
स्टैच्यू आफ लिबर्टी से लेकर किडनी ट्रांसप्लांट तक
देश-दुनिया के इतिहास में 17 जून की तारीख के नाम कई उपलब्धियों के अलावा कुछ ऐतिहासिक यादें दर्ज हैं, जो दर्शनीय बन चुकी हैं। जिनकी याद में दुनिया के सात अजूबों में बने ताजमहल का आज उनका जन्मदिन है। वहीं अमेरिका की पहचान रखने वाला लिबर्टी का संबंध भी आज के दिन से ही है। इसके साथ ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के इसे अहम दिन को कैसे भूला जा सकता है, जब अंग्रेजों का छक्का छुड़ाने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई इसी दिन वीरगति को प्राप्त हुई थीं। चिकित्सा विज्ञान में पहली बार किसी चिकित्सक ने किडनी ट्रांसप्लांट का कारनाम किया।
तोहफे में मिला स्टैच्यू आफ लिबर्टी
हर देश में कोई न कोई ऐसा स्थान, स्मारक, पर्यटन स्थल या भवन होता है, जो उसकी पहचान होता है। ताजमहल को भारत की पहचान के तौर पर देखा जा सकता है तो 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' को अमेरिका की पहचान कहा जा सकता है। आज की पीढ़ी के लिए यह तथ्य रोचक हो सकता है कि 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' अमेरिका को फ्रांस की तरफ से तोहफे में मिला था और यह 17 जून के ही दिन अमेरिका को सौंपा गया था। चार जुलाई 1776 को अमेरिका की स्वतंत्रता की स्मृति में फ्रांसीसियों द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' का निर्माण फ्रांस और अमेरिका दोनों के संयुक्त प्रयासों से किया गया था। दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए एक समझौते के तहत अमेरिकी लोगों ने इस मूर्ति का आधार बनाया, जबकि फ्रांसीसी लोगों ने मूर्ति को आकार और स्वरूप दिया। तांबे की यह शानदार प्रतिमा अमेरिका के न्यूयार्क शहर के मैनहट्टन में 'लिबर्टी द्वीप' पर स्थित है।
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किडनी ट्रांसप्लांट का कारनाम
आजकल दिल और किडनी के ट्रांसप्लांट आम बात हैं लेकिन जब डॉक्टरों ने ऐसा पहली बार किया, तो चिकित्सा जगत में धूम मच गई.
1950, शिकागो- 49 साल की रूथ टकर के गुर्दे खराब हो चुके थे. टकर अस्पताल के बिस्तर पर मौत का इंतजार नहीं करना चाहती थीं. डॉक्टर रिचर्ड लॉलर की टीम ने फिर तय किया कि वे एक मृत महिला के शरीर से एक किडनी लेंगे और उसे टकर के शरीर में ट्रांसप्लांट करेंगे. टकर के पास एक ही गुर्दा बचा था और उसकी हालत भी काफी खराब थी.
उस समय डॉक्टरों के पास भी इन्फेकशन रोकने के लिए अच्छी दवाइयां नहीं थीं, लेकिन गुर्दा उन्होंने फिर भी ट्रांसप्लांट किया. टकर का शरीर गुर्दे को सही तरह अपना नहीं पाया लेकिन डॉक्टरों ने किसी तरह गुर्दे को टकर के शरीर में नौ महीनों तक रखा. उनका दूसरा गुर्दा तब तक ठीक हो गया और वह पांच और साल जी चुकी. उनकी मौत उनके गुर्दे की वजह से नहीं, बल्कि दिल की बीमारी से हुई.
चार साल बाद 1954 में पहली बार दो जिंदा लोगों के बीच किडनी ट्रांसप्लांट हुआ. बॉस्टन के डॉक्टरों ने रिचर्ड हेरिक को बचाने के लिए उसके जुड़वां भाई रोनाल्ड से एक गुर्दा लिया. क्योंकि वे जुड़वां थे, तो उनके शरीर भी एक जैसे थे और गुर्दे को शरीर ने स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं की. इस काम के लिए डॉक्टर जोसेफ मरे को 1990 में नोबल चिकित्सा पुरस्कार से नवाजा गया.
वरीगति पाने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
17 जून का दिन देश-दुनिया के इतिहास में काफी अहमियत रखता है. खासतौर पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का यह एक अहम दिन है. अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई इसी दिन वीरगति को प्राप्त हुई थीं.
विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस
1995 से, यह दिन मरुस्थलीकरण और सूखे के प्रभावों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 जून को "विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस" घोषित किया. यह लोगों को याद दिलाने का एक अनूठा अवसर है कि मरुस्थलीकरण से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है, समाधान संभव है और सभी स्तरों पर भागीदारी और सहयोग महत्वपूर्ण है.
अन्य घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा
1631: दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल जिस मुमताज महल की याद में बनाया गया था, उनका जन्म हुआ था. उनका विवाह शाहजहां से हुआ था.
1674: जीजाबाई का निधन हुआ था. वे शाहजी भोंसले की पत्नी और छत्रपति शिवाजी की माता थीं.
1799: नेपोलियन बोनापार्ट ने इटली को अपने साम्राज्य में शामिल किया.
1858: 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नायिका झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का निधन.
1885: फ्रांस का तोहफा स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर पहुंचा.
1938: जापान ने चीन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.
1963: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में बाइबिल के आवश्यक पठन पर पाबंदी लगाई.
1970: शिकागो में पहली बार किडनी प्रत्यारोपण का ऑपरेशन हुआ.
1973: भारत के सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस का जन्म हुआ.
1974: ब्रिटेन की संसद में एक बम धमाके में 11 लोग घायल हो गए.
1980: चर्चित अमेरिकी महिला टेनिस खिलाड़ी वीनस विलियम्स का जन्म.
2012: साइना नेहवाल तीसरी बार इंडोनेशिया ओपन चैंपियन बनीं.