
खेल जुड़े इतिहास के पन्ने
इतिहास में 25 अगस्त की तारीख पर खेल जगत से जुड़ी तीन बड़ी घटनाएं दर्ज हैं। पहली घटना की बात करें तो 1957 में 25 अगस्त को ही भारत की पोलो टीम ने फ्रांस में खेली गई विश्व पोलो चैंपियनशिप में खिताबी विजय हासिल की थी। इतिहास में 25 अगस्त की तारीख पर खेल जगत से जुड़ी तीन बड़ी घटनाएं दर्ज हैं। पहली घटना की बात करें तो 1957 में 25 अगस्त को ही भारत की पोलो टीम ने फ्रांस में खेली गई विश्व पोलो चैंपियनशिप में खिताबी विजय हासिल की थी। दूसरी घटना में टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वालों की कतार में शामिल शेन वार्न ने 25 अगस्त के दिन ही 400 विकेट का आंकड़ा पार किया था। तीसरी घटना पिछले साल के जकार्ता एशियाई खेलों से जुड़ी है, जब भारत के शॉटपुट एथलीट तेजिंदरपाल सिंह तूर ने रिकार्ड प्रदर्शन कर सोने का तमगा हासिल किया।
मुंबई में हुए दो बम विस्फोट!
जी हाँ, 25 अगस्त का दिन मुंबई के इतिहास में एक काला अध्याय के रूप में जाना जाता है. एक बार फिर मुंबई में बम धमाके की गूंज ने मुंबई वासियों को दहला कर रख दिया था.दरअसल, 25 अगस्त 2003 को मुंबई में दो कार बम धमाके हुए थे.
जो गेटवे ऑफ़ इंडिया और झवेरी बाज़ार के पास हुआ था. इस हादसे में करीब 50 की मौत और सैकड़ों लोग घायल हुए थे. यह बम विस्फोट बहुत ही भयानक था. गेटवे ऑफ़ इंडिया वाले धमाके से तो ताज होटल की कांच तक टूट गई थी.वहीँ घटनास्थल से करीब 1 किमी दूर समुद्र के पास मौजूद लोग भी घायल हो गए थे. झवेरी बाज़ार में आभूषणों की बहुत बड़ी मार्केट थी, जबकि गेटवे ऑफ़ इंडिया पर भी अक्सर भीड़ भाड़ रहती है.इसीलिए, आतंकियों ने यह जगह चुनी थी जहाँ ज्यादा तादाद में जान माल का नुक्सान हो. यह घटना गुजरात दंगे का बदला था. इससे जुड़े आतंकियों के तार कट्टरपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था. इस विस्फोट की भी योजना 1993 बम धमाके की तरह दुबई में की गई थी.
सूत्रों की माने तो पकड़े गए आतंकियों ने इससे पहले 2 दिसंबर 2002 में एक बम विस्फोट किया था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी.मगर, इनके लिए यह छोटी घटना थी. वो इससे खुश नहीं थे. फिर उन्होंने एक बड़े हमले की योजना बनाई थी.
30 साल बाद श्रीलंका सरकार ने हटाया आपातकाल
जी हां 25 अगस्त के दिन ही श्रीलंका की सरकार ने देश में तीन दशकों से चले आ रहे आपातकाल को ख़त्म करने की घोषणा की थी. यह आपातकाल उस दौरान देश में लगा जब देश की सेना और तमिल विद्रोहियों के बीच टकराव शुरू हो गया था.
हालांकि, मई 2009 में लगभग तीन दशकों से तमिल विद्रोहियों से चला आ रहा यह संघर्ष एलटीटीई के नेता वी प्रभाकरण की मौत के बाद ख़त्म हो गया था. इसके बाद तमिल विद्रोहियों का सफाया हो गया.
अब इस सख्त कानून को देश में चालाने की आवश्कता नहीं थी, इसीलिए, 25 अगस्त 2011 को श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने संसद में आपातकाल हटाने की घोषणा कर दिया था.
उन्होंने अपने बयान में कहा था, कि “देश को लोकतांत्रिक ढंग से चलाने के लिए अब हमें आपातकालीन कानूनों की आवश्कता नहीं है.” इस तरह लगभग 30 सालों से चले आ रहे आपातकाल को ख़त्म कर दिया गया था.बहरहाल, इससे पहले भी सरकार समय समय पर इस आपातकाल को बढ़ाती आई थी.
कैप्टन कुक...ये नाम कहां से आया.
कुछ याद है. यह नाम कैप्टन जेम्स कुक को याद करते हुए प्रचलित हुआ.आज ही के दिन यानी 25 अगस्त 1768 को ब्रिटेन के जेम्स कुक अपनी पहली साहसिक समुद्री यात्रा पर निकले. इसी यात्रा में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की खोज की और प्रशांत महासागर के जलमार्ग बताने वाले नक्शे तैयार किए. कैप्टन कुक की वजह से इंसान ने 5000 मील का तटीय इलाका खोजा. जेम्स कुक ने कला और विज्ञान जगत को भी काफी कुछ दिया. वो अपने साथ दबाव, तापमान और नमी मापने वाले यंत्र लेकर गए. प्रशांत महासागर की कई जानकारियां पहली बार यूरोप तक उन्हीं के जरिए पहुंची.
वो पहले शख्स थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप के मूल निवासियों से संवाद किया. उन मूल निवासियों को एबोरिजनल या एबोरिजनीस कहा जाता है. कैप्टन कुक की डायरी से ही पता चला कि एबोरिजनल लोग प्रकृति के अत्यंत करीब हैं. मशीनी युग के हिसाब से बहुत पिछड़े होने के बावजूद वो प्राकृतिक संकेतों को जबरदस्त तरीके से समझते हैं. अब 300 साल बाद पश्चिमी कला जगत से जुड़े लोग भी यह मान रहे हैं कि यूरोप की कला में एबोरिजनल आर्ट की झलक भी मिलती है. माना जाता है कि जेम्स कुक के साथ ही ये यूरोप पहुंची.
जेम्स कुक तीन बार लंबी समुद्री यात्राओं पर निकले. 1779 में हवाई के पास जेम्स कुक के जत्थे का स्थानीय लोगों से विवाद हो गया. कुक अपने दल की एक नाव चोरी होने से खफा थे. विवाद इतना बढ़ा कि कुक और उनके चार साथियों की हत्या कर दी गई.
तुगलक वंश का तीसरा शासक
22 अगस्त के दिन तुगलक वंश का तीसरा शासक फिरोजशाह तुगलक दिल्ली के सिंहासन पर बैठा.मोहम्मद बिन तुगलक की मौत के बाद फिरोज शाह तुगलक दिल्ली का सुल्तान बना. फिरोज मोहम्मद का चचेरा भाई और सिपहसलार ‘रजब का पुत्र था. मोहम्मद की मौत के बाद 20 मार्च 1351 को फिरोज का राज्याभिषेक थट्टा के पास हुआ था,
मगर, दोबारा 25 अगस्त 1351 को दोबारा दिल्ली में राज्याभिषेक हुआ. सुलतान बनने के बाद इसने किसानों समेत कई तरह के कर्जों को माफ़ कर दिया था. फिरोज ने मुख्य रूप से जजिया, जकात, खराज और खम्स करों को ही जारी रखा था.
फिर, उसने सल्तनत से अलग होने वाले प्रदेशों जैसे बंगाल और सिंध पर चढ़ाई कर दिया. फिरोजशाह ने किसानों के हित के लिए कई कार्य किये, जिनमें 5 बड़ी नहरों का भी निर्माण शामिल है. उसने फिरोजाबाद, हिसार और जौनपुर आदि कई शहरों को बसाया था.इनके शासनकाल में दीवान-ए-खैरात के नाम से एक दान विभाग कायम किया गया था. अपराधियों को सख्त से सख्त सजाये मुकर्रर होती थीं. बाद में इसने ‘फतुहाते फिरोजशाही’ के नाम से एक आत्मकथा लिखी थी. ज्वालामुखी मंदिर की कुछ संस्कृत पुस्तकों का फ़ारसी में अनुवाद भी कराया था.
इसके शासनकाल में तांबे और चांदी के मिश्रण से बनी धातु के सिक्के जारी करवाए गए थे. सुलतान फिरोज शाह ने अपने शासनकाल के दौरान 1388 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.फिर, दिल्ली के हौजखास परिसर में इसे सुपुर्दे खाक कर दिया गया. इनकी मौत के बाद तुगलक वंश का पतन होने लगा था.
भारत बना पोलो विश्व विजेता
जी हां! 25 अगस्त भारतीय खेल के इतिहास में बहुत सुनहरा दिनों में से एक है. इसी दिन भारत पोलो विश्व चैपियनशिप में विश्व विजेता बनी थी, जो भारत के लिए बड़ी गर्व की बात थी. आज़ादी से पहले पोलो भारतीय राजाओं के पसंदीदा खेलों में से एक था.मगर आज़ादी के बाद भारत में यह खेल एक प्रोफेशनल तरीके से खेला जाने लगा.
आगे, 1957 में भारतीय पोलो टीम फ्रांस में होने वाले विश्व कप प्रतियोगिता के लिए रवाना हुई. इस टीम का नेतृत्व जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय कर रहे थे. इनकी कप्तानी में भारत ने अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरा और वर्ल्ड कप को जीत लिया था.
इस जीत से भारत में पोलो को फिर से बढ़ावा मिला था. इसके बाद 1975 में पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन के पीछे देश का सबसे बड़ा पोलो ग्राउंड का निर्माण कराया गया था. इस ग्राउंड को राष्ट्रपति पोलो ग्राउंड के नाम से जाना जाता है.
देश दुनिया के इतिहास में 25 अगस्त की तारीख में दर्ज कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
1351: सुल्तान फिरोजशाह तुग़लक़ तृतीय की ताजपोशी।
1916: टोटनबर्ग के युद्ध में रूस ने जर्मनी को पराजित किया।
1917: ब्रिटिश इंडिया आर्मी में सेवाएं दे रहे 7 भारतीयों को पहली बार किंग्स कमीशन मिला।
1940: लिथुआनिया, लातविया और एस्तोनिया सोवियत संघ में शामिल हुए।
1957: भारतीय पोलो टीम ने विश्व कप जीता।
1963: सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टालिन के सोलह विरोधियों को फांसी पर चढ़ा दिया गया।
1977: सर एडमंड हिलेरी का सागर से हिमालय अभियान हल्दिया बंदरगाह से शुरू।
1980: जिम्बाब्वे संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ।
1988: ईरान और इराक के बीच लंबे युद्ध के बाद सीधी बातचीत का दौर शुरू।1
1991: बेलारूस सोवियत संघ से अलग होकर स्वतंत्र देश बना।
1992: ब्रिटिश अखबार ने राजकुमारी डायना की बातचीत का ब्योरा जारी किया, जिसमें उन्होंने प्रिंस से शादी पर नाखुशी जाहिर की थी।
1997: मासूमा इब्तेकार ईरान की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं।
2001: आस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेनवार्न ने टेस्ट क्रिकेट में 400 टेस्ट विकेट लिए।
2003: मुंबई में कार बम विस्फोट में 50 से ज़्यादा लोगों की मौत और 150 से अधिक घायल।
2011: श्रीलंका सरकार ने देश में घोषित आपातकाल को 30 वर्ष बाद वापस लिया।
2018: भारत के शॉटपुट एथलीट तेजिंदरपाल सिंह तूर ने जकार्ता ओलंपिक खेलों में रिकार्ड प्रदर्शन कर सोने का तमगा हासिल किया।