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कला, मानविकी, समाज, विज्ञान, जनसंचार, वाणिज्य, विज्ञान—वैचारिकी की अंतरराष्ट्रीय रेफर्ड एवं पियर रिव्यूड शोध पत्रिका के इस अंक में पढ़ें———अमृता प्रीतम का व्यक्तित्व और कृतित्व———शानी का भाषायी विधान:मौन और प्रकृति का———शब्द की मानकता: एक अध्ययन———मीणा जनजाति के विवाह गीत: एक अनुशीलन———परजा:आदिवासी समाज, संस्कृति और संघर्ष की कथा———मुक्तिबोध का काव्य और फैंटेसी का यथार्थ———नाटक और रंगमंच परंपरा———हिंदी दलित कहानियों की चुनातियां———महाराष्ट्र के संतों की धारा———बिहारी सतसई में विविध संदर्भ———हिंदी दलित नाटकों में स्त्री—अस्मिता———वैज्ञानिक मानसिकता और विकास——शानि की विवादस्पद कहानियां———चर्चित दलित आत्मकथाओं पर भारतीय दलित आन्दोलन का प्रभाव———प्रेमचंद की कहानियों में दलित संघर्ष——प्रेमचंद के उपन्यासों में कृषक जीवन———कबीर के साहित्य में नैतिक मूल्य———पारम्परकि बुंदेली अरभूषण ———इसके अतिरिक्त एक दर्जन दूसरे वैचारिक शोधपरक लेख.