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जनचेतना का प्रगतिशील कथा—मासिक पत्रिका के श्याम बेनेगल विशेषांक में पढ़ें...संपादकीय: दो पाटन के बीच...अतिथि संपादकीय: श्याम का सलेटी सिनेमा....लेख:वास्तविक दुनिया का चलचित्र...सामाजिक याथार्थ को...भारतीय सिनेमा के दिग्गज....अंकुर निशांत मंथन: मंथन को कभी नहीं...दुनिया को नया दृष्टिकोण...अन्याय के खिलाफ प्रतिबद्ध...एक दूरदर्शी रचनाकार...स्त्री अस्मिता की पड़ताल...रचनात्मक—सामंजस्यपूर्ण अनुभव...जुनून एक ऐतिहासिक चेतना....इसके अलावा बेनेगल सिनेमा से संबंधित दो दर्जन रचनाएं...इसकी छपी प्रति प्रप्त करने के लिए 9717239112 से संपर्क किया जा सकता है।