
संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत, पहली
बार हुआ था जंबो जेट में बम धमाका
साल 1980 में हुआ सफदरजंग हवाई अड्डे का विमान हादसा भले ही इतिहास के पन्ने में दबकर रह गया हो, लेकिन उस हादसे में हुई संजय गांधी की मौत के बाद राजनीति समीकरण भी बदलते चले गए। उस हादसे में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी की 23 जून 1980 को मौत हो गई थी।
इस दर्दनाक हादसे ने देश की राजनीति के सारे समीकरण बदल डाले। कारण संजय गांधी को इंदिरा गांधी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था, लेकिन उनके निधन से देश की सियासी हवाएं पूरी तरह बदल गईं।
23 जून का दिन एक अन्य विमान हादसे का भी गवाह है। 1985 में वह 23 जून का ही दिन था, जब एयर इंडिया का एक यात्री विमान आयरलैंड तट के क़रीब हवा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और 329 यात्रियों की मौत हो गई थी। हादसे के समय विमान अपने गंतव्य हीथ्रो हवाई अड्डे से मात्र 45 मिनट की दूरी पर था।
9,400 मीटर यानी 31,000 फीट की ऊंचाई पर इस विमान में बम धमाका हुआ. बोईंग 747-237बी इस धमाके के साथ अटलांटिक महासागर में क्रैश हो गया. धमाके के समय विमान आयरलैंड की हवाई सीमा में उड़ रहा था. प्लेन में सवार 329 यात्रियों में से कोई नहीं बचा. इसमें 268 कनाडा के, 27 ब्रिटिश और 24 भारतीय नागरिक सवार थे. कनाडा के इतिहास और आयरलैंड की हवाई सीमा में होने वाला यह सबसे बुरा हवाई हादसा था.
किसी जंबो जेट में हुई यह पहला बम धमाका था. 1988 में लॉकरबी बम धमाके में ऐसा ही तरीका इस्तेमाल किया गया था. विस्फोटक एक रेडियो में रखा हुआ था और धमाका टाइमर से किया गया था. यह बम सूटकेस में था.1985 में हुआ यह धमाका नारिटा एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके के एक घंटे के अंदर हुआ था. नारिटा में विस्फोटक विमान में पहुंचने से पहले ही फट गया. इस धमाके से मिले सबूतों से संकेत मिला था कि हमलावर दो विमानों को एक साथ उड़ाना चाहते थे.
इस हमले की जांच और सुनवाई करीब 20 साल चली. कनाडा की अदालत जांच और सुनवाई के बाद इस नतीजे पर पहुंती कि धमाकों के मुख्य संदिग्ध बब्बर खालसा गुट के सिख चरमपंथी थे और उनके साथ कनाडा का एक गुट जुड़ा हुआ था. इन धमाकों में शामिल होने का दोषी सिर्फ इंदरजीत सिंह रेयात पाया गया. उन्हें बम बनाने और इन बमों का फ्लाइट 182 और नैरिता में धमाका करने के दोष में 15 साल कैद की सजा हुई.
2006 में गर्वनर जनरल इन काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट जज जॉन मेजर के नेतृत्व में एक जांच आयोग बनाया. इसकी रिपोर्ट 17 जून 2010 को जारी की गई. इसमें कहा गया कि कनाडा की सरकार, रॉयल कनाडियाई माउंटेड पुलिस और कनाडा की सुरक्षा और खुफिया सर्विस के एक कि बाद एक गलतियों की श्रृंखला के कारण ये आतंकी हमले हुए.
बेटी के नाम पर मर्सिडीज
एक कारोबारी ने कार का नाम अपनी बेटी के नाम पर रख दिया और यहीं से मर्सिडीज नाम की शुरूआत हुई. कंपनी का नाम तो डाइम्लर मोटोरेन गेजेलशाफ्ट है.जर्मनी के मेकैनिकल इंजीनियर गॉटलीब डाइम्लर ने पेट्रोल से चलने वाली अपनी पहली लक्जरी कार 1899 में मोरक्को के सुल्तान को बेची. डाइम्लर ने अपने ही कस्बे कानश्टाड में डाइम्लर मोटोरेन गेजेलशाफ्ट (डीएमजी) नाम की कंपनी भी बनाई. इसी बीच ऑस्ट्रिया के एक कारोबारी एमिल येलिनेक ने डाइम्लर से संपर्क किया. येलिनेक ने दो सिलेंडरों और छह हॉर्सपावर की एक कार खरीदी. उन्हें ये कार धीमी लगी. उन्होंने डाइम्लर से कहा कि वो दो चार सिलेंडर वाली कारें बनाएं, जो तेज भागें. डाइम्लर ने ऐसा कर दिया. नई कारों को येलिनेक ऑस्ट्रिया के अमीरों को बेचने लगे.
इसके साथ ही कारों की रेस भी शुरू हो गई. येलिनेक ने रेस में हिस्सा लेने वाली अपनी कार का नाम मेर्सिडीस रखा. असल में यह उनकी बेटी का नाम था. 1900 में येलिनेक और डाइम्लर के बीच समझौता हुआ कि वो चार सिलेंडरों वाली कारें मर्सिडीज के नाम से बेचेंगे. दोनों को लगा कि इस नाम से गाड़ी के जर्मन होने के अहसास नहीं होता, लिहाजा ये फ्रांस में भी आसानी से बिकेगी. यही हुआ भी. डीएमजी ने दिसंबर 1900 तक 35 हॉर्सपावर की गाड़ी बना दी. इसकी चेसिस स्टील की थी. 1901 में बाजार में आने के साथ ही इसे पहली आधुनिक कार कहा जाने लगा. इसकी उच्चतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रतिघंटा थी.
मर्सिडीज नाम से बिक रही इन कारों ने जर्मनी, ऑस्ट्रिया और फ्रांस में गजब की कामयाबी हासिल की. बड़ी सफलता को देखते हुए 22 जून 1902 को डीएमजी ने अपना ब्रांड नाम आधिकारिक तौर पर मर्सिडीज दर्ज करा दिया. आज दुनिया भर में इन कारों को मर्सिडीज के नाम से जाना जाता है.
अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
1661 : सम्राट चार्ल्स द्वितीय का पुर्तगाल की राजकुमारी से विवाह हुआ और पुर्तगाल ने दहेज के तौर पर बम्बई को ब्रिटेन को सौंप दिया।
1757 : पलासी की लड़ाई में अंग्रेजों के हाथों सिराजुद्दौला की हार और वह ऊंट पर बैठकर निकल भागा।
1761 : मराठा शासक पेशवा बालाजी बाजी राव का निधन।
1810 : बाम्बे के डंकन डॉक का निर्माण कार्य पूरा।
1868 : क्रिस्टोफर एल शोल्स को टाइपराइटर के लिए पेटेंट मिला।
1953 : जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का कश्मीर में एक अस्पताल में निधन।
1960 : जापान और अमेरिका के बीच सुरक्षा समझौता।
1980 : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत।
1985 : एयर इंडिया का एक यात्री विमान आयरलैंड तट के करीब हवा में दुर्घटनाग्रस्त। सभी 329 यात्रियों की मौत।
1992 : न्यूयॉर्क के अपराध जगत के सरगना और क्षेत्र के सबसे बड़े माफिया परिवार के प्रमुख गोत्ती को धोखाधड़ी और हत्या के पांच मामलों में उम्रक़ैद की सजा सुनाई गई।
1994 : संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने दक्षिण अफ़्रीका की सदस्यता को मंजूर किया।
1994 : उत्तरी कोरिया द्वारा परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने की घोषणा।
1996 : शेख हसीना वाजिद ने बंगलादेश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
2008 : टायर बनाने वाली देश की प्रमुख कम्पनी जेके टायर इण्डिया लिमिटेड ने मैक्सिको की टायर कम्पनी टोर्नल एवं उसकी सहायक कम्पनियों का 270 करोड़ डालर में अधिग्रहण किया।
2013 : निक वाल्लेंडा अमेरिका के ग्रांड कैनयॉन की पहाड़ी को रस्सी पर चलकर पार करनेवाले पहले व्यक्ति बने।
2016 : ब्रिटेन के लोगों ने यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में वोट दिया। प्रस्ताव के पक्ष में 51.9 प्रतिशत वोट पड़े, जबकि 48.1 ने इसका विरोध किया।