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चहेते चिराग के चर्चे
बिहार की राजनीति में चिराग वह चेहरा बन चुके हैं, जिसे हर कोई अपने तरीके से अपनाना चाहता है. यही कारण है कि चिराग पासवान जिस सभा—जनसभा में जाते हैं वहां उनके द्वारा लगाई गई हुंकार की आवाज राजनीतिक गलियारे में लंबे समय तक गूंजती रहती है. विपक्षी दलों में खलबली मच जाती है. खासकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में हलचल होने लगती है, जिसे उन्होंने अपने दम पर बिहार के तीसरे नंबर पर धकेल दिया है. चिराग पासवान लोकजनशक्ति पार्टी(रामिविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई के सांसद हैं. चाहे आशीर्वाद यात्रा हो, दिवंगत राजनेता रामविलास पासवान की जयंती—पुण्यतिथि हो, या फिर मोकामा और गोपालगंज में हुए उपचुनावों की जबरदस्त भीड़ वाली जनसभाएं हों. चिराग की मौजूदा सरकार के खिलाफ दहाड़ ने युवाओं को झकझोर दिया है. पटना जिलांतर्गत मोकामा में चिराग पासवान के 25 किलोमीटर का रोड शो को कोई भी नजरंदाज नहीं कर सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा चिराग को बच्चा कहने पर रोड शो के बाद चिराग ने नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा था,''इसी बच्चे ने आपको 2020 के चुनावों में तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया.'' चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान की दूसरी शादी पर की गई टिप्पणी पर भी नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया. गोपालगंज उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार कुसुम देवी के समर्थन में प्रचार करते हुए चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वयान की तीखी आलोचना की, जिसमें उन्होंने स्वर्गीय रामविलास पासवान की दूसरी शादी का भी उल्लेख किया था. इस पर चिराग ने कहा “मैं अपने पिता, जो इस दुनिया में नहीं हैं, की दूसरी शादी का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार से बहुत आहत हूं. एक बेटे के रूप में, मैं केवल इतना कहूंगा कि व्यक्तिगत टिप्पणी करना सीएम को शोभा नहीं देता. गोपालगंज और मोकामा के लोग ही उन्हें करारा जवाब दे सकते हैं.'' दोनो उपचुनावों के लिए चिराग ने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार भाजपा के लिए प्रचार किया. उसके अगले साल पिता पासवान के निधन के बाद चिराग ने उनके द्वारा स्थापित पर्टी का नेतृत्व करते हुए अकेले 136 उम्मीदवार को मैदान में उतरे और 6 फीसदी वोट हासिल करने का रिकार्ड बना लिया था. इसका असार जदयू पर हुआ और 2020 के विधानसभा चुनावों में उसने खराब प्रदर्शन किए. चिराग ने नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' का विजन दिया था. जदयू के खिलाफ उतारे गए उम्मीदवारों में से कई भाजपा के बागी थे, जो जेडीयू द्वारा लड़ी गई सीटों से थे. पिछले राज्य चुनावों के बाद यह पहली बार हुआ था, जब नीतीश कुमार ने चिराग पर जमकर हमला बोला था. उल्लेखनीय है कि जदयू द्वारा अगस्त 2022 में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को छोड़ने और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य विपक्षी दलों के साथ हाथ मिलाने के बाद राज्य में नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं. नीतीश के पाला बदलने के बाद से कमजोर हुई भाजपा चिराग को वापस अपने पाले में लाने में कामयाब हरे रही है. इस संबंध में यह कहना गलत नहीं होगा कि खुद को पीएम मोदी का 'हनुमान' कहने वाले चिराग पासवान की भूमिका अब बीजेपी के लिए 'अर्जुन' की हो गई है. यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि चिराग लगातार जितने चर्चे में हैं, उतने ही चहेते भी बन चुके हैं!