इसमें कई बदलाव देखने को मिले.
इसकी मदद से अमेरिका के ज्यादातर लोग पैसे निकालने और जमा करने के लिए इसका प्रयोग करने लगे.
आज के दिन अमेरिका की वित्तीय राजधानी न्यू यॉर्क में ऑटोमैटिक टेलर मशीन (एटीएम) को आम जनता के सामने पेश किया गया. ये पहल केमिकल बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए शुरू की. नारा दिया कि 'पर्सनल बैंकिंग और ज्यादा पर्सनल' हो चुकी है. वैसे एटीएम बनाने की कोशिश कई लोग कर रहे थे लेकिन सफलता डॉन वेटजेल को मिली. हालांकि शुरुआत में उनकी मशीन से सिर्फ कैश ही निकलता था.
इस मशीन के आते ही यह साफ हो गया कि अब पैसे निकालने के लिए बैंकों में लगने वाली लंबी कतार खत्म होने लगेगी.1980 तक अमेरिका के ज्यादतर शहरों में एटीएम लग चुके थे. इनसे पैसे निकालने के अलावा जमा और ट्रांसफर भी किये जा सकते थे.
भारत में पहली एटीएम मशीन 1988 में मुंबई में लगी. 1991 में भारत में बड़े वित्तीय सुधार हुए. इसी दौरान कई निजी बैंक भी बाजार में आए. प्रतिस्पर्द्धा बढ़ी. साथ ही भारत का आईटी उद्योग भी चकमने लगा. आईटी और बैंकिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलने से भारत के बैंकों ने भी जगह जगह एटीएम लगाने शुरू किए. फिलहाल भारत में एक लाख से ज्यादा एटीएम है. एक अंतरराष्ट्रीय फर्म के शोध के मुताबिक 2016 तक भारत में दो लाख एटीएम होंगे.
दुनिया भर में इस वक्त 10 लाख से ज्यादा एटीएम हैं और हर पांच मिनट में एक नया एटीएम
गुजरात के विद्रोहियों का हुआ दमन
2 सितंबर 1573 ई. के दिन अकबर बादशाह ने गुजरात पर आक्रमण किया था. ऐसा माना जाता है कि अकबर गुजरात की समृद्धि को देखकर इतना ललायित था कि वह जल्द से जल्द गुजरात के खजाने तक पहुँचना चाहता था.
इसी के तहत वह गुजरात जीतने के लिए इरादे से निकल पड़ा.यह वह दौर था जब गुजरात पर मुजफ्फर खां तृतीय का शासन था. मुजफ्फर ख़ाँ तृतीय और अकबर के बीच में लगभग डेढ़ महीने के संघर्ष चलता रहा. इस दौरान 26 फ़रवरी, 1573 ई. तक अकबर ने सूरत व अहमदाबाद को अपने अधिकार में कर लिया था. आगे वह आगरा लौट गया, लेकिन अभी भी उसकी नज़र गुजरात पर थी.
इसी बीच गुजरात में मुहम्मद हुसैन मिर्ज़ा के विद्रोह से आग बबूला होकर उसने दोबार से गुजरात की तरफ रुख किया और अंतत: 2 सितम्बर, 1573 ई. को विद्रोहियों का दमन कर दिया.
अगली कड़ी में उसने धीरे-धीरे पूरे गुजरात को अपने कब्ज़े में ले लिया था.
1573: अकबर ने गुजरात फ़तह किया।
1715: फ्रांस के राजा लुई चौदहवें की मौत हुई, उन्होंने कुल 72 साल तक शासन किया।
1775: पहले अमेरिकी युद्ध पोत ‘हाना’ का जनरल जॉर्ज वाशिंगटन ने जलावतरण किया गया।
1798: अंग्रेजो ने हैदराबाद के निजाम के साथ समझौता किया।
1806: भूस्खलन के कारण स्विटजरलैंड का एक पूरा शहर बर्बाद हो गया।
1877: जापान में सत्सुामा विद्रोह दबाया गया।
1926: इटली और यमन में हुए समझौते के तहत लाल सागर तट पर इटली का वर्चस्व कायम हुआ।
1945: जापान द्वारा हार स्वीकार कर लिए जाने के बाद छह साल तक चला दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ
1946: जवाहर लाल नेहरू के उप सभापतित्व में अंतरिम भारत सरकार का गठन हुआ।
1962: सोवियत संघ क्यूबा को हथियार देने पर राजी हुआ।
1970: नासा ने चांद पर जाने के लिए अपने दो अपोलो मिशन को कैंसिल कर दिया।
1992: अमेरिका और रूस अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए सहमत हुए।
1999: भारतीय तैराक बुला चौधरी इंग्लिश चैनल दो बार पार करने वाली प्रथम एशियाई महिला बनीं।
2007: अल्बानिया विश्व का पहला रासायनिक हथियार युक्त राष्ट्र बना।
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2 सितंबर को जन्मे व्यक्ति – Born on 2nd September
1885: केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक टी. के. माधवन का जन्म हुआ था।
1941: प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री साधना का जन्म हुआ था।
1984: भारतीय मॉडल और अभिनेत्री उदिता गोस्वामी का जन्म हुआ था।
1988: भारतीय क्रिकेटर इशांत शर्मा का जन्म हुआ था।
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2 सितंबर को हुए निधन – Died on 2nd September
1976: मराठी भाषा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु सखाराम खांडेकर का निधन हुआ था।
2000: मैनहट्टन परियोजना में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक जॉन सिम्पसन का निधन हुआ।