
टहलने के वास्ते फिटनेस का फॉर्मूला
1964 के टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद एक घड़ी निर्माता ने बड़ी मात्रा में कदम गिनने वाली मशीनों का निर्माण किया था. उसके बाद से ही वहां रोजाना 10 हजार कदम चलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. वही अब ग्लोबल सोच और फिटनेस ट्रैकिंग का हिस्सा बन चुका है.
ज्यादातर फिटनेस ट्रेकिंग डिवाइस में एक पैमाना होता है, जो बताता है कि स्वस्थ रहने के लिए रोजाना 10 हजार कदम चलना जरूरी है. लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है, बल्कि यह पैमाना संयोग और विज्ञापन का नतीजा मात्र है.
हार्वर्ड के टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ आई-मिन ली ने गिनकर कदम चलने और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया है. वह इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं.
उनके मुताबिक 10 हजार कदम चलने का लक्ष्य 1960 के दशक में जापान में प्रचलित हुआ. 1964 के टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद जापान में फिटनेस के प्रति लोगों की रुचि बढ़ गई थी और इसी का फायदा उठाने के लिए यहां एक घड़ी निर्माता ने बड़ी मात्रा में पीडोमीटर (कदम गिनने वाली मशीन) की निर्माण किया, जिसमें जापानी भाषा में इस तरह नाम लिखा था कि जैसे कोई टहलते हुए आदमी की कलाकृति हो.
मशीन का जो नाम था, उसका एक मतलब 10 हजार कदम भी होता है. यहीं से एक ऐसा लक्ष्य पैदा हुआ, जो न सिर्फ दशकों से चला आ रहा है बल्कि अब ग्लोबल सोच और फिटनेस ट्रैकिंग का हिस्सा भी बन गया है.
फिटनेस का फॉर्मूला
ऐसा नहीं है कि टहलने का अच्छे स्वास्थ्य से संबंध नहीं है. जानकार मानते हैं कि टहलना स्वस्थ दिल, स्वस्थ हड्डियों और पूरे शरीर की फिटनेस से जुड़ा हुआ है. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ कुमार सर्वोत्तम कहते हैं, "अगर कोई हफ्ते में 5 दिन 10 हजार कदम चलता है तो इसे 30 मिनट की सामान्य वर्जिश के बराबर माना जा सकता है. हालांकि यह बात सभी लोगों के शरीर पर एक ही तरह से लागू नहीं होती है क्योंकि शरीर की बनावट, खान-पान की आदतें और अन्य शारीरिक क्रियाएं भी मायने रखती हैं."
वहीं भारतीय न्यूट्रीशियनिस्ट इस धारणा का समर्थन करते हैं. वे स्वास्थ व्यक्ति को 10 हजार कदम चलने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि इससे लोगों के दिमाग में काम के दौरान अपनी कुर्सियों से उठकर चलने का खयाल बना रहता है.
साल 2019 में किए गए एक स्टडी में पाया गया कि एक महिला जो अपनी उम्र के 70वें दशक में है, वह अगर मात्र 4400 कदम भी चलती है, प्रतिदिन मात्र 2700 कदम चलने वाली महिला के मुकाबले, उसकी मौत की संभावना 40 फीसदी कम हो जाती है.
इसी तरह उन महिलाओं की मौत की संभावना अपेक्षाकृत और कम रही, जो 5 हजार कदम से ज्यादा चल रही थीं लेकिन यह फायदे 7500 कदम प्रतिदिन से ज्यादा चलने पर नहीं बढ़े. यानी वे बुजुर्ग महिलाएं जो करीब 5 हजार कदम ही चल रही थीं, उनके बहुत कम चलने वाली महिलाओं के मुकाबले ज्यादा जीवित रहने की संभावना थी.
कदमों की संख्या के प्रभाव को लेकर एक ऐसी ही स्टडी पिछले साल 5 हजार मध्य उम्र के पुरुषों और महिलाओं पर की गई. अलग-अलग समुदायों से आने वाले लोगों पर की गई इस स्टडी में पाया गया कि अधिक जीने के लिए 10 हजार कदम चलने की कोई बाध्यता नहीं है.
इस स्टडी में सिर्फ यह साबित किया जा सका कि रोजाना 8 हजार कदम चलने वाले लोगों की समय से पहले मौत की संभावना, उन लोगों से आधी हो जाती है, जो रोजाना सिर्फ 4 हजार कदम चलते हैं. इसी स्टडी में पता चला कि 10 हजार या उससे ज्यादा चलने का कोई शारीरिक नुकसान नहीं है लेकिन इससे कोई फायदा भी नहीं है.
रोजाना 10 हजार कदम चलना नामुमकिन
वैसे भी शायद ही हम कभी 10 हजार कदम के लक्ष्य को पूरा कर पाते हैं. एक हालिया स्टडी में पता चला है कि अमेरिका और कनाडा सहित कई पश्चिमी देशों में औसतन लोग रोजाना 5 हजार कदम से भी कम चलते हैं.
मान लेते हैं कि हम रोजाना 10 हजार कदम चलने भी लगें तो यह प्रक्रिया लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी. बेल्जियम के गेंट में साल 2005 में स्थानीय लोगों पर इस लक्ष्य से जुड़ी एक चर्चित स्टडी की गई.
60 साल में ऐसी फिटनेस
660 लोगों पर की गई इस स्टडी में लोगों को 1 साल तक रोजाना 10 हजार कदम चलने का लक्ष्य दिया गया था. इस स्टडी में सिर्फ 8% लोग ही रोजाना 10 हजार कदम चलने में सफल रहे.वहीं चार साल बाद जब स्टडी का फॉलोअप लिया गया तो पता चला कि कोई भी अब इतना नहीं चल रहा था. ज्यादातर लोग चलने में उसी स्तर पर लौट चुके थे, जितना वे स्टडी शुरू होने से पहले चला करते थे.
टहलना संपूर्ण व्यायाम नहीं
अमेरिका जैसे कुछ देश जो स्वास्थ्य से जुड़े दिशा-निर्देश जारी करते हैं, वे कदमों के बजाए समय को पैमाना बनाते हैं. मसलन अमेरिकी सरकार सलाह देती है कि एक व्यक्ति को हफ्ते भर में 150 मिनट यानी ढाई घंटे व्यायाम करना चाहिए. रोजाना के हिसाब से देखें तो करीब 20-25 मिनट.स्पष्ट कर दें कि यह व्यायाम दिन के कामों से अलग होना चाहिए. कदमों को लेकर स्टडी करने वाले ली कहते हैं, "इस समय को कदमों में बदलें तो हफ्ते में कुल 16 हजार कदम होते हैं यानी रोज के करीब 2000-3000 कदम. इसे दूरी में बदलें तो करीब 1 मील या 1.6 किमी की दूरी."
खिलाड़ियों का फिटनेस मंत्र
ली कहते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति अपने दिन भर के काम-काज के लिए करीब 5 हजार कदम रोजाना चलता है. अगर वह 2-3 हजार कदम और चलने लगे तो यह उसके स्वस्थ रहने के लिए अच्छा होगा. यानी किसी इंसान के लिए दिन भर में 7-8 हजार कदम चलना सबसे बेहतर है.वैसे, ज्यादातर फिटनेस एक्सपर्ट सिर्फ टहलने को ही संपूर्ण व्यायाम नहीं मानते हैं लेकिन यह जरूर कहते हैं कि जब आप बाकायदा व्यायाम न कर पा रहे हों तो इतना भी काफी है.