जमीनी स्तर पर लोकतंत्र में आए मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी ने परिसीमन प्रकिया, चुनाव और विकास पर जोर दिया, जबकि सभी नेताओं ने अपनी—अपनी बात सकारत्मक रूख के साथ रखी।
जम्मू—कश्मीर में सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए 24 जून को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक संपन्न हुई, जिसमें जम्मू—कश्मीर के 14 नेताओं ने रचनात्मक महौल में बातचीत की। इस तरह की बैठक पहली बार बैठक साढ़े तीन घंटे तक चली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे बीच राजनीतिक मतभेद होंगे, लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रकिया, चुनाव और विकास पर जोर दिया।
बैठक के लिए बुलाए गए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं में चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती थे, जबकि विभिन्न दलों के अन्य नेताओं में रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह शामिल हुए। उनके अतिरिक्त बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत केंद्र सरकार के कई अफसर भी शामिल रहे।
किसने क्या कहा
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ आज की बैठक एक विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ाया गया है। हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों को, खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों। हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले जो जम्मू-कश्मीर के विकास पथ को ताकत दे।
पीएम मोदी ने कहा कि 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को खत्म चाहता हूं। जब लोग भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अनुभव करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास जगाता है और लोग प्रशासन को अपना सहयोग भी देते हैं और यह आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई दे रहा है।
अमित शाह ने कहा—
जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया। हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैठक में जम्मू और कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गई और परिसीमन अभ्यास और संसद में किए गए वादे के अनुसार शांतिपूर्ण चुनाव राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं।
जितेंद्र सिंह ने कहा—
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पीएम द्वारा जम्मू-कश्मीर में कहे गए विकास की बात को लेकर कहा कि इसके लिए साझेदारी हो। विधानसभा चुनाव के लिए परिसीमन की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करना होगा ताकि हर क्षेत्र प्राप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सकें। परिसीमन की प्रक्रिया में सभी की हिस्सेदारी हो, इसको लेकर बैठक में बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए सहमति जताई।
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा—
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ़ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी। सरकार राज्य का दर्ज़ा जल्दी बहाल करे। हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली। केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं। राजनीतिक कैदियों को छोड़ा जाए, रोज़गार और जमीन की गारंटी दे सरकार। बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा—
नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने बैठक में कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को ख़त्म करने के फ़ैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन हम कानून हाथ में नहीं लेंगे। हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लड़ेंगे। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा दिया जाए। सभी नेताओं ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। हमने पीएम को यह भी बताया कि राज्य और केंद्र के बीच विश्वास भंग हुआ है। इसे बहाल करना केंद्र का कर्तव्य है। पीएम और गृह मंत्री दोनों ने कहा कि चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल करने का काम जल्द शुरू होना चाहिए। आजाद साहब ने कहा कि पहले राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और फिर चुनाव होना चाहिए। इस पर पीएम ने कुछ नहीं कहा।
महबूबा मुफ्ती ने कहा—
पीडीपी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपना पुराना राग अलापा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। वे अपमानित महसूस करते हैं। मैंने पीएम से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग जिस तरह से अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक, अवैध और अनैतिक रूप से निरस्त किया गया, उसे स्वीकार नहीं करते।
उन्होंने कहा कि मैंने बैठक में प्रधानमंत्री की प्रशंसा की और कहा कि आपने पाकिस्तान से बात कर सीज़फायर करवाया। घुसपैठ कम हुई यह अच्छी बात है। मैंने पीएम मोदी से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान से बात करने पर सुकून मिलता है तो आपको पाकिस्तान से बात करनी चाहिए।
मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा—
पीएम की जम्मू-कश्मीर पर बैठक के बाद मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि बैठक बहुत शानदार हुई। मैंने कहा कि 370 का मामला सु्प्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट धारा 370 के मामले पर फ़ैसला करेगा। मैंने धारा 370 कि कोई मांग नहीं रखी। मैंने कहा कि 370 ख़त्म करने का फ़ैसला जम्मू-कश्मीर विधानसभा के द्वारा होना चाहिए। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग सभी दलों ने की। पीएम ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिए जाने पर सीधे कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा पहले परिसीमन हो।
रविंदर रैना ने कहा—
जम्मू-कश्मीर के भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को पीएम नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि सभी जम्मू-कश्मीर के भविष्य और बेहतरी के लिए मिलकर काम करेंगे। पीएम मोदी ने सबकी सुनी और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
कविंदर गुप्ता ने कहा—
भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा कि अनुच्छेद 370 जो हट गया है वो वापस आए जाए ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए। प्रक्रिया लागू हो जाएगी जिसके बारे में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें एक प्रतिनिधि मिल जाएगा। सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे। मुझे लगता है कि आने वाले समय में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू होने वाली है। चुनाव भी परिसीमन प्रक्रिया के बाद होगा। वहां एक बार फिर विधानसभा का गठन होगा।
अल्ताफ बुखारी ने कहा—
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि पीएम ने सभी को परिसीमन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा। हमें भरोसा दिलाया गया है कि यह चुनाव का रोडमैप है। पीएम ने यह भी कहा कि हम राज्य की बहाली के लिए प्रतिबद्ध हैं। वार्ता आज अच्छे माहौल में हुई। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के हमारे मुद्दे सुने। पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। अनुच्छेद 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती। दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी।
सज्जाद लोन ने कहा—
बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई। हम काफी सकारात्मक निकले हैं कि उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ डिलीवरी होगी।