
महान एथलीट फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का निधन
मिल्खा सिंह के दुनियाभर में फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है। भारत के लिए कॉमनवेल्थ में सबसे पहला गोल्ड मेडल जीतने का कमाल मिल्खा जी ने ही किया था। इसके अलावा एशियन गेम्स में इस महान धावक के नाम चार गोल्ड मेडल भी थे। भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का 18 जून देर रात निधन हो गया। कोरोना के पीड़ित के निधन की खबर से पूरे देश में शोक का लहर बन गई। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ दिनों में उनकी तबीयत में सुधार हुई थी, लेकिन अचानक से ऑक्सीजन का स्तर कम होने के बाद उनको सांस लेने में तकलीफ हुई और देर रात इस महान हस्ति के निधन की खबर आई।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक 18 जून की रात 11 बजकर 30 मिनट पर मिल्खा सिंह ने आखिरी सांस ली। वे 91 साल के थे और 17 मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
मिल्खा सिंह को दो दिन पहले ही पीजीआई चंडीगढ़ के कोरोना आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था, लेकिन 17 जून की रात उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पिछले महीने कोविड-19 संक्रमण हो गया था। उनकी पत्नी निर्मल कौर का कोविड-19 संक्रमण से जूझते हुए 13 जून को मोहाली में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। मिल्खा सिंह की पत्नी भी भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान थीं। पद्मश्री मिल्खा सिंह के परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत ने ऐसा महान खिलाड़ी खो दिया जिनके जीवन से उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी। उन्होंने शोक जताते हुए लिखा - 'मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था। अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे। मैं उनके निधन से आहत हूं।
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैने कुछ दिन पहले ही श्री मिल्खा सिंह जी से बात की थी। मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी। उनके जीवन से कई उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनायें।’

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का ट्वीट
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, 'स्पोर्टिंग आइकन मिल्खा सिंह के निधन की खबर सुनकर काफी दुख हुआ। उनके संघर्षों की कहानी और चरित्र की ताकत भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनके परिवार के सदस्यों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।'
The passing of sporting icon Milkha Singh fills my heart with grief. The story of his struggles and strength of character will continue to inspire generations of Indians. My deepest condolences to his family members, and countless admirers.
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 18, 2021
उपराष्ट्रपति श्री वैकेंया नायडू ने ट्वीट कर कहा, 'श्री मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। विश्व मंच पर अपने शानदार प्रदर्शन के माध्यम से, महान एथलीट ने हर भारतीय को प्रेरित और प्रेरित किया है। मिल्खा सिंह जी की शानदार जीवन यात्रा कई और इच्छुक भारतीय एथलीटों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करती रहेगी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।'
गृह मंत्री ने भी दी श्रद्धांजलिवहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि- "भारत महान धावक श्री मिल्खा सिंह जी, द फ्लाइंग सिख के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करता है। उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है। राष्ट्र उन्हें हमेशा भारतीय खेलों के सबसे चमकीले सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा. उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।

चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
मिल्खा सिंह के जीवन पर 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें कि फरहान अख्तर ने उनका किरदार निभाया था. मिल्खा सिंह के परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं.
भारत के इस महान धावक को दुनियाभर में फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है। भारत के लिए कॉमनवेल्थ में सबसे पहला गोल्ड मेडल जीतने का कमाल मिल्खा जी ने ही किया था। इसके अलावा एशियन गेम्स में इस महान धावक के नाम चार गोल्ड मेडल भी थे। ओलंपिक में भारत की तरफ से कांस्य पदक जीतने से चूके मिल्खा को भारत के सबसे महान और चमकदार एथलीट के तौर पर जाना जाता है।
मैगबुक, फोटो साभार टूडे टाइम्सइंडिया और आजतक