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<p><img src="https://www.magbook.in/Article/15/201773/Img_201773.png" style="border-style:solid; border-width:4px; height:406px; margin:4px; width:600px" /></p> <p><span style="color:#8e44ad"><span style="font-size:28px"><strong>इसरो (ISRO) ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास </strong></span></span><br /> <span style="font-size:16px">प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर को इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन), न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और IN-SPACe को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के सबसे भारी रॉकेट LVM3 के पहले वाणिज्यिक मिशन के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी। विशाल रॉकेट ने वनवेब ब्रॉडबैंड समूह के 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को उनकी इच्छित कक्षाओं में सफलतापूर्वक तैनात किया।<br /> इसरो आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र को सबसे भारी रॉकेट लॉन्चिंग के लिए तैयार किया गया था। एलवीएम3-एम2 मिशन इसरो की ब्रांच न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के लिए पहला कमर्शल मिशन है। इस मिशन के तहत वनवेब के 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।<br /> इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने शनिवार 22 अक्टूबर देर रात 12 बजकर 5 मिनट पर अपने अब तक के सबसे भारी लिफ्ट रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 को लॉन्च किया। इसका नाम बदलकर एलवीएम3 एम2 कर दिया गया है। इसमें 36 ‘वनवेब’ उपग्रह हैं। इन सभी उपग्रहों को सफलता से पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। एलवीएम 3 एम2 रॉकेट 43.5 मीटर लंबा और 644 टन वजनी है। यह 8 हजार किलो वजन ले जाने में सक्षम है। वनवेब, भारत भारती ग्लोबल और यूके सरकार के बीच एक जॉइंट वेंचर है।<br /> <br /> तीन चरण वाला रॉकेट हैं एलवीएम 3<br /> एलवीएम3 एम2 तीन चरण वाला रॉकेट है। इसमें पहले चरण में तरल ईंधन से दो स्ट्रैप ठोस ईंधन द्वारा संचालित मोटर्स पर दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है। इसरो के भारी लिफ्ट रॉकेट की क्षमता एलईओ तक 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) तक चार टन है।</span></p> <p><span style="font-size:16px">इसरो ने कहा कि वनवेब उपग्रहों का कुल प्रक्षेपण द्रव्यमान 5,796 किलोग्राम होगा।’ 36 उपग्रह स्विस आधारित बियॉन्ड ग्रेविटी, पूर्व में आरयूएजी स्पेस द्वारा बनाए गए एक डिस्पेंसर सिस्टम पर होंगे। बियॉन्ड ग्रेविटी ने पहले 428 वनवेब उपग्रहों को एरियनस्पेस में लॉन्च करने के लिए उपग्रह डिस्पेंसर प्रदान किया था।</span></p> <p><span style="font-size:16px">अब तक 345 विदेशी उपग्रहों को भेजा<br /> 1999 से शुरू होकर इसरो ने अब तक 345 विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है। 36 वनवेब उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण से यह संख्या 381 हो जाएगी। वनवेब के 36 उपग्रहों के एक और सेट को जनवरी 2023 में कक्षा में स्थापित करने की योजना है। यह जीएसएलवी एमके-3 का पहला कमर्शल लॉन्चिंग है। पहली बार कोई भारतीय रॉकेट लगभग छह टन का पेलोड ले जाएगा। इसी तरह, वनवेब पहली बार अपने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए एक भारतीय रॉकेट का उपयोग कर रहा है।</span></p> <p><br /> <span style="font-size:16px">क्यों महत्वपूर्ण है यह लॉन्चिंग<br /> इसरो ने कहा कि रविवार का प्रक्षेपण महत्वपूर्ण है क्योंकि एलवीएम3-एम2 मिशन इसरो की वाणिज्यिक शाखा-न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के लिए पहला समर्पित कमर्शल मिशन है। मिशन को ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ और ब्रिटेन स्थित ‘नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड’ (वनवेब लिमिटेड) के बीच वाणिज्यिक व्यवस्था के हिस्से के रूप में चलाया जा रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, इस मिशन के तहत वनवेब के 36 उपग्रहों को ले जाएगा। यह 5,796 किलोग्राम तक के ‘पेलोड’ के साथ जाने वाला पहला भारतीय रॉकेट बन जाएगा।</span></p> <p><span style="font-size:16px">“वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए बने 36 वनवेब उपग्रहों के साथ हमारे सबसे भारी प्रक्षेपण यान LVM3 के सफल प्रक्षेपण पर @NSIL_India @INSPACeIND @ISRO को बधाई। LVM3 आत्मानिभर्ता का उदाहरण है और वैश्विक वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ाता है," पीएम ने ट्वीट किया।<br /> वनवेब लिमिटेड एक वैश्विक संचार नेटवर्क है जो अंतरिक्ष द्वारा संचालित है और व्यवसायों और सरकारों के लिए इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है। यह इसरो की वाणिज्यिक शाखा NSIL का यूके स्थित क्लाइंट है।</span></p> <p><span style="font-size:16px">मिशन वाणिज्यिक अंतरिक्ष बाजारों में लॉन्च व्हीकल मार्क III (LMV3) के पहले प्रयास को चिह्नित करता है। यह भी पहली बार था जब भारत के किसी रॉकेट ने अंतरिक्ष बाजार में 6 टन का पेलोड ढोया। 36-उपग्रह पेलोड का वजन 5.8 टन था, जो अंतरिक्ष एजेंसी के लिए अब तक का सबसे भारी पेलोड है।<br /> इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने घोषणा की कि इसी प्रक्षेपण में इसके अगले एलएमवी-एम3 प्रक्षेपण में अन्य 36 वनवेब उपग्रह होंगे।<br /> यूके स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड की योजना का यह हिस्सा उच्च गति, कम विलंबता वैश्विक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 588-उपग्रह मजबूत नक्षत्र बनाने की योजना बना रहा है। इन उपग्रहों को प्रत्येक 49 उपग्रहों के 12 रिंगों में रखा जाएगा, जिसमें प्रत्येक उपग्रह 109 मिनट में पृथ्वी की पूरी यात्रा पूरी करेगा। यह वनवेब का चौदहवां प्रक्षेपण था, जिसने अब तक बेड़े को बढ़ाकर 464 उपग्रह कर दिया है। इस नक्षत्र के अगले साल तक पूरा होने की संभावना है।<br /> वनवेब इसरो की वाणिज्यिक शाखा एनएसआईएल का यूके स्थित ग्राहक है, और अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है, जो सरकारों और व्यवसायों के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है।</span></p>