क्रिस्टोफर कोलंबस ने शुरू की थी यात्रा
देश-दुनिया के इतिहास में 3 अगस्त को कई ऐसी घटनाएं हुईं जिनके चलते आज का दिन ऐतिहासिक बना। इसके अलावा आज हिंदी कवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्मदिन भी है। यह तो हम आप सभी जानते हैं कि इटली के नाबिक क्रिस्टोफर कोलंबस यूरोप से समुद्र मार्ग से भारत के रास्ते की खोज करने निकले थे, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने अपनी यह यात्रा 1492 में 3 अगस्त के दिन ही शुरू की थी। इसके अलावा भारतीय समाज सेवकों के लिए भी आज का दिन महत्वपूर्ण है।
दरअसल बाबा आम्टे को 1985 में आज के दिन ही जनसेवा के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पंचवटी, यशोधरा, साकेत जैसी कालजयी रचनाओं के कवि मैथिलीशरण गुप्त का आज ही के दिन 1886 में झांसी के चिरगांव में हुआ था.
मैथिलीशरण गुप्त 12 साल से ही ब्रजभाषा में कविता लिखना शुरू किया. नर हो न निराश करो मन को, कुछ काम करो, कुछ काम करो.. कविता लिखने वाले गुप्त ने 1914 में राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत 'भारत भारती' लिखी. 1916-17 में उन्होंने 'साकेत' लिखना शुरू किया जिसमें उर्मिला के प्रति उपेक्षा भाव को खत्म करने की कोशिश की गई. इसके बाद उन्होंने खुद पुस्तक प्रकाशन शुरू किया. 1931 में उन्होंने 'पंचवटी' लिखी.
चारुचंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में,
स्वच्छ चांदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।
पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से,
मानों झूम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से॥
महात्मा गांधी ने राष्ट्रकवि का दर्जा दिया. 1953 में उन्हें पद्मविभूषण और फिर 54 में पद्मभूषण प्रदान किया गया. उनके काव्य में राष्ट्रीय चेतना, धार्मिक भावना और मानवीय उत्थान की भावना अहम है. "भारत भारती' के तीन खण्डों में देश का अतीत, वर्तमान और भविष्य दिखाया गया है.12 दिसंबर 1964 को दिल का दौरा पड़ने से राष्ट्रकवि गुप्त का निधन हो गया.
आज ही के दिन 3 अगस्त 1978 को खेलों की दुनिया में 11वें राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत हुई थी. एलिज़ाबेथ द्वितीय ने इस समारोह की शुरूआत की थी.इस राष्ट्रमंडल खेल में सबसे अधिक पदक कनाडा ने जीते थे.10 दिनों तक चले राष्ट्रमंडल खेलों में कई ऐतिहासिक चीज़ों की भी शुरुआत हुई थी. इस राष्ट्रमंडल प्रतियोगिता में पहली बार कम्प्यूटर द्वारा खेलों के टिकट बेचे गए थे, जिसने टिकटों का ख़रीदा जाना और आसान कर दिया था.
ये राष्ट्रमंडल खेल इसलिए भी ख़ास थे, क्योंकि इस बार राष्ट्रमंडल खेल से ब्रिटिश शब्द हटा दिया गया था. इससे पहले इस प्रतियोगिता को ब्रिटिश राष्ट्रमंडल खेल कहा जाता था.
कुष्ठ रोगियों को समर्पित बाबा आमटे हुए सम्मानित
3 अगस्त 1985 के दिन समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले बाबा अामटे को रोमन मैगसेसे पुरस्कार से नवाजा गया था. यह पुरस्कार उन्हें कुष्ठ रोगियों के उत्थान के लिए काम करने पर मिला.26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा में जन्मे बाबा आमटे के पिता एक लेखपाल थे. ऐसे में आमटे का बचपन सभी सुख सुविधाओं के बीच बीता.इन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी, वहीं बाद में वकालत भी की.
इस बीच वे गांधी जी से भी प्रभावित हुए. लिहाजा उन्होंने देश के प्रत्येक गांव में जाने का फैसला किया.उनकी इस यात्रा का मकसद गांव में रह रहे लोगों की समस्याओं को जानना था. उन्होंने यात्रा की तो जाना कि देश विकराल गरीबी और कुपोषण की आग में झुलस रहा है.
एक बार बरसात में उन्होंने देखा कि एक कुष्ठ रोगी भीग रहा है, जिसकी मदद को कोई आगे नहीं आ रहा. इसके बाद वो खुद ही आगे बढ़े और उसे अपने साथ लेकर गए.यही वो घटना थी, जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया. उन्होंने ठान लिया कि अब वे कुष्ठरोग के बारे में सबकुछ जानकर रहेंगे.इसके बाद उन्होंने कुष्ठ रोगियों के इलाज के लिए आनंद वन की स्थापना की. यह वही जगह है जहां आज सभी कुष्ठ रोगियों का मुफ्त इलाज किया जाता है.
बाबा आमटे के योगदान को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया. रोमन मैगसेसे के अलावा, उन्हें 1988 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मान दिया गया.
'तूफान सेलिआ' ने मचाई तबाही
3 अगस्त 1970 के दिन टेक्सास के तट से चल रही लहरों ने एक भयंकर तूफ़ान का रूप ले लिया. तूफान के सामने किसी की एक न चली, और ये अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को उखाड़ ले गया. इस तूफ़ान से जान और माल दोनों का ही भारी नुक्सान हुआ.तूफ़ान का असर क्यूबा, फ्लोरिडा और टेक्सास समेत एक बड़े अमेरिकी क्षेत्र पर पड़ा.समुद्री लहरों की रफ्तार 130 मिनट प्रति मील थी. तीसरे दर्जे का ये तूफ़ान बड़ी तबाही मचाने के लिए काफी था.आंकड़ों के मुताबिक़ इस तूफ़ान में 15 लोग मारे गए थे. इस तूफ़ान के बाद टेक्सास के लगभग 70 फीसदी घर तहस-नहस हो गए थे. वहीं, पोर्टलैंड में 90 फीसदी घरों और व्यापार के संसाधनों की बर्बादी का भयानक मंज़र लोगों ने देखा था.
ट्यूनीशिया के हीरो का जन्मदिन
आज ही के दिन यानी 3 अगस्त 1903 को ट्यूनीशिया को आज़ाद कराने वाले, देश के स्वतंत्रता के हीरो हबीब बौरगुइबा का जन्म हुआ था. इस नेता ने अपने देश की आज़ादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.
हबीब न सिर्फ एक राजनेता थे, बल्कि वह एक राजनीतिक समझ रखने वाले व्यक्ति भी थे.इन्होंने राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की थी, शायद इसलिए वह तमाम राजनीतिक हलचलों को बेहतर समझते थे.हबीब फ्रांस के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले उन चंद लोगों में से एक थे, जिन्हें ये समझ थी कि किस तरह और किससे हाथ मिला कर ट्यूनीशिया को आजादी की राह पर ले जाया जा सकता है.इसी जद्दोजहद में वह 25 साल क्रांतिकारी की तरह लगातार संघर्ष करते रहे. उन्हें 9 साल कारावास में भी गुज़ारने भी पड़े, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार देश को आजाद करा कर ही माने.
नाइजर को मिली आज़ादी
पश्चिम अफ्रीका के किनारे एक नदी है, जिसका नाम है नाइजर. इसी नाम पर एक देश का नाम है नाइजर. जिसे नाइजर गणराज्य भी कहा जाता है. इस देश को बहुत समय तक विदेशी ताक़तों की गुलामी सहनी पड़ी. यहां तक कि देश के तमाम संसाधनों पर फ़्रांस का ही कब्ज़ा था.3 अगस्त 1960 को इस देश को ऐसे दमनकारी और क्रूर फ्रांसीसी उपनिवेशवाद से आजादी मिली.
असल में अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे ज़्यादा आबादी वाला ये मुल्क बहुत अच्छे मौके प्रदान करता है, फिर चाहें वो आर्थिक आधार हों या होने वाली खपत. सभी क्षेत्रों में ये देश कई तरह से बेहतर नजर आता है. यही वजह थी कि फ़्रांस ने इसे लंबे समय तक अपने कब्ज़े में रखा.नाइजर में स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए कई रिवाज़ हैं, जिन्हें हमेशा अपनाया जाता है. इस दिन स्वतंत्रता दिलाने वाले सेनानियों को याद किया जाता है और उनकी याद में पेड़-पौधे लगाए जाते हैं.
अन्य ऐतिहासिक घटनाएं
1108 : लुई षष्ठम फ्रांस का सम्राट बना।
1492 : यूरोपीय देश स्पेन से सभी यहूदियों को बाहर निकाला गया।
1492 : इटली का नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस तीन पोत के साथ स्पेन से भारत की खोज पर रवाना हुआ।
1678 : राबर्ट लासैले ने अमेरिका में पहले जहाज का निर्माण किया।
1780 : मेहर पोफम के तहत कैप्टन ब्रूस ने ग्वालियर पर कब्जा किया।
1886 : हिंदी के विद्वान मैथिली शरण गुप्त का जन्म।
1900 : फर्स्ट वन टायर एंड रबर कंपनी की स्थापना हुई।
1914 : पहला समुद्री जहाज पनामा नहर से गुजरा।
1925 : अमेरिका की अंतिम सैन्य टुकड़ी ने निकारागुआ छोड़ा।
1957 : अब्दुल रहमान को मलेशिया का नया नेता चुन लिया गया। उनके नेतृत्व में ब्रिटेन से मलेशिया को आजादी मिली थी।
1960 : पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर ने फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल की।
1985 : बाबा आम्टे को जनसेवा के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया।
2003 : अमेरिका के एंग्लिकन चर्च में एक समलैंगिक को बिशप बनाने का फ़ैसला किया गया। न्यू हैंम्पशायर के जेन रॉबिंसन को एपिस्कोपल चर्च के हाउस ऑफ़ डेपुटीज़ ने भारी बहुमत से बिशप बनाया।
2004 : अमेरिकी अंतरिक्ष यान मैसेंजर बुध ग्रह के लिए रवाना।
2007 : इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुआ रूसी अंतरिक्ष यान प्रोग्रेस एम-61 सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में पहुँचा।
2007 : लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में एक ट्रेन दुर्घटना में 100 लोगों की मृत्यु।