
अब बार्ड और बिंग
शंभु सुमन
चैटजीपीटी से टक्कर लेने के लिए आए गूगल बार्ड के चैटबॉट के बारे में जानने से पहले एक नजर आने वाले कल की कुछ बदल जाने वाली तस्वीरों पर डालते हैं:—
— छोटे शहर की एक नवविवाहिता ससुराल में कोई स्वादिष्ट व्यंजन पकाने को लेकर उलझन में थी. उसने तुरंत साफ्टवेयर इंजीनियर बहन को वीडियो कॉल कर अपनी समस्या बताई. चंद मिनटों में उसे वाट्सएप पर कई रेसेपी के वीडियो आ चुके थे.
— एक्टिंग में करियर बनाने को इच्छुक नवयुवक ने रील तो बना लिया था, लेकिन डेढ़ मिनट के पार्ट के लिए उपयुक्त म्यूजिक और सटीक गाने का बोल नहीं चुन पा रहा था. तुरंत गूगल बार्ड को लॉगइन किया. सर्चिंग बॉक्स में अपनी जरूरत के कुछ शब्द टाइप किए. चैटिंग बॉक्स में आए म्यूजिक और गाने के कई नमूनों में से अपने वीडियो के साथ मैच करने वाला गाना लगा लिया.
— स्मार्ट ब्लैकबोर्ड पर विज्ञान के टीचर बच्चों को उदाहरण के साथ ठोस, तरल और गैस में अंतर समझाना चाहते थे. बर्फ के तीन रूपों के बनने की प्रक्रिया बताना चाहते थे. उन्होंने एआई चैटबॉट पर सर्च किया और वहां से मिले वीडियो के माध्यम से बच्चों को तीनों रूप का विश्लेषण कर दिया.
— ऐम्स के डाक्टर एक मरीज की जांच रिपोर्ट देखकर इलाज के दरम्यान दुविधा में आ गए थे. शरीर में रोग के फैलाव की गति का अनुपात के अनुसार दवाई देने को लेकर असमंजस में थे. उन्होंने एआई संचालित चेटबॉट से मदद ली और अपने इलाज को आगे बढ़ाने में सफल ही नहीं हुए, बल्कि उससे रोगी को उनकी क्षेत्रीय भाषा में बताने में भी मदद मिली.
इन उदाहरणों के सच होने की संभावनाएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित गूगल बार्ड का एआई चैटबॉट और माइक्रोसॉफ्ट के ओपनएआई चैटजीपीटी से मजबूत हो चुकी है. आनेवाले दिनों में जैसे—जैसे हमारी जिंदगी डिजिटलाइजेशन के प्रभाव में आती जएगी, वैसे—वैसे इंटरनेट सर्चिंग, सर्फिंग, कंप्यूटिंग, कंटेंट क्रिएटिंग की सुविधाओं में बदलाव आ जाएगा. साथ ही यह सभी क्षेत्रों के लिए एक आवश्यक आवश्यकता बन जाएगी. इनकी बदौलत न केवल कई उलझी एवं जटिल गुत्थियां सुलझाई जा सकेंगी, और इंसानी खामियों को दुरूस्त किया जा सकेगा, बल्कि सर्विलांस, सुरक्षा, जटिल आंकड़ों के विश्लेषण और वैज्ञानिक शोध के अलावा रचनात्मकता को सकारात्मक दिशा देने में भी मदद मिल सकती है. यह स्मार्टफोन, सोशलसाइट, सफ्टवेयर, एप्स आदि सेटिंग संबंधी सामान्य तकनीकी जानकारी से लेकर जटिल कोडिंग तक की प्रक्रियाओं की जानकारी दे सकता है.
एआई आधारित चैटजीपीटी के बढ़ते इस्तेमाल के बाद सर्चइंजन गूगल ने भी कई खास विशेषताओं के दावे के साथ भारत समेत दुनिया के 180 देशों में अपना चैटबॉट लांच कर दिया है. साथ ही इसके उपयोग के लिए चरण-दर-चरण गाइडलाइन और टिप्स भी बताए गए हैं. इसमे नई सुविधाओं की बदौलत इसे चैटजीपीटी से बेहतर बताया गया है.
गूगल के अनुसार इसमें कई नई सुविधाओं को जोड़ा गया है. इसे दुनिया की 40 भाषाओं में उपलब्ध करवाने की तैयारी की जा चुकी है. इस तरह से तकनीक तौर बार्ड को गूगल के नवीनतम लार्ज लैंग्वेज मॉडल PaLM2 द्वारा संचालित किया है. इस लंग्वेज में बार्ड की कोडिंग क्षमता बढ़ी है, तो इसी तार्किक क्षमता बौद्धिक स्तर पर और अधिक विकसित हो गई है.
चैटबॉट के चैटजीपीटी से कैसे अलग और खास होने का कारण इसके अपडेट किए जाने की प्रक्रिया है, जबकि चैटजीपीटी को केवल सितंबर 2021 तक सीमित डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है. वैसे बॉट भी इंटरनेट पर उपलब्ध संसाधनों के वेब पेज से बड़ी मात्रा में डेटा चुनता है.
भारत में इसके आधिकारिक वेबसाइट https://bard.google.com पर जाकर फ्री इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां डाक्यूमेंटेशन और ट्यूटोरियल भी दिए गए हैं.
स्टेप 1: सबसे पहले गूगल के नए ब्राउजर पर जाकर गूगल बार्ड की वेबसाइट पर जाएं.
स्टेप 2: यहां साइन इन करें, जो जीमेल आईडी से किया जा सकता है.
स्टेप3: साइन इन के बाद गूगल बार्ड एआई पर पहुंच सकते हैं, यहां सवाल पूछने के लिए दिए गए बाक्स में सवाल टाइप करें. कुछ सेकेंड में बार्ड जवाब चैटबॉक्स में हाजिर होगा. पहले इसके पेज पर जाकर उसके नीचे दाएं कोने में 'मुझे आज़माएं' विकल्प पर क्लिक करें. उसके साथ ही पेज पर दिए गए 'मैं सहमत हूं' पर क्लिक करके गूगल बार्ड की गोपनीयता नीति से सहमत होना जरूरी है.
इस तरह से बगैर किसी प्रतीक्षा सूची के गूगल बार्ड का निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है. इससे पहजं चैटबॉक्स में कुछ बुनियादी विकल्पों पर भी ध्यान देना होगा, जिसके बाईं ओर रीसेट चैट, बोर्ड एक्टिविटी, हेल्प और एक्सेप्टेंस, अपडेट और एफएक्यू होंगे. इसमें चैट रीसेट कर एक बार में सभी चैट को खत्म किया जा सकता है. यहां ध्यान देने की जरूरत है कि बार्ड के पास एक से अधिक चैट नहीं हो सकता है.
कई विशेषताओं से भरे एआई चैटबॉट और चैटजीपीटी की तकनीकी क्षमता मशीन लर्निंग और लाखों डेटा बिंदुओं के इस्तेमाल पर निर्भर है, लेकिन इनसे मिलने वाली सूचनाओं में कुछ फर्क भी है. इस आधार पर आकलन किया जा सकता है कि बेहतर एआई चैटबॉट कौन सा है? जवाब देने में कौन कितना सटीक और सहज—सरल है? आइए चैटजीपीटी और गूगल बार्ड एआई के बीच शीर्ष 6 अंतरों पर एक नजर डालते हैं:—
1. चैटजीपीटी के स्रोत 2021 डेटा तक ही है, इसलिए यहां से मिलने वाली जानकारी सीमित है. जबकि बार्ड अप-टू-डेट जानकारी देने में सक्षम है. चैटजीपीटी 2022 से पहले तक की घटनाओं से संबंधिति जानकारियों तक ही सीमित है.
2. बार्ड इंटरनेट से जुड़कर नवीनतम शोधों तक लगातार पहुँच बनाए रहता है. इस स्तर पर उसके पास मौजूदा समय में गूगल सर्च इंजन से जानकारी एकत्र करने के लिए अधिक डेटा होता है, जिससे यहां से अधिक सटीक जानकारी मिल जाती है. माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग से चैटजीपीटी के इस सुविधा का स्तर कम है. गूगल के बड़े पैमाने पर डेटा एकत्र करने के कारण, बार्ड एआई के पास चैटजीपीटी जैसे अन्य एआई प्लेटफार्मों पर पहुंच के दायरे बड़ा है.
3. चैटजीपीटी कुछ तथ्यात्मक गलतियां कर सकता है और जवाब को तोड़मरोड़ के साथ प्रस्तुत कर सकता है. गूगल के बार्ड एआई को उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने के लिए माना जाता है.
4. एक खास अंतर पूछे गए सवाल को सर्च बॉक्स में डालने को लेकर है. चैटजीपीटी में इसे टेक्स्ट के रूप में टाइप करना होता है, जबकि बार्ड में वही बोलकर दर्ज किया जा सकता है. उंगलियों की जगह माइक्राफोन ही उपयोग में आता है.
5. बार्ड में "गूगल इट" बटन दिया गया है, जिससे इसके बाहरी सर्च को जारी रखने के लिए इन-लाइन का लिंक मिल जाता है. बार्ड की एक विशेषता "ड्राफ्ट" की है. इसके जरिए अलग—अलग विषयों के सवाल पूछने का सुविधाजनक विकल्प मिल जाता है. "बार्ड एक्टिविटी'' पर क्लिक कर दर्ज किए गए सभी विवरण को देखा जा सकता है, या फिर इसे हिस्ट्री से हटाया जा सकता है.
6.चैटजीपीटी मुफ्त और 20 डालर प्रतिमाह भुगतान के साथ उपलब्ध है. जबकि चैटबॉट फिलहाल नि:शुल्क है.