
ब्रिटिश सामानों के बहिष्कार की घोषणा
अगस्त का महीना भारतीय इतिहास में क्रांति और अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के आगाज से जुड़ा हुआ है. आज के दिन 7 अगस्त 1905 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सामानों के बहिष्कार की घोषणा की थी. यह घोषणा स्वदेशी आंदोलन के तहत की गई थी. इसके तहत भारत के लोगों को अपने देश में बने हुए सामान का प्रयोग करना था. इसके तहत ब्रिटेन में बने उत्पादों को आग भी लगानी थी.
दरअसल बंगाल 1900 में भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का मुख्य केंद्र बन गया था. इसलिए अंग्रेजों ने आन्दोलन को कमजोर करने के लिए 1905 में बंगाल का विभाजन कर दिया था.इसी विभाजन के विरोध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने स्वदेशी आन्दोलन चलाया था.
1909 के आते-आते यह आन्दोलन पूरे देश में फैल गया था. आम जनता ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार कर रही थी. लोग विलायती कपड़ों की होली जला रहे थे.
बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय, और्विन्दो घोष और बाबा गेनू इस आन्दोलन के प्रमुख नेता थे.इस आन्दोलन के सामानांतर अनेक क्रांतिकारी आन्दोलन भी चल रहे थे. कालांतर में इन आंदोलनों को ब्रिटिश सरकार द्वारा कुचल दिया गया. आगे 1915 में गांधी जी ने कमान संभाली. उनके सभी सत्याग्रह इसी स्वदेशी आन्दोलन की नींव पर ही खड़े हुए.इन आंदोलनों में असहयोग आन्दोलन सबसे प्रमुख था. इसे गांधी जी ने 1920 में शुरू किया था.
वोल्कसवैगन का उत्पादन हुआ बंद
7 अगस्त 1941 के दिन जर्मनी की कार निर्माता कंपनी वोल्कसवैगन ने उत्पादन कार्य बंद कर दिया. यह उत्पादन उसे अलाइड शक्तियों की बमबारी की वजह से रोकना पड़ा.वोल्कसवैगन को मुख्यता आम लोगों के लिए बनाई जा रही गाड़ी का उत्पादन बंद करना पड़ा था.
दस साल पहले जर्मनी के जाने-माने इंजीनीयर फर्दिनेंद पोर्शे ने सरकार के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. इस अनुबंध के तहत पोर्शे को जर्मनी के आम लोगों के लिए कम कीमत पर एक अच्छी गाड़ी बनानी थी.
इसके लिए हिटलर ने पोर्शे को एक फैक्ट्री खोलकर दी थी.यह फैक्ट्री 1938 में खोली गई थी. इसने ऐसी गाड़ियों का निर्माण भी शुरू कर दिया था. आगे 1939 में हिटलर ने पोलैंड पर हमला बोलकर दूसरा विश्व युद्ध शुरू कर दिया.
अब जर्मनी को इन छोटी गाड़ियों की जगह बड़ी और मज़बूत गाड़ियों की जरूरत थी.इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पोर्शे ने ऐसी गाड़ियों का निर्माण कार्य शुरू किया. इस बीच युद्ध तेज हो गया, तो बमबारी के डर से फैक्ट्री को उत्पादन बंद करना पड़ा. बाद में पोर्शे को गिरफ्तार करके जेल में भी डाल दिया गया.
जब द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हुआ, तो जर्मनी को पूर्व और पश्चिम दो भागों में बाँट दिया गया. पश्चिमी जर्मनी पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का कब्जा था. पूर्वी जर्मनी सोवियत संघ के नियंत्रण में आया.इस प्रकार इन देशों ने अलग-अलग तरीके से उत्पादन कार्य को वापस से चालू किया.
कोलंबिया में हुए रहस्यमयी धमाके
7 अगस्त 1956 के दिन कोलंबिया में रहस्यमयी धमाके हुए. इन धमाकों में करीब 1,000 लोग मारे गए. ये धमाके हथियारों से भरे मिलिट्री ट्रकों में हुए. इन धमाकों के पीछे की वजह का आजतक पता नहीं चल पाया. 6 अगस्त के दिन 20 ट्रकों में डायनामाईट भरकर कोलम्बिया से रवाना किया गया. इनमें से 13 ट्रक बगोटा शहर की ऑर मुड़ गए. बाकी के बचे 7 ट्रकों को कहीं और जाना था, इसलिए रात में उन्हें काली नाम के कस्बे में पार्क किया गया.
आधी रात में अचानक ट्रकों में धमाका हो गया. इन धमाकों से पास में स्थित एक रेलवे स्टेशन और एक आरामी बैरक पूरी तरह से तबाह हो गया. इस बैरक में करीब 500 सैनिक मारे गए.
वहीं शहर की कई इमारतें भी इस विस्फोट से ध्वस्त हो गईं. ट्रक जहां पार्क किए गए थे, वहां जमीन में एक बड़ा गड्ढा हो गया.
सरकारी संस्थाओं ने इस विस्फोट के पीछे आतंकवादियों का हाथ बताया. लेकिन जांच में आजतक इन धमाकों के पीछे का कारण पता नहीं चला. 500 सैनिकों के अलावा इसमें करीब 500 नागरिक और मारे गए.
लेखक हेनरी फील्डिंग पहुंचे लिस्बन
7 अगस्त 1954 के दिन विश्व के प्रसिद्द उपन्यासकार और नाटककार हेनरी फील्डिंग अपनी सेहत में सुधार के लिए लंदन से लिस्बन आ गए. वे काफी समय से खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे थे. लिस्बन वे इसलिए आए थे, ताकि उन्हें सेहत के अनुकूल वातावरण मिल सके. हालाँकि, दो महीने के बाद उनकी यहीं पर मृत्यु हो गई.
हेनरी फील्डिंग ने सत्रह साल की उम्र में कॉलेज छोड़ दिया था. इसकी बाद उन्होंने अपना जीवन चलने के लिए नाटक लिखने शुरू किए. इस दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक नाटक लिखे.
जल्द ही उन्हें एक अच्छे नाटककार के रूप में ख्याति प्राप्त हो गई.आगे 1736 में उन्होंने ‘हिस्टोरिकल रजिस्टर ऑफ़ दि इयर’ नाम का व्यंग लेख छापा. इससे प्रधानमंत्री नाराज हो गए. इस कारण हेनरी को अपना यह व्यवसाय छोड़ना पड़ा. आगे उन्होंने कानून की पढ़ाई की और एक अखबार में संपादक का काम करने लगे.
आगे उन्होंने उपन्यास लिखना शुरू किया. 1749 में उन्होंने ‘टॉम जोंस’ नाम का उपन्यास लिखा. यह उपन्यास बहुत प्रसिद्ध हुआ. आगे 1751 में उन्होंने ‘एमेलिया’ नाम का उपन्यास लिखा.यह उपन्यास भी काफी प्रसिद्ध हुआ. 1754 में उनकी मृत्यु हो गई.
ऐसा था पहला का स्वचालित इलेक्ट्रानिक कैलकुलेटर
51 फीट लंबाई, 8 फीट ऊंचाई और पांच टन का वजन, यह किसी गाड़ी के बारे में नहीं बल्कि पहले स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर हार्वर्ड मार्क वन की बात हो रही है. आज ही के दिन इस कैलकुलेटर को पहली बार पेश किया गया था.
इसका श्रेय अमेरिकी कंपनी आइबीएम को जाता है. ऑटोमैटिक सीक्वेंस कंट्रोल्ड कैलकुलैटर (एएससीसी) का आयडिया हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहे होवर्ड एच आइकन ने 1930 में पेश किया. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आइबीएम ने इस आयडिया पर काम करना शुरू किया.
आइकन ने पहले इस कैलकुलेटर का प्रस्ताव हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फिजिक्स विभाग, फिर एक दूसरी मशीन कंपनी मोनरो और वहां भी नाकाम होने के बाद आइबीएम के सामने रखा. प्रस्ताव आइबीएम को पसंद आया और आइबीएम इंवेंटर्स एंड साइंटिस्ट्स के डीन जेम्स ब्राइस ने कंपनी के मुख्य इंजीनियर क्लेयर डे लेक को 1939 में इस पर काम करने को कहा. आइकन भी इस प्रोजेक्ट पर उनके साथ काम कर रहे थे. फरवरी 1944 में कैलकुलेटर के मशीनी हिस्सों को अलग अलग शिप पर सवार कर हार्वर्ड भेजा गया और कंपनी ने 7 अगस्त 1944 को यूनिवर्सिटी को यह कैलकुलेटर भेंट किया. इसकी लागत दो लाख डॉलर आई थी. उसके ऊपर से एक लाख डॉलर कंपनी ने यूनिवर्सिटी को कैलकुलेटर पर काम करने के लिए दिया.
अन्य घटनाएं
1606 : शेक्सपियर के नाटक मैक्बेथ का पहली बार मंचन किंग जेम्स प्रथम के लिए किया गया।
1753 : ब्रिटेन म्यूजियम की स्थापना की गई।
1905 : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया।
1941 : नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर का निधन।
1944 : पहले कैलकुलेटर के नाम पर 51 फीट लंबी, 8 फीट ऊंची और पांच टन वजन की एक विशाल मशीन का निर्माण।
1947 : मुंबई नगर निगम को बिजली और परिवहन व्यवस्था औपचारिक रूप से हस्तांतरित हुई।
1960 : अफ़्रीक़ा महाद्वीप के देश आइवरी कोस्ट को फ़्रांस के अधिकार से आजादी मिली।
1972 : युगांडा के नेता इदी अमीन ने एशियाई मूल के लोगों को 90 दिन के भीतर देश छोड़कर चले जाने का आदेश दिया।
1985 : गीत सेठी ने विश्व अमेच्योर बिलियर्ड्स चैंपियनशिप जीती। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह तीसरे भारतीय बने।
1990 : अमेरिका ने सऊदी अरब में सेना तैनात कर ऑपरेशन डेजर्ट शील्ड शुरू किया।
1998 : केन्या एवं तंजानिया की राजधानियों में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर आतंकवादी हमले में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु।