
विश्व पर्यावरण दिवस : महत्व,
इतिहास और 2021 का थीम
World Environment Day 2021 : विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है.
विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है. 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया गया था. उसके बाद से हर साल इसी दिन यानी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा.
शुरुआत कैसे हुई?
1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण और प्रदूषण पर स्टॉकहोम (स्वीडन) में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें करीब 119 देशों ने हिस्सा लिया था. इसके बाद हर साल को 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा.
दरअसल, दुनियाभर में लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है और प्रदूषण में भी काफी बढ़ोतरी हुई है और इसी वजह से विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत की गई है, ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके.
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम
पर्यावरण दिवस की हर साल एक थीम रखी जाती है. इस साल की थीम 'Ecosystem Restoration' है. इस साल पाकिस्तान विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान होगा.
विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व
पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित और जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को यह दिन मनाया जाता है. हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा करें और पेड़- पौधे काटने से बचें. इस दिन को मनाने की बड़ी वजह यह है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत किया जा सकते.
ऑपरेशन ब्लू स्टार की शुरुआत का दिन
जून का पहला सप्ताह और उसमें भी पांच जून का दिन देश के सिखों के जहन में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। भारतीय सेना ने इस दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश किया था। सिखों के इस सर्वाधिक पूजनीय स्थल पर सेना के अभियान को आपरेशन ब्लू स्टार नाम दिया गया था। दरअसल देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश के सबसे खुशहाल राज्य पंजाब को उग्रवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं, लिहाजा उन्होंने यह सख्त कदम उठाया और खालिस्तान के प्रबल समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का खात्मा करने और सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से मुक्त करने के लिए यह अभियान चलाया। समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी।
मिखाइल गोर्बाचोव को नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मानि
सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव को आज ही के दिन नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सोवियत संघ और शीतयुद्ध के अंत में उनकी बहुत अहम भूमिका रही है.
गोर्बाचोव को पूर्व कम्युनिस्ट देश में पेरेस्त्रोइका और ग्लासनोस्ट के जरिए आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक बदलाव लाने का श्रेय भी दिया जाता है. 1985 में गोर्बाचोव सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने. इसके साथ ही उन्होंने सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए सुधार की दिशा में काम करना शुरू कर दिया. नागरिकों को अपनी बात रखने की आजादी जैसे परिवर्तनों से उन्होंने सोवियत संघ के नागरिकों को हैरान कर दिया. नागरिकों को सोवियत संघ के बाहर आने जाने की छूट देने के अलावा उन्होंने राजनैतिक बंदियों को भी रिहा करने का आदेश दिया.
मिखाइल गोर्बाचोव को जर्मनी के एकीकरण का भी श्रेय जाता है. जर्मन चांसलर हेल्मुट कोल के साथ मिलकर उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से विभाजित जर्मनी को एक करने में अभूतपूर्व योगदान दिया. इसकी वजह से ही यूरोपीय एकीकरण भी संभव हुआ. उनके इन प्रयासों के लिए गोर्बाचोव को कई दूसरे सम्मानों के अलावा 1990 में आज ही के दिन नोबेल शांति पुरस्कार मिला.
1967 : इसरायल ने किया मिस्र पर हमला
आज ही के दिन इसरायल ने मिस्र पर हमला कर उसके करीब चार सौ लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए.युद्ध तो इसरायल मिस्र सीमा पर ही शुरू हुआ था लेकिन जल्द ही ये कई और अरब मुल्कों तक फैल गया. इसरायल का मानना था कि मिस्र उस पर हमले के लिए पहले से ही तैयार बैठा था.
इसरायली हमले के फ़ौरन बाद इसरायल की सीमा पर अरब मुल्कों की फौजों का जमावड़ा शुरू हो गया.मई 27 को मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल नासिर घोषणा की थी " हमारा मूल उद्देशय इसरायल का विनाश है. अरब लोग युद्ध चाहते हैं."
मई के अंत में मिस्र ने जोर्डन के साथ एक समझौता किया जिसके तहत दोनों मुल्कों ने माना कि अगर एक मुल्क पर हमला हुआ तो दूसरा मुल्क उसे अपने ऊपर हमला मानेगा.इसरायल का मानना था कि अगर उसे अपने शत्रुओं से पार पाना है तो उन्हें चौंकाना ही एक मात्र रास्ता है.
1968 : अमरीकी सांसद रॉबर्ट कैनेडी के ऊपर गोली चली
अमरीका के शहर लॉस एंजेलेस के एक होटल में मशहूर अमरीकी सांसद रॉबर्ट कैनडी के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था.रॉबर्ट कैनेडी पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी के छोटे भाई थे. जॉन एफ़ कैनेडी की हत्या 1963 में हुई थी.रॉबर्ट कैनेडी अपनी मौत के वक़्त देश के अगले राष्ट्रपति के पद के लिए बेहद मज़बूत दावेदार माने जाते थे.
कैनेडी की हत्या एक फलस्तीनी मूल के आदमी ने की, जिसने हत्या के बाद चिल्लाना शुरू कर दिया कि उसने ये कदम अपने देश के लिए उठाया है. हत्यारे को मौके पर ही गिरफ़्तार कर लिया गया और उसे बाद में उम्र कैद की सज़ा हुई.लेकिन हत्यारे को सज़ा सुनाये जाने के बाद तक हत्या के पीछे कुछ और ही लोगों के हाथ होने की बात पर शक किया जाता रहा.
1944 : रोम पर मित्र सेनाओं का कब्ज़ा
द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी, इटली और जापान की नाज़ी तिकड़ी वाले देशों की राजधानियों में से मित्र सेनाओं के कब्ज़े में आने वाला पहला शहर रोम था.जून पांच को करीब एक बजे तडके पहुँचने वाले मित्र सेनाओं का पहला सैनिक अमरीकी था.बाद में इसी दिन सुबह सूरज निकलने के बाद जर्मन सेनाओं ने औपचारिक रूप से इस शहर से हटने की घोषणा की थी.
रोम वासियों ने सडकों पर उतर कर मित्र सेनाओं का पूरे ज़ोश से स्वागत किया. सड़कों के दोनों तरफ खड़े आम लोगों ने सैनिकों को फूल भेंट किये और उनके समर्थन में नारे लगाये.
1659: मुगल शासक औरंगजेब आधिकारिक रूप से दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
1944: रोम मित्र सेनाओं के कब्जे में। द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी, इटली और जापान की नाज़ी तिकड़ी वाले देशों की राजधानियों में से मित्र सेनाओं के कब्ज़े में आने वाला रोम पहला शहर था।
1953: डेनमार्क में आज ही के दिन नया संविधान लागू हुआ।
1967: इजरायल ने मिस्र पर हमला कर उसके करीब चार सौ लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए।
1968: अमरीका के शहर लॉस एंजेलस के एक होटल में मशहूर अमरीकी सांसद रॉबर्ट कैनडी पर जानलेवा हमला। हमलावर को तत्काल पकड़ लिया गया और उसे उम्रकैद की सजा हुई। वह फिलिस्तीनी मूल का था और उसका कहना था कि उसने अपने देश के लिए यह कदम उठाया।
1984: पंजाब के अमृतसर में सिखों के धर्म स्थल स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू-स्टार को अंजाम दिया।
1990: सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2013: अमेरिकी जासूस स्नोडेन ने खुलासा किया कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी लाखों लोगों के फोन रिकॉर्ड जुटा रही है।