दो पूर्वोत्तर राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे लोकसभा चुनाव नतीजे के दो दिन पहले ही आ गए.
अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी को बहुमत मिला है, जबकि सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने कुल 32 से 31 सीटों पर जीत हासिल कर ली.
चुनाव आयोग के अनुसार अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में कुल 60 में से बीजेपी के 46, नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीईपी) को 5, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 3, पीपल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल (पीपीए) को दो और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है. तीन सीटों पर स्वतंत्र उम्मीदवारों को जीत मिली है.
कांग्रेस को जिस एक सीट पर जीत मिली है वो बामेंग चुनाव क्षेत्र है, जहां से पार्टी प्रत्याशी कुमार वाई ने बीजेपी के दोबा लाम्नियो को हराया है.
अरूणाचल प्रदेश में बीजेपी ने न केवल यहां अपनी जीत बनाए रखी है बल्कि सीटों की संख्या में भी इज़ाफ़ा किया है. उल्लेखनीय है कि यहां की दस सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. वोट प्रतिशत के मामले में यहां बीजेपी को 54.57 फ़ीसदी वोट मिले हैं, वहीं नेशनल पीपल्स पार्टी को 16.11 फ़ीसदी और एनसीपी को 10.43 फ़ीसदी वोट मिले हैं.
2019 बीजेपी को 41 सीटों पर जीत मिली थी. एनपीपी 5, एनसीपी 4 और जनता दल यूनाइटेड 7 सीटों पर जीत हासिल की थी.
सिक्किम में एसकेएम
चुनाव आयोग ने रविवार 2 जून को सिक्किम विधानसभा चुनावों के नतीजे जारी किए. यहां सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने 32 में से 31 सीटें जीत कर स्वीप किया है. वहीं सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ़) को मात्र एक सीट पर जीत मिल पाई है.
जिस एक सीट पर डेमोक्रेटिक फ्रंट को जीत मिली है, वो श्यारी सीट है जहां से तेंजिंग नोर्बु लाम्टा को 6633 मतों से जीत मिली. इस सीट से दूसरे नंबर पर रहे क्रांतिकारी मोर्चा के कुंगा निमा लेप्चा को 5319 वोट मिले.बीते विधानसभा चुनावों में यहां सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को 17 सीटें मिली थीं, वहीं सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के खाते में 15 सीटें गई थीं.
सिक्किम में अप्रैल 19 लोकसभा चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनावों के लिए भी मतदान कराए गए थे.
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख प्रेम सिंह तमांग ने रेनॉक सीट पर एसडीएफ के सोमनाथ पोडयाल को हरा दिया है.सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग दोनों सीटों (नामचेबुंग और पोकलोक कामरांग) से चुनाव हार गए हैं.चामलिंग 1994 से लेकर 2019 तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे हैं.
वहीं एसडीएफ़ के टिकट पर बारफुंग से चुनाव लड़ रहे जाने माने फ़ुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया एसकेएम के रिक्साल दोर्जी भूटिया से हार गए हैं.
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "शुक्रिया अरुणाचल प्रदेश. खूबसूरत राज्य के लोगों ने विकास के लिए बहुमत दिया है."
"हमारी पार्टी राज्य के लिए लगातार काम करती रहेगी."
वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बीजेपी में भरोसा जताने के लिए अरुणाचल प्रदेश के लोगों का आभारी हूं.”
पीएम मोदी ने सिक्किम में जीत के लिए प्रेम सिंह तमांग और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को बधाई दी.
सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, "2024 के विधानसभा चुनावों में जीत के लिए बधाई. मुझे उम्मीद है कि आने वाले वक्त में सिक्किम के विकास के लिए हम सिक्किम सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे."
कौन हैं पेमा खांडू?
अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व में चुनाव लड़ा. पेमा खांडू अपनी सीट से पहले ही निर्विरोध जीत चुके थे.
राज्य में बीजेपी की जीत की पर पेमा खांडू ने कहा, "आज अरुणाचल प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और खासकर भारतीय जनता पार्टी के लिए. 2024 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है."
"राजनीति में एंटी इनकंबेंसी होती है लेकिन बीजेपी में प्रो इनकंबेंसी है. 2019 में 41 सीटें जीती थीं और 2024 में 46 सीटें जीती हैं. ये प्रो इनकंबेंसी का सिग्नल है. अरुणाचल प्रदेश की जनता को मैं धन्यवाद करता हूं. पीएम नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से जो काम अरुणाचल प्रदेश में हुआ है उस काम को देखते हुए जनता ने दोबारा फिर बीजेपी की सरकार बनाई है."
मुख्यमंत्री पेमा खांडू के पिता दोरजी खांडू भी मुख्यमंत्री रहे हैं. पेमा पहली बार 2016 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उस समय वे कांग्रेस पार्टी में थे.
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. उसी साल पहले वे पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश में गए, लेकिन दो महीने बाद ही उन्होंने बीजेपी का हाथ थाम लिया.
पेमा खांडू मुख्यमंत्री बनने से पहले प्रदेश के पर्यटन, शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं.