फूलों से सजी जानवरों और पक्षियों की आकृति
सुरेश चौहान
दिल्ली के इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हवाई से रवाना हुआ हमारा हवाई जहाज ‘फ्लाई दुबई’ अब दुबई एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा था । दुबई के समयानुसार सुबह के 8 बज रहे थे। सभी यात्रियों को सीट बेल्ट लगाने की उदघोषणा एयरहोस्ट्स द्वारा की जा चुकी थी । हवाई जहाज की खड़की से देखने पर समुद्र के कोने से सूर्य अपनी रोशनी से आसमान और धरती पर एकछत्र राज जमाने के लिए धीरे-धीरे निकल रहा था । देखते ही देखते हमारा हवाई जहाज दुबई एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका था । एयरपोर्ट से अपना सामान इत्यादि लेकर जब हम बाहर निकले तो हमारे परिवार के सदस्य हमें रिसीव करने बाहर खड़े थे ।
अरेबियन और परशियन समुद्र के किनारे, भूमध्यीय रेखा की रेगिस्तान की तपती धरती पर बसा दुबई अपनी भीषण गर्मी के बावजूद आज अपने बदले रूप: गगन चुम्बी ईमारतों, आधुनिक जीवन-शैली, पूरी तरह से स्वच्छ और ऑरग्नाइजड शहर, साफ सुथरी चौड़ी सड़कें, नये बसे दुबई में सड़कों के किनारे खूबसूरती से लगाए गये फूलों और पेड़ –पोधों की फैली हरियाली जिसके कारण मौसम में जबरदस्त बदलाव वैज्ञानिकों को हैरान कर रहा है, मैट्रों तथा अन्य यातायात की आधुनिक सुविधायें बड़े-बड़ें होटल, रेस्टोरेंट, आधुनिक सुविघाओं से लैस खूबसूरत घरों के अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायों में नौकरियों की भरमार, के कारण आज विश्व के कोने-कोने से लोगों को यहां आने का निमन्त्रण देता है । अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए दुबई में लाखों की संख्या में बसे भारतीयों की तादाद के कारण ही इसे मिनी इण्डिया के नाम से भी जाना जाता है । यहां हिन्दी भाषा आम बोली जाती है मजेदार बात तो तब हो जाती जब आपको यहां के स्थानीय अरबी लोग भी हिन्दी में बात करते दिखाई देते हैं । यहां बड़ी संख्या में दक्षिण भारत के लोग बसे हुए है, विशेषकर केरल राज्य के लोगों की तो भरमार है। कुछ क्षण के लिए ऐसा लगता है मानों कहीं हम केरल राज्य में ही तो नहीं पहुंच गये हैं । वहीं दूसरी ओर विश्व के कोने-कोने से पर्यटकों को यहां आने के लिए, लुभाने के लिए कई ऐसे पर्यटक स्थलों का निर्माण किया गया है, जिनकी अद्भभुत छठा देखते ही बनती है, इन्हीं पर्यटक स्थलों में, दुबई के ये गार्डन अद्भभुत और बेमिसाल हैं ।
मिराकिल गार्डेन : यह पार्क दुबई लैंड, दुबई के अल बरशा साऊथ में स्थित है। रेगिस्तान की तपती गर्मी में बनाया गया यह पार्क अपने नाम के अनुरूप वाकई एक मिराकिल ही है। 60 विभिन्न प्रजातियों के 45 मिलियन फूलों को छोटे-छोटे गमलों में उगा कर अनेकों आकार में अद्भभुत तरीके से सजा कर बनाये गये इस पार्क में जहां तक भी नजर जाती है बस फूल ही फूल नजर आते हैं। यह पार्क, विश्व के कोने- कोने से यहां आने वाले सैलानियों को खुले मैदान में, आश्चर्यजनक रूप से आन्नद देने वाला अपनी तरह का अनूठा होने के साथ-साथ रख-रखाव की दृष्टि से बेहद खर्चीला भी है। यह पार्क 7 हैक्टेयर भूमि में फैला हुआ है । इस पार्क को, 14 फरवरी 2013 को वैलनटाइन के दिन जनता के लिए पहली बार खोला गया था । इसके अनोखे स्वरूप को देखने के लिए हर साल लगभग 1.5 मिलियन सैलानी यहां आते हैं । फूलों के सजाने के आकार को हरवर्ष बदल दिया जाता है जिससे यहां बार बार आने वाले सैलानियों को हर वर्ष इस पार्क का नया सजा-धजा रूप देखने को मिले और उनमें हर साल यहां आने की जिज्ञासा भी बनी रहे ।
इस पार्क में कहीं जानवरों और पक्षियों के आकार बना कर फूलों से सजाया गया है तो कहीं नकली पेड, झोपड़ियां, और इन्सानों की मूर्तियों को फूलों से सजाया गया है। फूलों से सजे तोता, बन्दर, मोर, ईगल इत्यादि के आकार देखते ही बनते हैं । फूलों से बने मेहराव दार रास्तों से गुजरने वाला हर सैलानी अपने आप में फूला नहीं समाता । फूलों से बनी खूबसूरत घड़ी के साथ बने मोर की फूलों से बनी आकर्षक आकृति के सामने हर कोई अपनी फोटो लेना नहीं भूलता । इसके ठीक पीछे एमिरेट्स की एयर बस ए-380, के बनाये गये मॉडल को फूलों से इतनी खूबसूरती से सजाया गया है कि वर्ष 2016 में इसे गनीज बुक ऑफ वर्ल़्ड रिकार्ड में "फूलों से सजी सबसे बड़ी स्थापित आकृति" का खिताब भी मिल चुका है । जगह - जगह पानी के झरने और फव्वारे दिल को मोह लेते हैं । इतने बड़े पार्क में सैलानियों के विश्राम के लिए जगह-जगह बैठने के लिए बैंच बनाए गये हैं और साथ ही जूस और स्नैक्स की दुकानें भी हैं जहां सैलानी खा पीकर तरोताजा होकर आराम से घूमने का लुत्फ उठाते हैं । सैलानियों के लिए शाम को यहां रंगारंग सांकृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होता है ।
एक विशेष तकनीक द्वारा यहां बनाई गई आकृतियों को फूलों से सजाया गया है । हर आकृति में गमलों के आकार के गोलाकार छेद पास-पास बनाए गये हैं जिनमें फूलों के छोटे-छोटे गमले रख दिये जाते हैं और उन गमलों में सीवर के व्यर्थ पानी को साफ कर 'बूंद-बूंद रिसाव की सिंचाईं' वाली तकनीक के, पाईपों को प्रत्येक गमले से स्थाई तौर पर जोड़ कर समय - समय पर इन गमलों के फूलों को पानी दिया जाता है। जिन गमलों के फूल मुरझा जाते हैं उन गमलों को वहां से निकाल कर उनकी जगह तुरन्त नये गमले रख दिये जाते हैं जिससे यह पार्क हमेशा सैलानियों को नयी ताजगी से सराबोर करता है। यह पार्क नवम्बर से अप्रैल तक जनता के लिए खुला रहता है। मई से अक्टूबर तक दुबई के मौसम की पड़ने वाली चिलचिलाती गर्मी में इसे बंद कर दिया जाता है ।
दुबई बटर फ्लाई गार्डन : यह गार्डन, मिराकिल गार्डन के साथ कुछ दूरी पर स्थित है । जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह तितलियों के बारे में जानकारी देने वाला है । प्रवेश द्वार एक खूबसूरत तितली के आकार का बना हुआ है । टिकट काऊटर से टिकट लेने के साथ ही सामने हरीभरी घास और चारों तरफ मनमोहक आकृतियों में उगाये फूलों को देखकर ही यहां आने वाले सैलानी इस पार्क के भीतर शीघ्र जाने के लिए और भी उत्साहित हो जाते हैं । भीतरी प्रवेश द्वार भी खूबसूरती से तितली के आकार का बना हुआ है । आशा के विपरीत भीतर का दृश्य दर्शकों को यहां अचंम्भित कर देता है। भीतर न केवल तितलियों के बारे में जानकारी दर्शकों को यहां मिलती है बल्कि चारों ओर हर तरह की रंग-बिरंगियां जिन्दा तितलियां अट्ठकेलियां करती यहां हर आने वाले अपने मेहमानों का अपनी तरह से स्वागत करती प्रतीत होती हैं ।
यह गार्डन नौ गुम्बद-दार आकृतियों में बनाया गया है जो अपने आप में बेहद अनूठा है । यहां तितलियों के लिए पूरा वातावरण तैयार किया गया है । चारों ओर हरे-भरे इन-डोर पेड़ पौधे लगाए गये हैं। कहीं झरने बनाए गये हैं तो कहीं नकली पक्षियों को खूबसूरती से पेड़ों की टहनियों पर बैठाया गया । तितलियों को आकर्षित करने के लिए रंगबिरंगे असली फूलों को भी गमलों में लगाया गया है । वास्तव में तितलियों के लिए यहां बहुत खूबसूरत जंगल बनाया गया है । यहां 15000 प्रजातियों की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी तितलियों को विभिन्न देशों से लाकर दर्शकों के लिए रखा गया है । यहां बच्चों की, तितलियों के पीछे भाग कर उन्हें पकड़ने की मस्ती तो देखते ही बनती है । ये तितलियां दर्शकों के शरीर पर कभी भी बैठ कर उन्हें आन्नदित कर देने के साथ उनसे अपनी दोस्ती भी जाहिर कर जाती हैं ।
डायनासोर पार्क : दुबई के जबील एरिया में यह डायनासोर पार्क अपने आप में गजब का है। एक बड़े से खुले मैदान में डायनासोरों के 100 माडल दर्शकों के लिए रखे गये हैं । ये डायनासोर माडल विश्व के कोने कोने से मिले डायनासोरों के अवशेषों के आधार पर उनकी लम्बाई चौड़ाई ऊंचाई जैसे हूबहु बनाए गये हैं । इनकी सबसे महत्तवपूर्ण बात यह है कि ये माडल बिल्कुल जीवित डायनासोरों जैसा आभास देते हैं । जैसे ही दर्शक इनके पास पहुंचते हैं, यह अपना विशालकाय मुंह खोल कर भयंकर आवाज करते हैं और साथ ही इनका पूरा शरीर भी हरकत करने लगता है । यह पार्क हरसमय डायनासोरों की भंयकर आवाजों से गूंजता रहता है । दर्शकों को, पृथ्वी पर डायनासोरों के जीवन की शूरू से आखिर तक की यात्रा के बारे में शिक्षित करने के लिए यहां एक म्यूजियम भी है, इसमें डायनासोरों के अंण्डों ,उनके कंकालों , उनका जीवन , उनका खान-पान, चलना-फिरना इत्यादि जैसी महत्तवपूर्ण जानकारी दर्शकों को दी गई है । पृथ्वी पर डायनासोरों जैसे आरम्भिक जीवों के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिए तो यह पार्क बेहद खास भूमिका रखता हैं।
ग्लो पार्क - डायनासोर पार्क के साथ ही यह ग्लो पार्क है । नाम के अनुरूप यह पार्क रौशनी की खूबसूरती से दर्शकों को अपने अंदाज में आकर्षित करता है । इसलिए दर्शक जब भी ग्लो पार्क देखने आते हैं तो वह सूरज छिपने से पहले डायनासोर पार्क का आन्नद उठाते हैं फिर सूरज छिपने के बाद ग्लो पार्क का आन्नद उठाते हैं । इस पार्क की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी । इस अद्धभुत जादुई पार्क को बनाने में 500 कुशल कारीगरों, इंजीनियरों और शिल्पकारों ने कमाल का कार्य किया है । इस पार्क को 10 मिलियन विद्धुत बचत बल्बों से रोशन किया गया है । पुनरावर्तित ( recycled) रंग-बिरंगे ल्यूमिनस कपड़े (प्रकाश को बाहर फेंकने वाला कपड़ा) से विभिन्न प्रकार के जानवरों जैसे- हाथी, घोड़े, पक्षियों, तितलियों, झूलों, डायनासोरों, फूलों इत्यादि की कई मनमोहक आकृतियों में से रात के समय जब प्रकाश जगमगाता है तो यह अद्धभुत दृश्य दर्शकों को हैरान करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ता । दर्शकों के मनोरंजन के लिए यहां रात्री में म्यूजिकल शो का आयोजन भी किया जाता है जहां म्यूजिक के साथ-साथ रंमबिरंगे प्रकाश की छठा मंच पर देखते ही बनती है ।
आईस पार्क : विषुवत रेखा पर बसा दुबई एक रेगिस्तानी इलाका है जहां पूरे वर्ष गर्मी से लोग बेहाल रहते है जहां गर्मियों के मौसम, मई-जून में पारा 50 डिग्री से भी पार चला जाता है, ऐसी भीषण गर्मी पड़ने वाले इलाके में आईस पार्क का होना अपने आप में अद्धभुत मिसाल है । दुबई के जबील एरिया में डायनासोर और ग्लो पार्क से कुछ दूरी पर यह आईस पार्क देश-विदेशों के लगभग 150 कुशल कारीगरों द्वारा बड़ी लग्न से बनाया गया है । इस पार्क को 5000 टन बर्फ से तैयार किया गया है । यहां बर्फ से तराश कर मिनी दुबई और कई प्रकार की बर्फ से बनाई गई मूर्तियों को खूबसूरती से बनाया गया है । ये बर्फ की मूर्तियां अंधेरे में मन्द-मन्द रंगबिरंगी रोशनी में अपनी खूबसूरती से सभी का दिल मोह लेने में कोई कसर नहीं छोड़ती। बच्चों के लिए बर्फ के खेल, खेलने के लिए यहां आईस पार्क भी बनाया गया है । दर्शक यदि चाहे तो यहां अपनी इच्छा से -70 से -80 डिग्री तक के मौसम का अनुभव भी उठा सकते हैं ।