हुई थी आकाशवाणी की स्थापना, नाम
था इंडियन ब्राडकास्टिंग कर्पोरेशन
इन दिनों भारत में भले ही आॅडियो और वीडियो के क्रमश: एफएम और निजी चैनलों की भरमार है। जबकि एक वक्त था जब मनोरंजन और समाचार का एकमात्र साधन रेडियो और दूरदर्शन ही हुआ करते थे। आकाशवाणी की स्थापना 1927 में 23 जुलाई के दिन की गई थी और उस समय इस सेवा का नाम भारतीय प्रसारण सेवा (इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन) रखा गया था। देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन 1927 में दो निजी ट्रांसमीटरों से की गई।
1930 में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और 1957 में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं) भारत की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है। इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन एवं आकाशवाणी शामिल हैं। इससे पहले 1921 में छोटी-छोटी संस्थाएं रेडियो का प्रसारण करती थीं। आगे भारत सरकार ने रेडियो प्रसारण के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया था।
इस तरह से तब बम्बई(मुंबई) और कोलकाता के रेडियो केन्द्रों ने देश की लगभग 99 प्रतिशत जनसँख्या के पास रेडियो प्रसारण पहुँचाया गया इसके बाद भी इन दोनों केन्द्रों को वांछित मुनाफा नहीं हुआ। इसको देखते हुए सरकार ने इन केन्द्रों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।
आगे 1932 में इंडियन ब्रोडकास्टिंग कम्पनी का नाम बदलकर आल इंडिया रेडियो रख दिया गया.आजादी के बाद इसे विविध भारती के नाम से जाना गया. वर्तमान भारत में 415 रेडियो केंद्र हैं. इसकी पहुँच भी 92 जनसँख्या तक है।
सरकारी प्रसारण संस्थाओं को स्वायत्तता देने के इरादे से 23 नवंबर 1997 को प्रसार भारती का गठन किया गया, जो देश की एक सार्वजनिक प्रसारण संस्था है और इसमें मुख्य रूप से दूरदर्शन और आकाशवाणी को शामिल किया गया है।
दिल्ली पहुंचा हुमायूँ
23 जुलाई 1555 के दिन हुमायूँ ने सरहिंद में सिकंदर सूरी को हरा दिया. इस प्रकार हुमायूँ एक बार फिर से दिल्ली की गद्दी पर बैठा.
हुमायूँ मुग़ल शासक बाबर का उत्तराधिकारी था. बाबर ने इब्राहीम लोदी को हराकर भारत में मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी थी. बाबर की मृत्यु के बाद हुमायूँ दिल्ली की गद्दी पर बैठा था.आगे 1540 में शेर शाह सूरी ने हुमायूं को हरा दिया. इसके बाद हुमायूँ को भारत से बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ा. दिल्ली और आगरा को कब्जे में लेने के बाद शे शाह ने अपने साम्राज्य का विस्तार करना शुरू किया.
आगे शेरशाह सूरी 1545 में कलिजर में मारा गया. उसके मरने के बाद उसका छोटा बीटा इस्लाम शाह गद्दी पर बैठा. आगे 1553 में इस्लाम शाह की भी मृत्यु हो गई. इसके बाद गद्दी के लिए उत्तराधिकार की लड़ाई शुरू हो गई.
तब साम्राज्य में राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया था. सत्ता पाने के लिए जगह-जगह से राजनीतिक विद्रोह उठ रहे थे.इस्लाम शाह का 12 वर्षीय पुत्र फ़िरोज़ खान साम्राज्य का अगला शासक बना. आगे उसके ममेरे चाचा आदिल शाह सूरी ने उसकी ह्त्या कर दी. उसके बाद सिकंदर सूरी दिल्ली की गद्दी पर बैठा.
हालांकि, राजनीतिक संकट पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ था और राज्य में उथल-पुथल मची हुई थी. उधर हुमायूँ ने भी अपनी सेना को संगठित कर लिया था. इसी उथल-पुथल का फायदा उठाकर हुमायूँ ने सिकंदर सूरी पर आक्रमण कर दिया.आगे सरहिंद में दोनों के बीच लड़ाई हुई और हुमायूँ को जीत मिली.
क्रांतिकारी 'चंद्रशेखर आजाद' का जन्म दिन
23 जुलाई 1906 के दिन भावरा, मध्य प्रदेश में अमर शहीद क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद का जन्म हुआ. उनका बचपन का नाम चंद्रशेखर तिवारी था. मात्र 15 वर्ष की उम्र में ही वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे. इसी दौरान उनको गिरफ्तार किया गया, तो उन्होंने अपना नाम ‘आजाद’ रख लिया.
1922 में असहयोग आन्दोलन की असफलता के बाद आजाद का मन गांधी जी के अहिंसा के रास्ते से उठ गया. इसके बाद उनकी मुलाक़ात राम प्रसाद बिस्मिल से हुई. बिस्मिल उस समय हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन नाम का संगठन चला रहर थे. इस संगठन का उद्देश्य सशस्त्र क्रांति के द्वारा भारत को आजाद कराना था.
आजाद जल्द ही इस संगठन का हिस्सा बन गए और अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी अफसरों के खिलाफ हिंसात्मक कार्वहियाँ करने लगे. रूसी क्रांति का आजाद के अवचेतन पर गहरा प्रभाव पड़ा. इस प्रकार वे एक समाजवादी क्रांतिकारी बन गए.
1925 में उन्होंने काकोरी में ट्रेन को लूटा. इस दौरान उनके बहुत से साथी पकड़े गए, लेकिन आजाद बच गए. आगे उनकी मुलाक़ात भगवती चरण वोहरा से हुई. वोहरा ने उन्हें भगत सिंह और सुखदेव से मिलवाया. इन लोगों ने मिलकर हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन का नाम बदलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन कर दिया.
27 फरवरी 1931 को आजाद सुखदेव से मिलने इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क पहुंचे. पुलिस को इसकी खबर लग गई. उसने आजाद को चरों तरफ से घेर लिया. भीषण गोलीबारी हुई और तीन पुलिसवालों को मारने के बाद आजाद बुरी तरह से घायल हो गए.आजाद ने वादा किया था की वे जीवित रहते ब्रिटिश हुकूमत की पकड़ में नहीं आएँगे. इस वादे को पूरा करने के लिए उन्होंने खुद को गोली मार ली.
बाल गंगाधर तिलक का हुआ जन्म
23 जुलाई 1856 के दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का जन्म हुआ.आगे उन्होंने पुणे के डेक्कन कॉलेज से स्नातक किया. इसके बाद वे गणित के अध्यापक बन गए. इसी क्रम में उन्होंने युवाओं को अच्छी शिक्षा देने के लिए एक संगठन का निर्माण किया.
इस समय ब्रटिश हुकूमत के जुल्म बढ़ते जा रहे थे, तो 1890 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बन गए. हालाँकि, वे कांग्रेस के नेताओं द्वारा आजादी के लिए अपनाए जा रहे नरमपंथी रवैये से काफी निराश थे.
आगे उन्होंने अपना अखबार निकाला. इस अखबार का नाम केसरी था. इसमें उन्होंने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लगातार लेख लिखे. इसी क्रम में दो अंग्रेजी अधिकारियों का खून हो गया.तिलक को हिंसा भड़काने के आरोप में 18 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया. जब वे जेल से बाहर आए तो वे राष्ट्रीय हीरो बन चुके थे.
यह वर्ष 1905 था, जब अंग्रेजी सरकार ने बंगाल का विभाजन कर दिया. इसके विरोध में तिलक ने स्वदेशी आन्दोलन चला दिया. अब तिलक अंग्रेजी सरकार की नजर में चढ़ते जा रहे थे. 30 अप्रैल 1908 को दो युवा भारतीय क्रांतिकारियों ने मुजफ्फरपुर में एक अंग्रेजी अधिकारी को मारने के लिए बम फेंका. आगे तिलक ने इन दोनों के समर्थन में अपने अखबार में लेख छाप दिया.इसी क्रम में अंग्रेजी सरकार ने उन्हें हिंसा का महिमामंडन और राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 1908 से 1914 तक जेल में रहने की सजा मिली.
1914 में जब वे जेल से बहार आए तो उनका रुख थोडा नरम पड़ गया. जब 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ तो उन्होंने ब्रिटेन के राजा से वादा किया कि वे उनके लिए भारतीय सैनिकों को लड़ाई के लिए तैयार करेंगे. हालांकि, वे गाँधी जी के अहिंसा के मार्ग की हमेशा आलोचना करते रहे.
हैरी पॉटर स्टार 'डैनियल जैकब' का जन्मदिवस
डैनियल जैकब एक हॉलीवुड अभिनेता हैं. हालांकि, डैनियल को अधिकतर लोग हैरी पॉटर के नाम से ही जानते हैं.चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर डैनियल हैरी पॉटर मूवी सीरीज में आए थे. फिल्म में उन्होंने अपनी एक्टिंग का पूरा जोर दिखाया. यही कारण है कि लोगों ने उनके अभिनय को बहुत पसंद किया. डैनियल का जन्म 23 जुलाई 1989 को वेस्ट इंग्लैंड के में हुआ था.
डैनियल के पिता एक साहित्यिक प्रतिनिधि थे और मां बीबीसी के लिए कास्टिंग एजंट के तौर पर कार्य करती थी. डैनियल का एक्टिंग की तरफ रुझान 5 साल की उम्र में पड़ा.
10 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार बीबीसी के एक कार्यक्रम 'डेविड कोप्पेरफेल्ड' में हिस्सा लिया. यहीं से डैनियल के अभिनय की असली शुरुआत हुई.इसके बाद साल 2002 में डैनियल को हैरी पॉटर सीरीज का हिस्सा बनने का मौका मिला. उन्होंने इस मौके को अपने हाथों से जाने नहीं दिया.
इसके बाद डैनियल ने हैरी पॉटर फिल्म की और पहली ही फिल्म सुपरहिट रही. इस मूवी ने डैनियल को इंग्लैंड का सबसे अमीर चाइल्ड आर्टिस्ट बना दिया.
इस फिल्म में उनके अभिनय को इतना सराहा गया कि इसके लिए उन्हें नेशनल मूवी अवार्ड से सम्मानित किया गया.
दुनिया के पहले टाइपोग्राफर को मिला पेटेंट
तकनीकी विकास की नजरिये से भी आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. 23 जुलाई 1829 को अमेरिका के विलियम आस्टिन बर्ट ने दुनिया की पहली टाइपोग्राफर मशीन का पेटेंट लिया था.
यह अमेरिका में बनी पहली टाइपराइटिंग मशीन थी. बर्ट को 14 सालों के लिए टाइपोग्राफर मशीन का पेटेंट दिया गया था. इस पत्र पर अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन ने हस्ताक्षर किये थे.यह मशीन एक आयताकार लकड़ी के बक्से में फिट थी, जिसे घूमने वाले लीवर की मदद से चलाया जाता था. कागज पर लिखी जाने वाली लाइनों को मशीन के सामने की तरफ लगे एक गोलाकार छेद में से देखा जा सकता था.
मशीन में मौजूद कागज के पन्ने खुद ब खुद एक वेलवेट लगी बेल्ट पर चढ़ते जाते थे और आगे बढ़ते जाते थे. 1829 से लेकर 1874 तक टाइपराइटर मशीन के रूप में बर्ट की टाइपोग्राफर मशीन ही प्रसिद्ध रही.हालांकि, 1874 के बाद कई अन्य लोगों ने टाइपराइटर की आधुनिक मशीनों का निर्माण किया.
इजिप्ट के टूरिस्ट रिजोर्ट में बम धमाका!
आतंकवाद एक ऐसा सांप है, जिसका दंश लगभग हर देश भोग ही चुका है. 23 जुलाई 2005 का दिन इजिप्ट के लोगों के लिए किसी काले दिन से कम नहीं था.
ऐसा इसलिए क्योंकि, इसी दिन इजिप्ट में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इसमें 88 मासूम लोगों की जान गई थी, जबकि 200 के करीब लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे.यह हमला इजिप्ट के शहर शर्म-अल-शेख के एक होटल और भीड़भाड़ वाले बाजार में किया गया था. यह धमाके महज कुछ ही मिनटों के अंतराल में हुए.पहला धमाका एक लोगों से भरे बाजार में किया गया. वहां एक कार चालक अपनी गाड़ी में विस्फोटक भर कर बाजार में पहुंच गया और फिर गाड़ी एक धमाके से फट गई.
इसी तरह एक अन्य कार बड़ी तेजी से एक होटल के बैरियर तोड़ते हुए सीधे उसकी रिसेपशन पर जा पहुंची. इससे पहले की होटल सिक्योरिटी व अन्य लोग कुछ करते एक जोरदार धमाके से गाड़ी बलास्ट हो गई.धमाके के साथ कई लोग भी मारे गए. धमाका इतना जबरदस्त था कि उसके कारण होटल का बाहरी हिस्सा पूरा का पूरा ढह गया.इसी तरह तीसरा हमला शहर के मशहूर होटल मोवेनपिक में किया गया था. इन धमाकों में ब्रिटिश, रूसी, डच, कुवैती, साउदी और क़तर जैसे कई देशों के लोग मारे गए थे.
धमाकों के काफी घंटों बाद आंतकी ग्रुप अल कायदा ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
लिट्टे का 26 सालों तक चला गृह युद्ध
तमिल टाइगर्स के नाम से विख्यात एलटीटीई विद्रोहियों और श्रीलंका सरकार के बीच 26 सालों तक चले गृह युद्ध में हजारों जानें गईं. यह युद्ध आज ही के दिन 1983 में शुरू हुआ था.
विद्रोही समूह उत्तरी और पूर्वी इलाके को स्वतंत्र प्रांत बनाने की कोशिश में था. सालों चले इस संघर्ष में अस्सी हजार से ज्यादा जानें गई. इस संघर्ष के दौरान इस्तेमाल किए गए विद्रोह के तरीके के चलते संयुक्त राष्ट्र और भारत समेत 32 देशों ने उन्हें आतंकवादी संगठन करार दिया.18 मई 2009 को श्रीलंका की सरकार ने तमिल विद्रोहियों के साथ चल रही जंग के खत्म होने का एलान किया.
सेना ने देश के उत्तरी हिस्से पर कब्जा किया और लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन को मार दिया गया. सेना के मुताबिक अंतिम लड़ाई में 250 विद्रोही मारे गए. 72,000 लोगों को युद्ध से प्रभावित इलाकों में अपना घर छोड़ कर जाना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2009 में 20 जनवरी और 7 मई के बीच 7,000 लोग मारे गए थे. राजीव गांधी की सरकार ने 1987 में श्रीलंका में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को भेजा था. इस बात से एलटीटीई राजीव गांधी से नाराज हो गया. इसी नाराजगी के चलते एलटीटीई ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.
सैली राइड पहली अमेरिकी 'महिला अतंरिक्ष यात्री' का निधन!
23 जुलाई 2012 में अमेरिका की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी सैली राइड, दुनिया को अलविदा कह गई थी. उनकी मौत अग्नाशय के कैंसर की वजह से हुई थी.सैली का जन्म 26 मई 1951 में हुआ था. उनका बचपन लॉस एंजिल्स में गुजरा. हालांकि, थोड़ा बड़े होने पर वह पढ़ाई के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चली गई.यहां 1973 में उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की. इसके बाद उन्होंने 1975 में अपनी मास्टर्स की और फिर 1978 में फिजिक्स में पी.एच.डी.
इसी वर्ष सैली ने नासा के एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए फॉर्म भरा. इस दौरान हुई परीक्षा को 1000 लोगों ने दिया था.उन सभी में से कुछ लोगों को चुना गया था, जिनमें से एक सैली थीं. इसके बाद उन्हें अंतरिक्ष यात्रा की ट्रेनिंग दी गई.
आखिरकार 18 जून 1983 में सैली अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा के लिए गई. वहां उन्हें अंतरिक्ष में अपने सैटेलाइट लगाने थे.अपने इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद सैली अमेरिका की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गई थी.
साल 2012 में कैंसर के चलते 61 वर्ष की आयु में सैली की मौत हो गई थी. आज भी सैली उन लड़कियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो अंतरिक्ष में जाने का सपना देखती हैं.
टाइगर वुड्स बने सबसे युवा ग्रैंड स्लैम चैंपियन
23 जुलाई का यह दिन स्पोर्ट्स के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है. इसी दिन साल 2000 में वर्तमान के महान गोल्फ खिलाड़ी टाइगर वुड्स ने ब्रिटिश ओपन चैम्पियनशिप जीत कर एक नया र्कीतिमान स्थापित किया था.
24 साल 7 महिने की आयु में इस चैम्पियनशिप को जीत कर वुड्स सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए थे, जिसने इस ग्रैंड स्लैम कप को अपने नाम किया था.यकीनन गोल्फ प्रेमी और खुद टाइगर वुड्स को यह दिन याद होगा. सेंट एंड्रयू मैदान में खेली गई इस प्रतियोगिता को वुड्स ने 8 शॉट्स में जीता था.अब तक टाइगर वुड्स इस चैम्पियनशिप को तीन बार जीत चुके हैं.
इतिहास में 23 जुलाई की तारीख पर दर्ज अन्य घटनाएं
1877: हवाई में पहली टेलिफोन और टेलिग्राफ लाईन बिछाई गई।
1881: अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक संघ ने खेल परिसंघ की स्थापना की। यह विश्व का सबसे पुराना खेल परिसंघ है।
1898: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार ताराशंकर बंदोपाध्याय का जन्म हुआ।
1903: मोटर कंपनी फोर्ड ने अपनी पहली कार बेची।
1920: ब्रिटेन के कब्जे वाले पूर्वी अफ्रीका का नामकरण केन्या किया गया और इसे ब्रिटिश उपनिवेश बना दिया गया।
1932: भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक महमूद का निधन हुआ।
1974: यूनान में सैन्य शासन का अंत और पूर्व प्रधानमंत्री कौन्सटैनटिन कारमनालिस को दोबारा सत्ता संभालने का न्यौता दिया गया।
1993: छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लक्ष्मण प्रसाद दुबे का निधन
2001: मेघावती सुकर्णोपुत्री इंडोनेशिया की राष्ट्रपति बनीं।
2005: मिस्र के शर्म-अल-शेख के रिजॉर्ट में हुए बम धमाकों में 88 लोग मारे गए थे।
2012: इराक में सिलसिलेवार हमलों में 103 लोग मारे गए।
2012: स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेविका का लक्ष्मी सहगल निधन
2016: भारत में जन्में प्रसिद्ध चित्रकर एस. एच. रज़ा का निधन