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यूं मददगार सबित हुई साइबर हेल्पलाइन
इन दिनों साइबर फ्रॉड की वारदातें तेजी से बढ़ी है. पिछले पांच वर्षों में पूणे शहर में साइबर अपराध की शिकायतों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है.ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी में गंवाने के बाद पुणे में एक व्यक्ति को 3.57 लाख रुपये वापस मिल गए. घटना पुणे शहर पुलिस के साइबर पुलिस स्टेशन के अनुसार अपराधी ने पीड़ित को फोन किया था. उसे एक नया क्रेडिट कार्ड जारी करने और प्राइज का प्वांई देने की पेशकश की गई थी. उसके बाद उन्होंने उनसे पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अपने मौजूदा कार्ड को बंद करने का भी आग्रह किया था. ऐसा कर जालसाज को व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड खाते के बारे में तमाम संवेदनशील जानकारियां हासिल कर लीं. उसके बाद 14 जुलाई को पीड़ित के बैंक खाते से उसकी जानकारी और सहमति के बिना 3.66 लाख रुपये ट्रांसफर हो गए. इससे आहत व्यक्ति ने साइबर क्राइम सेल में की. शिकायत के आधार पर पुलिस ने ऑनलाइन मनी ट्रांसफर से संबंधित “पेमेंट मर्चेंट” के नोडल अधिकारियों से संपर्क किया. उनसे धोखाधड़ी के लेनदेन के बारे में शिकायत की गई. उसके बाद शिकायत करने वाले बैंक खाते में पेमेंट मर्चेंट द्वारा 3,57,362 रुपये वापस ट्रांस्फर कर दिए गए। इसी के साथ पुलिस ने आम जनता को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बैंक खातों के गोपनीय विवरण के लिए कॉल का जवाब नहीं देने की सलाह दी है। इसके लिए पुणे पुलिस साइबर क्राइम सेल ने जुलाई की शुरुआत में ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए 24 घंटे के दो हेल्पलाइन नंबर शुरू किए. ये नंबर 7058719371 और 7058719375 व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध हैं। पुणे पुलिस के आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि कोई भी व्यक्ति नई साइबर हेल्पलाइन पर साइबर धोखाधड़ी के स्क्रीनशॉट साझा कर सकता है, जिससे गंवाए हुए रकम के वसूली की संभावना बढ़ जाएगी। हालाँकि, जिन लोगों को ठगे जाने की आशंका हो , उन्हें देर किए बगैर तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है. क्योंकि साइबर क्राइम के बाद समय रहते एक्शन लेने पर लेनदेन को फ्रीज कर पैसे को पुनः प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके लिए जितनी जल्द हो कार्रवाई करनी चाहिए. वरना देरे होने पर पैसे वापसी की संभावना कम हो जाती है. यह ठीक उसी तरह है जिस तरह से किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को बचाने के लिए तुरंत अस्पताल लेकर जाना. साइबर अपराध श्रेणियाँ पुणे पुलिस द्वारा साइबर क्राइम की पांच अलग-अलग इकाइयां बनाई गई हैं: 1 हैकिंग/डेटा चोरी 2 ऑनलाइन कारोबार 3 धोखा देना 4 सामाजिक नेटवर्क 5 एटीएम कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी 6 शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया इनमें किसी भी तरह की जानकारी के लिए सबसे पहले हेल्पलाइन पर कॉल करना चाहिए।
फिर उसी नंबर पर आवश्यक स्क्रीनशॉट भेजने होंगे। उसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज करने की पहल करनी चाहिए.उसके बाद एक लिंक के माध्यम से एक क्यूआर कोड प्रदान किया जाएगा। इस लिंक के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने केस की प्रगति को ट्रैक कर सकता है। सलाह साइबर पुलिस ने जनता से की अपील: मोबाइल क्लोनिंग एप डाउनलोड न करें। अनधिकृत/अज्ञात लिंक न खोलें। मोबाइल पर ओटीपी नंबर या डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड की जानकारी साझा न करें। ऑनलाइन धोखाधड़ी के तुरंत बाद साइबर पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। कस्टमर केयर से संपर्क करते समय आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क नंबर सत्यापित करें।