मिल सकता है फ्रेशर को सालाना 14 लाख रुपये का पैकेज
इंडियन एक्सप्रेस वेब डेस्क की रिपोर्ट की मानें तो भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) न केवल जीडीप बढ़ने में मदद मिलेगी, बल्कि विभिन्न नौकरियां के अवसर भी आएंगे. एआई के क्षेत्र में फ्रेशर्स के को 10 लाख रुपये से लेकर 14 लाख रुपये सालाना के दर से नौकरियां मिल सकती हैं.
रिपोर्ट के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 अरब डॉलर और 2025 तक तथा लगभग 450-500 अरब डॉलर जुड़ने की उम्मीद है, जो देश के 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के लक्ष्य का 10 प्रतिशत है.
टीमलीज 'iCET- Forces Shaping Future of Technology' शीर्षक वाली रिपोर्ट में, एआई को 2030 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में $ 15.7 ट्रिलियन का योगदान करने की उम्मीद की गई है. रिपोर्ट के अनुसार 2022 में एआई के वैश्विक बाजार का आकार 136 अरब डॉलर आंका गया है, और 2023 से 2030 तक 37 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत में एआई-जनित राजस्व 12.3 बिलियन डॉलर था, जिसमें कहा गया है कि 2025 के अंत तक देश में एआई सॉफ्टवेयर सेगमेंट के 18 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। इस फिल्ड में निवेश के संदर्भ में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वैश्विक निवेश 2021 में 77.5 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जो 2020 में 36 बिलियन डॉलर था. टीमलीज रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में वैश्विक एआई निवेश में भारत की हिस्सेदारी 1.5 प्रतिशत थी. इस आधार पर ही एआई से 2030 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15.7 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की उम्मीद जताई गई है. इस आधार पर भारत में फरवरी 2023 तक एआई में लगभग 45,000 नौकरियां सृजित हो चुकी हैं, जो डेटा साइंटिस्टि और मशीन लर्निंग (एमएल) इंजीनियर के हैं. ये भारत में एआई में मांग वाले करियर में से हैं.
उल्लेखनीय है कि डेटा इंजीनियरों के लिए, फ्रेशर्स का वेतन 3 लाख रुपये प्रति वर्ष (एलपीए) से लेकर 14 एलपीए तक होता है, जबकि एमएल इंजीनियरों के लिए यह 2.5 एलपीए से लेकर 10 एलपीए तक होता है. डेटा साइंटिस्ट के लिए, फ्रेशर्स का वेतन 3.5 lpa और 10 lpa के बीच होता है, जबकि DevOps इंजीनियरों के लिए, यह लगभग 3 lpa से 12 lpa के बीच होता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, समान क्षेत्रों में आठ साल के अनुभव वाले उम्मीदवार 25 रुपये से 45 लाख रुपये तक का उच्च वेतन भी अर्जित कर सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, AI टैलेंट पूल में भारत तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, क्योंकि लगभग 400k AI टैलेंट बेस देश से आता है। भारत वैश्विक AI प्रतिभा पूल का 16 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है.
टैलेंट पूल, टैलेंट की विविधता, निवेश और भारत के डिजिटल फाउंडेशन के विकास पर आधारित एक अध्ययन के अनुसार एआई टैलेंट पूल के साथ शीर्ष उभरते शहरों के संदर्भ में, बेंगलुरु को विश्व स्तर पर पांचवां स्थान दिया गया है। नई दिल्ली 18वें, हैदराबाद 19वें और मुंबई 27वें स्थान पर है.
साभार:इंडियन एक्सप्रेस