
भारत को चौथी बार मिले ऑस्कर
साल 2023 का 13 मार्च भारत का ऐतिहासिक दिन बन गया. ऑस्कर पुरस्कारों के 94 साल के इतिहास में भारत को चौथी बार दो ऑस्कर मिले. भारत की झोली में दो ख़ास पुरस्कारों में पहली घोषणा 'द एलीफ़ेंट व्हिसपरर्स' को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फ़िल्म का खिताब के लिए की गई, जबकि आरआरआर फ़िल्म के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड मिला.
इस उपलब्धि पर पीएम मोदी सहित कई अन्य जाने-माने नेता-अभिनेताओं ने बधाइयां दी. पीएम मोदी ने भी नाटू-नाटू गाने की तारीफ़ करते हुए ट्वीट किया, "असाधारण! नाटू-नाटू की लोकप्रियता वैश्विक है. ये एक ऐसा गाना होगा जिसे सालों तक याद रखा जाएगा. इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए एमएम किरावानी, चंद्रबोस और पूरी टीम को बधाई. भारत बहुत ख़ुशी और गर्व महसूस कर रहा है."
अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के सबसे चमकदार मंच पर एक साथ दो अलग—अलग भारतीय फिल्मों के बाजी मारने से भारत में विशेष जश्न का माहौल बन गया. तेलुगु फिल्म "आरआरआर" और डॉक्यूमेंट्री "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" ने दो अलग अलग श्रेणियों में ऑस्कर पुरस्कार मिले हैं.
"आरआरआर" के गाना "नाटू नाटू" को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग और "द एलिफैंट व्हिस्परर्स" को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म के पुरस्कार से नवाजा गया है.
इससे पहले 1983 में "गांधी" फिल्म के लिए भानु अथैया को बेस्ट कॉस्ट्यूम अवॉर्ड, 1992 में सत्यजीत रे को लाइफटाइम अचीवमेंट और फिर 2009 में "स्लमडॉग मिलियनेयर" को तीन अलग—अलग श्रेणियों में ऑस्कर मिला था.
'आरआरआर' फ़िल्म के नाटू-नाटू को पहले ही बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिल चुका है. उस समय इस गाने ने टेलर स्विफ़्ट और रिहाना जैसी बड़ी सिंगर्स को दौड़ में पीछे छोड़ दिया था. पुरस्कार का एलान होने से पहले मंच पर दोनों अभिनेताओं ने गाने को लाइव परफॉर्म भी किया. जूनियए एनटीआर और रामचरण के डांस परफॉर्मेंस के बाद दर्शकों ने खड़े होकर खूब तालियां बजाईं.
उल्लेखनीय है कि एसएस राजामौली की ये फ़िल्म भारत में ब्रिटिश शासन से बगावत करने वाले दो क्रांतिकारियों की कहानी बताती है. साथ ही ख़ास बात यह भी है कि इस सुपरहिट गाने की शूटिंग यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के सरकारी आवास के बाहर साल 2021 में की गई थी.
ऑस्कर 2023 से भारत के लिए पहली ख़ुशख़बरी गुनीत मोंगा और कार्तिकी गोंज़ाल्विस की 'द एलीफैंट व्हिसपरर्स' से आई. उसे बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फ़िल्म का ऑस्कर पुरस्कार मिला. ये फ़िल्म हाथी और इंसान के बीच प्यार और लगाव को दिखाती है.
इस जीत पर निर्देशक ने अकादमी, निर्माता गुनीत मोंगा, उनके परिवार को धन्यवाद दिया और जीत को अपनी "मातृभूमि भारत" को समर्पित किया. गोंजाल्विस ने अपने स्वीकृति भाषण में कहा, "मैं आज यहां हमारे और हमारी प्राकृतिक दुनिया के बीच पवित्र बंधन के लिए बोलने के लिए खड़ा हूं, स्वदेशी समुदायों के सम्मान के लिए, और अन्य जीवित प्राणियों के प्रति सहानुभूति के लिए और अंत में, सह-अस्तित्व के लिए।"
तमिलनाडु की प्रकृति के आश्चर्यजनक दृश्यों के साथ, 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' इस प्यार भरे रिश्ते की कहानी कहता है.
'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के निर्माता का कहना है कि ओटीटी ने भारतीय सिनेमा की छवि को ऊंचा किया है
41 मिनट की यह लघु डॉक्यूमेंट्री फिल्म रघु, एक अनाथ बच्चे हाथी, और उसके देखभाल करने वालों - बोमन और बेली नाम के एक महावत जोड़े - के बीच अस्थायी लेकिन कीमती बंधन की पड़ताल करती है, जो उसे शिकारियों से बचाने और उसे पालने के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं. फिल्म कार्तिकी गोंसाल्वेस की निर्देशन की पहली फिल्म थी. एक वन्यजीव और सामाजिक वृत्तचित्र फोटोग्राफर, फोटो जर्नलिस्ट और सिनेमैटोग्राफर के रूप में एक सफल कैरियर रखने वाले गोंजाल्विस ने अपने पहले उद्यम के लिए आरामदायक नौकरी छोड़ दी थी.
गुनीत का कहना है कि "द एलिफेंट व्हिस्परर्स" उन लोगों की कहानी है, जो पीढ़ीगत रूप से हाथियों के साथ काम करते रहे हैं और वे जंगल की जरूरतों के बारे में बहुत जागरूक हैं।
उन्होंने आगे कहा, "फिल्म में एक खूबसूरत सीन है जो जंगल से लेने की बात करता है लेकिन सिर्फ उसी हद तक जिसकी जरूरत है और जंगलों में सभी के लिए पर्याप्त है, लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हमें क्या चाहिए या क्या चाहिए?" हम जमाखोरी करते हैं. मनुष्यों की ज़रूरतें अनंत हैं, यह हम पर है कि हम रेखाएँ खींचे और जानवरों को वह सम्मान दें जिसके वे पात्र हैं."