
राष्ट्रीय झंडा अंगीकार दिवस
भारत की आजादी के इतिहास में 22 जुलाई की तारीख का एक खास महत्त्व है। यह दिन देश के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ा है। दरअसल वह 22 जुलाई का दिन था, जब संविधान सभा ने तिरंगे को देश के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अंगीकार किया था। यह दिन देश के राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ा है। संविधान सभा ने तिरंगे को देश के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अंगीकार किया था। 'तिरंगा' भारत का राष्ट्रीय ध्वज है जो तीन रंगों से बना है इसलिए हम इसे तिरंगा कहते हैं। तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है। ध्वज को साधारण भाषा में 'झंडा' भी कहा जाता है। झंडे की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात 2:3 है। सफ़ेद पट्टी के केंद्र में गहरा नीले रंग का चक्र है, जिसका प्रारूप अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले चक्र की भांति है। चक्र की परिधि लगभग सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर है। चक्र में 24 तीलियाँ हैं। इस झंडे को मछलीपट्टनम के पिंगली वैंकेया ने बनाया था. इसके बाद खिलाफत आन्दोलन के दौरान मोतीलाल नेहरु के नेतृत्व में तीन रंगों के झंडे का प्रयोग हुआ.
आगे फ्लैग कोड ऑफ़ इंडिया के तहत झंडे के प्रयोग के लिए नियम-कानून बनाए गए. इसमें यह निर्धारित किया गया कि केवल गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के दिन ही इसका प्रयोग किया जाएगा.आगे 2002 में नवीन जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि झंडे का प्रयोग किसी दिन भी किया जा सकता है. आगे 2005 में इस ओर कुछ और सुधार हुए. इन सुधारों के तहत कुछ परिधानों में भी झंडे के प्रयोग को वैध कर दिया गया.
भूस्थिर उपग्रह का काम हुआ शुरू
22 जुलाई 1981 के दिन भारत के पहले भूस्थिर उपग्रह ने काम करना शुरू किया. इसका नाम एप्पल था. इसे 19 जुलाई को लांच किया गया था. इसकी निगरानी इसरो ने की थी.
इस उपग्रह को एरियन नाम के लांच वेहिकल से लांच किया था. यह वेहिकल फ्रांस में बनाया गया था.इस उपग्रह को लांच करने के बाद भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया, जिनके पास अपना खुद का तीन अक्षीय भूस्थिर उपग्रह था. इस उपग्रह का वजन 673 किलो था. इसका व्यास 1200 मिलीमीटर और लम्बाई 1985 मिलीमीटर थी.
इसका डिजाइन बैंगलोर केंद्र में किया था. यह केंद्र पूरी तरह से इसरो की निगरानी में था. इस केंद्र के पास उपग्रह की थर्मल पॉवर, टीटीसी और सेंसर की निगरानी की भी जिम्मेदारी थी.
लांच से पहले इसकी क्षमता और गुणवत्ता की जांच के लिए इसे फ़्रांस भेजा गया था. टेस्ट में पास होने के बाद इसे वापस भारत लाया गया. आगे आन्ध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लांच किया गया.
यह उपग्रह मुखता टेलीविजन और रेडिओ के क्षेत्र में नए प्रयोग करने के उद्देश्य से लांच किया गया था. यह पूरे दो साल तक अपनी कक्षा में रहा. सितम्बर 1983 में इसे निष्क्रिय कर दिया गया.इसके लांच होने के एक साल पूरे होने के उपलक्ष में भारतीय डाक सेवा ने डाक टिकट भी जारी किया.
प्रणब मुखर्जी बने भारत के नए राष्ट्रपति
22 जुलाई 2012 के दिन प्रणब मुखर्जी को भारतीय गणराज्य का नया राष्ट्रपति चुना गया. इस प्रकार वे देश के बार्हंवें राष्ट्रपति बने. इस चुनाव में वे सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की तरफ से खड़े हुए थे. उनसे पहले प्रतिभा पाटिल देश की राष्ट्रपति थीं.इस चुनाव में उनके विरुद्ध पूर्णो संगमा को खड़ा किया गया था. संगमा को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन प्राप्त था.
राष्ट्रपति चुने जाने से पहले प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक और प्रशासनिक कैरियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं थीं. विदेश और रक्षा मंत्री इनमें से प्रमुख जिम्मेदारियां थीं.
प्रणब मुखर्जी जब चुनाव जीते थे, तब कांग्रेस पार्टी के ऊपर लगातर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे. ऐसे में उनका चुनाव जीतना कांग्रेस पार्टी के लिए राहत भरी सांस लेने के बराबर था.
भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को कुछ बहुत ज्यादा शक्तियां नहीं दी गयी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में राष्ट्रपति सरकार बनवाने में अग्रणी भूमिका निभाता है.इसके अलावा विधानसभा में भी ऐसी स्थिति होने पर उसका महत्त्व बढ़ जाता है, तब राज्य का गवर्नर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देता है.
शिवाजी ने जीता वेल्लोर का किला
22 जुलाई 1678 के दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने वेल्लोर का किला जीत लिया.5 जून 1674 को शिवाजी ने राजकाज संभाला था. इसके तुरंत बाद ही उन्होंने अपने राज्य को दक्षिण की तरफ फ़ैलाने की योजना बनाई थी. वेल्लोर के किले की यह जीत इसी योजना का परिणाम थी.
जनवरी 1677 में शिवाजी ने कर्णाटक की ओर रुख किया और क़ुतुब शाह के साथ संधि की. इस संधि के बाद वे अपनी बड़ी सेना के साथ मद्रास पहुंचे. यहाँ पर उन्होंने नादिर मोहम्मद शाह के झिंजी किले को अपने कब्जे में ले लिया.असल में इस झिंजी के किले को हासिल करने के लिए शिवाजी को खून खराबा नहीं करना पड़ा था. नादिर मोहम्मद शाह ने शिवाजी की शक्ति देखकर ही समर्पण कर दिया था.हालाँकि, वेल्लोर के किले में ऐसा नहीं हुआ. इसे जीतने के लिए शिवाजी को खूनी संघर्ष करना पडा. इस किले पर अपना कब्जा जमाने के लिए शिवाजी के सामने शेर खान लोदी और अब्दुल खान थे.हर बार की तरह इस बार भी शिवाजी ने अपने विरोधियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया, लेकिन वे दोनों नहीं माने. इसके बाद शिवाजी ने उनके ऊपर आक्रमण कर दिया और वेल्लोर के किले को जीत लिया.
सूर्यग्रहण
22 जुलाई 2009 का दिन खगोलशास्त्र के लिहाज से बेहद अहम रहा. इसी दिन 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण भारत में दिखाई दिया.
सूर्य ग्रहण भारत में जितना आस्था का विषय है उतना ही वैज्ञानिकों के लिए शोध का भी. 22 जुलाई 2009 को हुए 21वीं सदी के लंबे पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान वैज्ञानिकों ने सूर्य से निकलने वाली किरणों के बारे में अध्ययन किया. वहीं जीव वैज्ञानिकों ने ग्रहण के दौरान पशु पक्षियों के व्यवहार का अध्ययन किया क्योंकि अचानक सूरज के गायब होने और पृथ्वी पर अंधेरा छा जाने के कारण जानवरों की जैविक घड़ी गड़बड़ा जाती है. सूर्यग्रहण के मौके पर उज्जैन, वाराणसी और करनाल जैसे धार्मिक स्थलों में पूजा पाठ का आयोजन भी होता है.
इस दिन सूर्य ग्रहण का अनुभव लेने के लिए दुनिया भर से लोग बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में इकट्ठे हुए. बिहार का तारेगना गांव अचानक दुनिया भर में चर्चा में आ गया, जहां से सूर्यग्रहण सबसे अच्छी तरह दिखने वाला था. लेकिन अफसोस यह रहा कि ऐन मौके पर मौसम ने साथ न दिया और वहां बादल छाए रहे. कुछ ट्रैवल एजेंसियों ने इस मौके पर विशेष विमान को कई हजार फुट की ऊंचाई पर ले जा कर यात्रियों को सूर्यग्रहण का नजारा दिखाने का प्रबंध भी किया था.
अन्य घटनाएं
1731: स्पेन ने वियना संधि पर हस्ताक्षर किए।
1918: भारत के पहले कुशल पायलट इन्द्रलाल राय प्रथम विश्वयुद्ध के समय लंदन में जर्मनी से हुई लड़ाई में मारे गए।
1947: संविधान सभा ने तिरंगे को देश के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अंगीकार किया।
1969: सोवियत संघ ने स्पूतनिक 50 और मोलनिया 112 संचार उपग्रहों का प्रक्षेपण किया।
1981: भारत के पहले भूस्थिर उपग्रह ऐपल ने कार्य करना शुरू किया।
1988: अमेरिका के 500 वैज्ञानिकों ने पेंटागन में जैविक हथियार बनाने के शोध का बहिष्कार करने की प्रतिज्ञा ली।
1999: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा समान कार्य के लिए समान पारिश्रमिक की कार्य योजना लागू।
2001: शेर बहादुर देउबा नेपाल के नये प्रधानमंत्री बने
2001: समूह-आठ के देशों का जीनिवा में सम्मेलन सम्पन्न।
2003: इराक में हवाई हमले में तानाशाह सद्दाम हुसैन के दो बेटे मारे गए।
2012: प्रणव मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति निर्वाचित।