इतिहास के पन्ने के सुनहरे अक्षर
अमेरिकी सिनेमा के इतिहास में 6 अक्टूबर की तारीख की अपनी एक खास अहमियत है। दरअसल, 1927 में छह अक्टूबर के दिन ही अमेरिका के गूंगे सिनेमा ने बोलना सीखा। यह वह दिन था, जब देश की पहली बोलती फिल्म ‘द जैज सिंगर’ का न्यूयार्क में प्रीमियर हुआ। सिनेमा की बात हो तो भारत का जिक्र होना लाजिमी है। भारत में 14 मार्च 1931 को मूक सिनेमा को आवाज़ मिली थी। इसी दिन मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा हॉल में भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' रिलीज़ हुई थी। देश-दुनिया के इतिहास में रिलीज़ हुई थी।
सावियत संघ का परमाणु बम परीक्षण
जापान पर अमेरिका के परमाणु हमले के बाद सोवियत संघ बेचैन हो उठा. और फिर 6 अक्टूबर 1951 को एटमी हथियारों की होड़ का एलान कर दिया गया.
छह अक्टूबर 1951 की सुबह सोवियत संघ के प्रमुख अखबार प्रावदा के पहले पन्ने पर जोसेफ स्टालिन का इंटरव्यू छपा. इस इंटरव्यू के जरिये दुनिया को पता चला कि सोवियत संघ ने भी परमाणु बम बना लिया है. स्टालिन ने कहा, "हाल ही में हमारे देश में एक किस्म के परमाणु बमों का परीक्षण किया गया है. अलग अलग क्षमताओं वाले एटम बमों का परीक्षण भविष्य में किया जाएगा और ब्रिटिश और अमेरिकी ब्लॉक के आक्रमक रुख से देश को बचाने की योजना है." यह पहला मौका था जब सोवियत संघ के किसी नेता ने सार्वजनिक रूप से परमाणु बम बनाने की बात स्वीकार की.
अगस्त 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका के परमाणु हमलों के बाद दूसरा विश्वयुद्ध खत्म हुआ. महायुद्ध में एक तरफ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और सोवियत संघ जैसे मजबूत मित्र देश थे, तो दूसरी तरफ जर्मनी, इटली और जापान जैसे धुरी देश. लेकिन अमेरिका के एटमी हमले के फौरन बाद सोवियत संघ को यह अहसास होने लगा कि अमेरिका बहुत ही ज्यादा ताकतवर हो गया है. मॉस्को को लगा कि वॉशिंगटन ने एटमी हथियारों की बात उससे छुपाई. इससे पश्चिम और सोवियत संघ के बीच अविश्वास पैदा हो गया. और शीत युद्ध की शुरुआत हो गई.
सोवियत संघ ने बिना देर किये परमाणु हथियार बनाने का काम शुरू कर दिया. स्टालिन ने यह भी कहा, "इन परिस्थितियों ने सोवियत संघ को परमाणु हथियार बनाने के लिए विवश किया है ताकि आक्रामक देशों के खिलाफ तैयार रहा जा सके." स्टालिन ने परमाणु हथियारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कई बार परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, लेकिन अटलांटिक ब्लॉक (अमेरिका-ब्रिटेन) ने हमेशा इस मांग को खारिज किया.
सोवियत संघ के एटम बम बनाने के एलान के साल भर बाद ब्रिटेन ने 3 अक्टूबर 1952 को पहली बार एटम बम बनाने का दावा किया. फिर तो होड़ ही शुरू हो गई. 1960 में फ्रांस इस होड़ में शामिल हुआ. फिर चीन, इस्राएल, भारत और पाकिस्तान भी एटमी हथियारों की एटमी शक्ति बन गए. अब उत्तर कोरिया भी इस होड़ में शामिल हो चुका है. लीबिया और ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी संदेह के घेरे में आ चुका है.
जर्मन अमेरिकी दिवस
6 अक्टूबर को हर साल जर्मन अमेरिकी दिवस मनाया जाता है. यह जर्मन अमेरिकी विरासत का जश्न है. 1683 में इसी दिन 13 जर्मन परिवार जर्मनी के क्रेफेल्ड से फिलाडेल्फिया आए थे.
इन परिवारों ने बाद में पेनसिल्वेनिया में जर्मनटाउन बसाया. इसे अमेरिकी में जर्मनी की 13 असली कॉलोनियों में पहला माना जाता है. जर्मन दिवस का जश्न पहले विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन विरोधी भावना की भेंट चढ़ कर बंद हो गया. 1983 में अमेरिका में जर्मन अप्रवासन और संस्कृति की 300वीं वर्षगांठ के मौके इसे दोबारा शुरू किया गया.
6 अगस्त 1987 को अमेरिकी संसद ने इसे जर्मन अमेरिकी दिवस के रूप में मनाने की सहमति दी और 18 अगस्त 1987 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस पर दस्तखत करके इसे कानून बना दिया. इसी साल 2 अक्टूबर को व्हाइट हाउस के रोज गार्डेन में एक औपचारिक समारोह भी हुआ. समारोह में राष्ट्रपति रीगन ने सभी अमेरिकियों से इस दिन का जश्न मनाने को कहा.
देश-दुनिया के इतिहास में छह अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1949 : तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खडगवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की आधारशिला रखी।
1957 : सोवियत संघ ने नोवाया ज़ेमल्या में परमाणु परीक्षण किया।
1981 : मिस्र के सैन्य अधिकारी और 1970 से देश की सत्ता पर काबिज मोहम्मद अनवर अल सादत की हत्या कर दी गई। उन्होंने इस्राइल के साथ गंभीर शांति वार्ता के लिए प्रयास किए और उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें इस्राइल के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2000 : जापान के साकाइमिनातो के निकट 7.3 की तीव्रता का भूकंप। यह कोबा में 1995 में आए भूकंप के बाद का सबसे ताकतवर भूकंप था, लेकिन इससे हुआ नुकसान अपेक्षाकृत काफी कम रहा क्योंकि इसका केन्द्रबिंदु गैर रिहायशी इलाकों में था।
2007 : जेसन लुईस ने अपने बूते पूरी दुनिया की परिक्रमा पूरी की। जहाज से लगाई गई इस परिक्रमा को पूरा होने में 13 वर्ष का समय लगा। उन्होंने अपनी यात्रा जुलाई 1994 से लंदन के ग्रीनविच से शुरू की थी।