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सीखो राजस्थानी का उपयोगी उद्देश्य लेकर रचित पुस्तक सहज राजस्थानी व्याकरण (लेखक श्री केसरीकान्त शर्मा केसरी) अपने ढंग की अनोखी, अद्वितीय और अनमोल प्रथम पुस्तक है। इसे सैद्धान्तिक व्याकरण की दृष्टि से नहीं, व्यावहारिक व्याकरण की दृष्टि से देखना चाहिए। इसमें व्याकरण के सभी अंगों का क्रियात्मक स्वरूप प्रकट हुआ है। प्रवासी राजस्थानियों को आधार मानकर इसका लेखन हुआ है जो उद्देश्यनिष्ट है। इसमें सामान्य से विशेष की ओर बढ़ने का प्रयास किया गया है जो स्तुत्य है। इसमें कुल 39अध्याय है जिनमें से कुछ में राजस्थानी लोकदर्शन भी अभिव्यक्त हुआ है।वैसे लेखन में सुझाव और संशोधन तो सदा ही अपेक्षित रहे हैं। श्री केसरीजी का यह प्रयास प्रशंसनीय है।