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हिंदी साहित्य के नव उत्कर्ष, नव संचेतना और नव भावाबोध की प्रतिनिधि मासिकी के इस अंक में पढ़ें———शिव बारात का कोई जोड़ नहीं....हनुमान चालिसा:अक्षर—अक्षर मंत्र....साहित्य/शांध चिंतन: शूद्र तुम ही श्रेष्ठ हो....नागालैंड का लोक साहित्य....समकालीन हिंदी कविता में आदिवासी प्रतिरोध...कहानियां— पैरों में चुभी कील....ताऊ का कमर दर्द...कविताएं, पुस्तक समीक्षा एवं अन्य आलेख