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दिल्ली के रैन बसेरों में हमेशा मिलेगा दो वक्त का खाना
भारत सरकार के भोजन का आधिकार कानून के तहत केंद्र सरकार ने भले ही मुफ्त या काफी सस्ती दरों पर अनाज देने की योजना बनाई हो, लेकिन दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहती है. राजधाानी में रैन बसेरे में रहने वालों के केजरीवाल सरकार ने मुख्यमंत्री पोषाहार योजना लागू की है. इसका अरविंद केजरीवाल ने 8 अगस्त को दिल्ली में भोजन परोस कर किया. इस बारे में केजरीवाल बताया कि हमारी सरकार आने के बाद हमने सबसे पहले रैन बसेरों की तरफ अपना ध्यान दिया. यहां पर ठीक से बिस्तर का इंतजाम किया गया. दिल्ली में 209 रैन बसेरे चल रहे हैं. इन 209 रैन बसेरों में इस वक्त 6000 लोग रह रहे हैं और सर्दियों में लगभग 12000 लोग रहते हैं. दिल्ली सरकार द्वारा लांच की गई 'मुख्यमंत्री पोषाहार योजना' मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, वोटर कार्ड नहीं बने होने के कारण रैन बसेरों में रहने वाले लोग किसी भी पार्टी के वोट बैंक नहीं होते हैं, इसलिए आज तक सरकारों ने इन पर ध्यान नहीं दिया. उद्घाटन समारोह का आयोजन सराय काले खां स्थित नाइट सेल्टर में किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन, अक्षय पात्रा फाउंडेशन के चेयरमैन मधु पंडित दासा, आप विधायक विशेष रवि और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डुसिब) के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
केजरीवाल ने कहा कि हमारे रैन बसेरों में समाज के सबसे गरीब से गरीब लोग रहते हैं। इनमें से अधिकांश लोगों के वोट नहीं बने हुए हैं इसलिए कोई भी पार्टी की सरकार आ जाए, वो इनकी तरफ ध्यान नहीं देती है. केजरीवाल ने कहा कि हम लोग 2013-14 में राजनीति में आए थे. उसके पहले हर साल सर्दियों में साल दर साल, साल दर साल अखबारों में एक ही कहानी होती थी कि दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को डांट लगाई कि रैन बसेरों का ठीक से इंतजाम क्यों नहीं किया? उसके बावजूद भी कुछ नहीं सुधार हुआ. उन्होंने ने कहा कि कोरोना के समय में हमारी सरकार ने रैन बसेरों में रहने वाले लोगों को भोजन का भी इंतजाम करना शुरू किया था कि उनको दोनों वक्त का भोजन मिले. दिल्ली सरकार और अक्षय पात्रा फाउंडेशन के बीच में जो यह साझा कार्यक्रम शुरू हुआ है, इसके जरिए सभी रैन बसेरों में अब हमेशा खाना खिलाया जाएगा.