देश को मिली पहली महिला शतरंज की सरताज
शतरंज में शह और मात के खेल में अपने धैर्य से प्रतिद्वंद्वी को गलती करने पर मजबूर करने वाली महिलस एस विजयलक्ष्मी ने वर्ष 2000 में 24 जुलाई के दिन देश की पहली महिला ग्रैंडमास्टर होने का गौरव हासिल किया था। 25 मार्च 1979 को जन्मी विजयलक्ष्मी ने बड़ी कम उम्र से ही शतरंज के टूर्नामेंट जीतना शुरू कर दिया था। राष्ट्रीय खिताब के अलावा वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने फन का लोहा मनवाने में कामयाब रही और वर्ष 2000 में उन्हें देश की पहली महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव हासिल हुआ।
यह सफलता उन्होंने विप्रो द्वारा आयोजित की गई अंतरराष्ट्रीय चेस चैम्पियनशिप के दौरान हासिल की. इस दौरान उन्होंने विप्रो के पी. हरिकिशन को पराजित किया. एस विजयलक्ष्मी ने इस प्रतियोगिता में इंडियन एयरलाइंस की तरफ से हिस्सा लिया था.
इस प्रतियोगिता का आयोजन हैदराबाद में किया गया था.फाइनल मैच के पहले विजयलक्ष्मी नर्वस थीं. हालाँकि, इससे पहले वे तीन बार चैंपियन बन चुकी थीं. खैर, मैच शुरू हुआ तो विजयलक्ष्मी को प्रथम भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर बनने में ज्यादा समय नहीं लगा.
उन्होंने मैच के 9 राउंड ड्रा खेलकर यह खिताब अपने नाम किया. हालाँकि, सबसे पहले राउंड में वे लगभग हार ही गई थीं.
मैच के बाद विजयलक्ष्मी ने बताया कि वे इस जीत से काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि मैच से पहले वे काफी नर्वस थीं, इसलिए उन्होंने भगवत गीता का पाठ भी किया था. उन्होंने बताया कि इससे पहले वे तीन बार महिला श्रेणी में चैंपियन बन चुकी हैं, लेकिन भारत की पहली महिला चेस ग्रांडमास्टर बनना उनके लिए बेहद खास था.उनकी इस जीत के बाद उनके पास बधाइयों का तांता लग गया.
शुरू हुआ रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान
24 जुलाई 1932 के दिन रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान की स्थापना हुई. इसकी स्थापना स्वामी दयानंद महाराज ने कोलकाता में की. पहले-पहल इसे एक किराए के मकान में खोला गया. एक अमेरिकी विदूषी हेलेन रूबेल ने इसे स्थापित करने में वित्तीय सहायता प्रदान की. हेलेन रूबेल को ‘सिस्टर भक्ति’ के नाम से भी जाना जाता है. कुछ वर्षों के बाद लैंडसम रोड पर एक प्लाट खरीदा गया. 4 मार्च 1938 के दिन श्रीमत स्वामी महाराज ने इस प्रतिष्ठान के पक्के भवन की नींव रखी. श्रीमत स्वामी महाराज स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य रह चुके थे.
वे रामकृष्ण मठ के चौथे प्रमुख भी थे. 1939 के आते-आते यह प्रतिष्ठान मातृत्व और शिशु सेवा और सुरक्षा के लिए प्रसिद्द हो गया. अब इसका नाम ‘शिशुमंगल’ रख दिया गया. 1957 के आते-आते यह पुरुषों की भी देखभाल करने लगा.एक बार फिर से इसका नाम बदलकर ‘सेवा प्रतिष्ठान’ कर दिया गया.
बाद में 1977 में यह ‘विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस’ हो गया. इस समय तक इसकी सेवाओं में भी बढ़ोत्तरी हो गई. आगे इसमें और भी विकास हुए. 2015 में भारत सरकार ने स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जन्मशती के अवसर पर ‘स्वामी विवेकानंद कार्डियक सेंटर’ का उद्घाटन किया.
कुतुबुद्दीन ऐबक बना सुल्तान
24 जुलाई 1206 के दिन लाहौर में कुतुबुद्दीन ऐबक का राज्याभिषेक हुआ. यह कार्य मोहम्मद गौरी के मृत्यु के बाद हुआ.इससे पहले मोहम्मद गौरी ने उत्तरी भारत के कई इलाकों को जीतकर दिल्ली सल्तनत की नींव रखने में प्रमुख भूमिका निभाई थी. कुतुबुद्दीन ऐबक उसका सेनापति था. दिल्ली सल्तनत को मध्कालीन भारतीय इतिहास में प्रमुख स्थान प्राप्त है.
असल में तराइन की दूसरी लड़ाई के बाद तुर्कों ने दिल्ली पर फतह हासिल कर ली थी. इसके बाद मोहम्मद गौरी कुतुबुद्दीन एबक को जीते हुए इलाकों की जिम्मेदारी सौंपकर खुरासान वापस चला गया था.
आगे ऐबक ने दिल्ली को अपना केंद्र बनाया और सल्तनत का प्रसार दोआब क्षेत्र तक कर लिया. इसके बाद उसने राजपूतों के ऊपर आक्रमण किया. इसी बीच उसके लेफ्टिनेंट बख्तियार खिलजी ने बिहार और बंगाल पर नियंत्रण स्थापित कर लिया.बहरहाल, जल्द ही ऐबक ने लाहौर को अपना केंद्र बना लिया.
आगे चलकर उसने संधियों और कूटनीति के सहारे उत्तर-पश्चिम के एक बड़े हिस्से पर अपना दबदबा कायम कर लिया. 1210 में उसकी मृत्यु हो गई तो उसका दामाद इल्तुतमिश दिल्ली का नया सुल्तान बना.
कुतुबुद्दीन ऐबक को अपने राज्य से चोरी और दूसरे छोटे-मोटे अपराधों को ख़त्म करने का श्रेय जाता है. उसने दिल्ली और अजमेर में मस्जिदों का निर्माण भी करवाया. उसके शासन में हिन्दुओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. उसकी उदारता की वजह से ही उसे ‘लाखबख्स’ की उपाधि मिली.
बाफोर्स पर विपक्ष के सांसदों ने दिया था इस्तीफ़ा
24 जुलाई 1989 के दिन लोकसभा में विपक्ष के अधिकतर सांसदों ने इस्तीफ़ा दे दिया. बाद में इन इस्तीफों को स्वीकार भी कर लिया गया. यह इस्तीफे बोफोर्स घोटाले को लेकर दिए गए थे.
हम आपको बता दे कि बोफोर्स एक ऐसा घोटाला था, जिसने 1980 और 1990 में देश में कोहराम मचा दिया था. इस घोटाले में कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं का नाम आया. इसमें तब के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का भी नाम था.
इनके ऊपर स्वीडेन की हथियार निर्माता कम्पनी बोफोर्स से घूंस लेकर भारतीय सेना को तोप सप्लाई करने का आरोप था.इस घोटाले को एन राम नाम के एक खोजी पत्रकार ने प्रकाश में लाया था. वह तब दि हिन्दू में कार्यरत थे. इस घोटाले की वजह से 1989 के आम लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी.
बाद में जांच में पता चला था कि कांग्रेस के कई मंत्रियों को बोफोर्स कम्पनी से 12 मिलियन डालर की घूस मिली थी.आरोप लगने के बाद कैग ने इसकी जांच की थी. कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 392 करोड़ के हथियारों को मानकों का उलंघन करके कैग से ख़रीदा गया था. इसके साथ कैग ने यह भी बताया कि हथियारों की डिलीवरी में जानबूझकर देरी की गई.
इस रिपोर्ट के बाद कहा गया कि घोटाले पर सदन में विस्तृत चर्चा हो, लेकिन विपक्ष ने इसपर चर्चा करने से मना कर दिया. विपक्ष ने मांग की राजीव गाँधी अपने पद से इस्तीफ़ा दें.बाद में जब राजीव ने इस्तीफ़ा नहीं दिया तो विपक्षी सांसदों ने इस्तीफ़ा दे दिया. आगे इन बोफोर्स तोपों का कारगिल युद्ध में इस्तेमाल हुआ. इन तोपों ने भारत को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
ब्रिटेन ने हैम्बर्ग में लगा दिया लाशों का ढेर!
24 जुलाई का दिन जर्मनी वासियों के लिए कयामत के दिन से कम नहीं था. यह साल था 1943 का जब, दुनिया विश्व युद्ध से जुझ रही थी.सभी देश एक दूसरे के खिलाफ जंग लड़ रहे थे. इस दौरान जुलाई महीने में जर्मनी के लड़ाकू जहाजों ने ब्रिटेन के अलग-अलग क्षेत्रों में बमबारी की.
इसमें 167 लोगों की मौत हुई. इसका बदला लेते हुए ब्रिटेन ने अमरीकी सेना के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन किया, जिसे गोमोराह नाम दिया गया.बमबारी के लिए जर्मनी का हैम्बर्ग शहर चुना गया. 24 जुलाई को ब्रिटेन के जहाजों ने हैम्बर्ग की ओर उड़ान भरी.
इसके बाद करीब 43 मिनटों में जहाजों से 2,326 टन विस्फोटक हैम्बर्ग शहर पर बरसाए गए. यह बम जिस स्थान पर गिर रहे थे वहां आग लगा रहे थे.इसके चलते पूरा हैम्बर्ग शहर जल कर राख हो गया. इस हमले में करीब 42,000 जर्मन नागरिक मारे गए थे.
अपोलो 11 सफलतापूर्वक धरती पर लौटा
किसी इंसान द्वारा चांद पर पहली बार जाने की ऐतिहासिक यात्रा आज ही के दिन सफलतापूर्वक पूरी हुई थी. चांद पर जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान अपोलो 11 अपने अभियान को पूरा कर 24 जुलाई 1969 को धरती पर वापिस लौटा था.इस अतंरिक्ष यात्रा में नील आर्मस्ट्रांग समेत लूनर मॉड्यूल, पायलट बज़ एल्ड्रिन और माइकल कॉलिंस शामिल थे.
अपोलो 11 में सवार क्रू मेंबर पश्चिम समय के मुताबिक सुबह के 6 बज कर 47 मिनट पर उठ गए थे और लैंडिंग के लिए तैयार थे.सबसे पहला कीर्तिमान 12.21pm पर दर्ज हुआ, जब कोलंबिया कमांड मॉड्यूल सर्विस मॉड्यूल से अलग हुआ. आपको बता दें कि सर्विस मॉड्यूल यान का वो हिस्सा होता है, जहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर और बिजली के उपकरण रखे जाते हैं.
यही उपकरण चांद पर इन लोगों के काम आए थे. इसके बाद करीब 12.35 पर कोलंबिया धरती के वातावरण में पहुंच गया. इस दौरान वातावरण की गर्मी ने अंदर बैठे तीनों लोगों की हालत खसता कर दी.
हालांकि, फिर हर चीज योजना के हिसाब से ही हुई और आखिरकार 1527 किलोमीटर की गति से मॉड्यूल होनोलूलू के दक्षिण पश्चिम समुद्र में लैंड हो गया.
इसके बाद बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा और स्पेसक्राफ्ट को खोल कर तीनों को बाहर निकाला और हेडक्वाटर लाया गया. इस यात्रा की याद स्वरुप चांद के कुछ पत्थर व मिट्टी धरती पर लाई गई थी.
तमिल विद्रोहियों द्वारा श्रीलंका हवाई अड्डे पर हमला
यह वाक्या उस समय का था, जब श्रीलंका गृह युद्ध की स्थिति से जुझ रहा था. इस दौरान तमिल विद्रोही श्रीलंका सरकार के विरुद्ध जंग छेड़ कर बैठे थे.
इसी बीच साल 2001 में 24 जुलाई के दिन 15 से 20 विद्रोही हथियारों समेत भण्डारनायके अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र में दाखिल हो गए.वहां उन्होंने बम धमाके किए व 20 के करीब लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इन लोगों ने एयरपोर्ट पर मौजूद 13 एयरक्राफ्ट को भी भारी नुकसान पहुंचाया.
कुछ ही समय में सेना मौके पर पहुंच गई और उन्होंने इन सभी विद्रोहियों को मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के बाद राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा ने कैबिनेट की बैठक की और इस मामले की उच्च जांच के आदेश दिए.
जांच में पता चला था कि एयरपोर्ट पर आने वाले सभी विद्रोही सुसाइड बॉम्बर थे. वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की मंशा से आए थे.इस हमले के बाद श्रीलंका सरकार ने भारत के साथ मिलकर एल.टी.टी.ई के विरुद्ध चलाए जा रहे अपने सैन्य अभियानों को तेज कर दिया था.
पॉप सिंगर व एक्ट्रेस जेनिफर लोपेज का जन्मदिन
अंग्रेजी सिंगिंग इंडस्ट्री में जेनिफर लोपेज एक बड़ा नाम है. उनका जन्म भी 24 जुलाई 1969 में न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स शहर में हुआ था.
जेनिफर ने अपने करियर की शुरुआत 'लिविंग कलर' नाम के एक टीवी शो में डांस करके की थी. इसके बाद उन्हें 'सेलेना' मूवी में अभिनय करने का मौका मिला. यह एक पॉप सिंगर सेलेना क्यूइंतिलाना के जीवन पर बनी एक बॉयोपिक थी. फिल्म में किए गए उनके अभिनय के लिए उन्हें खूब सराहना मिली.
हालांकि, कुछ समय बाद जेनिफर का झुकाव म्यूजिक इंडस्ट्री की ओर बढ़ा और उन्होंने सिंगिंग शुरु कर दी. साल 1999 में उन्होंने अपनी पहली म्यूजिक एलबम ‘On The 6’ निकाली, जो काफी हिट हुई.
अपने करियर को लेकर किया गया उनका यह फैसला आगे चलकर उनके लिए सही साबित हुआ. जेनिफर की सिंगिंग को लोगों का खूब प्यार मिला.साल 2004 में उन्होंने मार्क एंथोनी से शादी और उन्हें जुड़वा बच्चे भी हुए. वर्तमान में वह अपने कुछ टीवी प्रोजेक्ट में व्यस्त हैं. इसमें अमेरिकन आइडल, शेड्स ऑफ ब्लू और वर्ल्ड ऑफ डांस शामिल हैं.
कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
1793 : फ्रांस ने कॉपीराइट कानून बनाया।
1823 : चिली में दास प्रथा समाप्त हुई।
1870 : अमेरिका में पहली रेल सेवा की शुरुआत।
1890 : सोवा बाजार क्लब ने पहली बार किसी इंग्लिश फुटबाल टीम :ईस्ट सरे: के खिलाफ जीत दर्ज की।
1911 : हैरम बेहन द्वारा माया सभ्यता के लुप्त शहर माचुपिच्चु को खोज निकाला गया।
1923 : लौसन की संधि। स्विट्जरलैंड में ग्रीस, बुल्गारिया और प्रथम विश्व युद्ध में शामिल अन्य देशों के बीच हुई इस संधि के द्वारा आधुनिक तुर्की की सीमाओं को व्यवस्थित किया गया।
1932 : रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान की स्थापना।
1938 : इंस्टेंट काफी की खोज हुई।
1969 : अपोलो 11 अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर वापिस लौटा।
1974 : अमेरिका की शीर्ष अदालत ने देश के तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन को वाटरगेट मामले से जुड़े़ सभी टेप जांच एजेंसियों के हवाले करने का आदेश दिया।
1987 : मशहूर उपन्यासकार जेफ़री आर्चर ने डेली स्टार अखबार के खिलाफ लाखों पाउंड का मानहानि का मुक़दमा जीता ।
1989 : लोकसभा में विपक्ष के लगभग सभी सदस्यों ने इस्तीफा दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
1999 : अमेरिकी अंतरिक्ष यान कोलंबिया का सफल प्रक्षेपण।
2000 : एस विजयलक्ष्मी शतरंज की पहली महिला ग्रैंडमास्टर बनी।
2005 : कोरियाई क्षेत्र को परमाणु हथियारों से मुक्त करने हेतु उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच आम सहमति बनी।