
मलाला दिवस, पेपर बैग डे और सादगी अपनाने का दिन
इतिहास के पन्नों में कई ऐतिहासिक घटनाएं दर्ज है। उनमें 1949 की 12 जुलाई का जिक्र किया जा सकता है, जब आरएसएस पर लगाए गए प्रतिबंध को सशर्त हटा लिया गया। दरअसल जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे के हाथों महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उसके अतिरिक्त 12 जुलाई को
विश्व मलाला डे, पेपर बैग दिवस और सादगी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इसी तारीख को विमल राय, जुलियस सीजर, मलाला युसुफजई का जन्म दिन है, तो हिंदी सिनेमा के राजेंद्र कुमार, दारा सिंह और प्राण की आज पुण्य तिथि है।
World Malala Day: संयुक्त राष्ट्र ने युवा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के योगदान को सम्मानित करने के लिए 12 जुलाई को विश्व मलाला दिवस के रूप में घोषित किया है। मलाला दिवस को दुनिया भर में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए मलाला यूसुफजई के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है।
लड़कियों की शिक्षा के लिए सार्वजनिक रूप से आवाज उठाने वाली मलाला पर तालिबान बंदूकधारियों द्वारा 9 अक्टूबर 2012 को गोली चलाई गई थी। हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, मलाला जल्द ही स्वस्थ होकर लोगों के बीच लौटी और पहले की तुलना में उनके विचारों में उग्रता दिखाई दी और लिंग अधिकारों के लिए उनकी वकालत की। उन्होंने एक गैर-लाभकारी संस्था मलाला फंड की स्थापना की है, जो युवा लड़कियों को स्कूल जाने में मदद करने और अंतर्राष्ट्रीय बेस्टसेलर "I Am Malala" नामक पुस्तक की सह-लेखिका भी है।
मलाला को कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है जो इस प्रकार:
— उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा पहली बार साल 2012 में राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
— वर्ष 2014 में, वह 17 साल की उम्र में बाल अधिकारों के लिए — अपने प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता बन गईं, जिसे उन्होंने गोली लगने से पहले ही शुरू कर दिया गया था।
— संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में अंत जारी की अपनी समीक्षा रिपोर्ट में मलाला को दशक में "दुनिया में सबसे प्रसिद्ध किशोरी" घोषित किया था.
— मलाला को कनाडा की मानद नागरिकता से भी नवाजा गया है, जिसके साथ वह कनाडा में हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति बनी थी.
— एक्टिविस्ट पर बनी डॉक्यूमेंट्री, He Named Me Malala को साल 2015 में ऑस्कर के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था.
इसके अलावा उन्होंने एक अन्य पुस्तक जिसका शीर्षक वी आर डिसप्लेस्ड भी लिखी है. जो कि दुनिया भर में उनके घूमने और शरणार्थी शिविरों का अनुभव करने के उसके अनुभवों का वर्णन करती है।
पेपर बैग डे
प्लास्टिक के कारण होने वाले प्रदूषण और इससे प्राकृतिक पर्यावरण को होने वाले गंभीर खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 12 जुलाई को मनाया जाता है। प्लास्टिक कचरे को सड़ने में हजारों साल लगते हैं। इसलिए सिंगल यूज प्लास्टिक बैग के दुष्प्रभावों को समझना जरूरी है।
पेपर बैग (Paper Bag Day) विघटित होने वाले कच्चे माल से बने होते हैं, रिसाइकिल करने योग्य और बायोडिग्रेडेबल होते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि वे मजबूत हैं और लगभग सभी अवसरों पर उपयोग किए जाते हैं। बहुत से लोग प्रतिदिन कागज से बने बैगों का उपयोग कर रहे हैं जो पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में मदद करते हैं। वैश्वीकरण, जलवायु परिवर्तन और कच्चे माल की कमी के कारण लोग स्थायी जीवन शैली विकल्प अपना रहे हैं, और पेपर बैग उनमें से एक है। यह प्लास्टिक बैग के उपयोग को कम करता है जो प्रदूषण का कारण बनता है और गैर-बायोडिग्रेडेबल होता है।
निस्संदेह पेपर बैग (Paper Bag Day) का उपयोग हमारे ग्रह को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधारशिला है क्योंकि पेपर बैग बायोडिग्रेडेबल हैं। कई देशों में अलग-अलग तारीखों में पेपर बैग डे (Paper Bag Day) मनाया जाता है।
पेपर बैग: इतिहास (Paper Bag: History)
आपको बता दें कि 1852 में एक अमेरिकी आविष्कारक फ्रांसिस वोले ने पहली पेपर बैग मशीन की स्थापना की थी। इसके अलावा 1871 में, मार्गरेट ई. नाइट ने एक और मशीन तैयार की जो फ्लैट-बॉटम पेपर बैग का उत्पादन कर सकती है। वह प्रसिद्ध हो गई और "किराने की थैली की माँ" के रूप में जानी जाने लगी। 1883 में, चार्ल्स स्टिलवेल ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया, जो प्लीटेड पक्षों के साथ चौकोर-नीचे पेपर बैग का उत्पादन कर सकती है जिससे उन्हें मोड़ना और स्टोर करना आसान हो जाता है। 1912 में, वाल्टर ड्यूबनेर ने पेपर बैग (Paper Bag) को सुदृढ़ करने और कैरी करने के हैंडल जोड़ने के लिए एक कॉर्ड का उपयोग किया। इन वर्षों में, कई आविष्कारक आए और पेपर बैग के उत्पादन में सुधार किया।
पेपर बैग का उपयोग करने के लाभ (Advantages of Using Paper Bags)
- पेपर बैग का इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल है।
- पेपर बैग में पैकेजिंग को अपमार्केट और उत्तम दर्जे का माना जाता है। एक साधारण बैग में और आकर्षक मुद्रित पेपर बैग में पैकिंग निश्चित रूप से उत्पाद को बढ़त देगी।
- पेपर बैग अक्षय संसाधनों से बने होते हैं और इसलिए इन्हें आसानी से रिसाइकिल किया जा सकता है।
- पेपर बैग बायोडिग्रेडेबल होते हैं और विषाक्त पदार्थों को नहीं छोड़ते हैं।
- पेपर बैग को सावधानी से संभालने के साथ बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- पेपर बैग को घर के कम्पोस्ट में आसानी से बनाया जा सकता है।
- पेपर बैग सस्ते और उपयोग में व्यावहारिक हैं।
- क्या आप जानते हैं कि पेपर बैग लकड़ी से बने होते हैं इसलिए इन्हें रिसाइकल करके आसानी से नए पेपर में बदला जा सकता है? जैसे अखबार, मैगजीन या किताबें।
पेपर बैग का नुकसान यह हो सकता है कि वे बहुत छिद्रपूर्ण होते हैं और एक पेपर बैग में फ्रीजिंग भोजन ले जाना मुश्किल होता है। इसलिए, पेपर बैग की गीली ताकत थोड़ी खराब होती है।
इसमें कोई शक नहीं कि पेपर बैग के इस्तेमाल से पर्यावरण को काफी मदद मिलेगी। लेकिन हाँ हमें कागज बर्बाद नहीं करना चाहिए या इसे ज़्यादा नहीं करना चाहिए।
सादगी दिवस: अमेरिका के मशहूर लेखक, कवि, पर्यावरणविद, इतिहासकार और दर्शनशास्त्री हेनरी डेविड थोरी के जन्मदिन (12 जुलाई, 1817) को ‘सिंप्लीसिटी डे’ यानी सादगी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने दुनिया को ‘सादा जीवन’ जीने का संदेश दिया था और सभी समस्याओं का हल इसे बताया।
सरलता ही रखेगी एकाग्र : पिछली सदी के सत्तर के दशक में अमेरिका के मशहूर मनोवैज्ञानिकअब्राहम हेराल्ड मेसलो ने ‘मेसलो पिरामिड’ का सिद्धांत दिया। इस के तहत इंसान की मूलभूत जरूरतों का क्रम सजाया गया है। बताया गया कि इन जरूरतों को पूरा करने के क्रम में जीवन जटिलता की तरफ बढ़ता है। जैसे, सुरक्षा की आवश्यकता के तहत नौकरी की सुरक्षा, आमदनी की चिंता, सम्मान, शोहरत-इज्जत की जरूरत को इस सिद्धांत में रखा गया। ये वे आवश्यकताएं हैं, जो इंसान को चालाकियों और झूठ बोलने के लिए उकसाती हैं। आत्मबोध यानी खुद की शांति चाहिए। यह भी एक जरूरत है, जो इंसान पर रचनात्मक दबाव बनाए रखती है। पर कुछ लोग अपनी प्रतिभा और समझदारी के बल पर ऐसी जटिलताओं के बीच भी सादगी भरा जीवन चुन लेते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी फ्रांस के एडवर्ड चाल्र्स मनोवैज्ञानिक, दर्शनशास्त्री होने के साथ लेखक भी हैं। यहां उनका एक कथन प्रासंगिक है, ‘जटिल होने के बाद आपके प्रयास भी आपको विचलित कर देंगे। वहीं, सरल रह सकेंगे तो आपका प्रयास भी केंद्रित रहेगा यानी एकाग्र रह सकेंगे।’ जरा सोचिए, परफेक्ट रहने की दौड़ और खुद पर दबाव डालते रहने की आदत ने जीवन को आसान बनाया या जटिल। आत्ममूल्यांकन करने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता।
1990: येल्तसिन के इस्तीफ़े से हुआ विभाजन
12 जुलाई 1990 को लोकप्रिय सोवियत नेता और रूसी संसद के अध्यक्ष बोरिस येल्तसिन ने सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था.येल्तसिन के इस्तीफ़े के बाद एक छोटे किंतु प्रभावशाली उग्र सुधारवादी संगठन 'डेमोक्रेटिक प्लेटफ़ॉर्म' ने भी अलग होने की घोषणा कर दी थी.
इस विभाजन के बाद सोवियत नेता मिखाइल गोर्बोचॉफ़ एक बिखरी हुई पार्टी के नेता रह गए थे.येल्तसिन पिछले 18 महीनों से पार्टी व्यवस्था में त्वरित सुधार की मांग करते रहे थे और पार्टी में सुधार के लिए पर्याप्त क़दम न उठाने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति गोर्बोचॉफ़ की तीखी आलोचना भी की थी.लेकिन इन आलोचनाओं के बावजूद येल्तसिन कम्युनिस्ट पार्टी संगठन के केंद्र में बने रहे थे.
येल्तसिन की असली ताक़त रूस की आम जनता से उन्हें मिलने वाले समर्थन में निहित थी.घटनाक्रम से एक महीने पहले मॉस्को न्यूज़ अख़बार ने जो मत सर्वेक्षण कराया था उसमें लोकप्रियता के आधार पर उन्हें 84 फ़ीसदी रेटिंग मिली थी.इस तरह वो सोवियत राजनीतिक परिदृश्य में बेहद विश्वसनीय शख़्सियत बन गए थे.
1974: शैंकली ने लिवरपूल छोड़ा
12 जुलाई को ही लिवरपूल फ़ुटबॉल क्लब के मैनेजर बिल शैंकली ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.58 वर्षीय शैंकली पिछले 15 सालों से इस पद पर बने हुए थे.अपना पद छोड़ने का फ़ैसला पांच हफ़्ते पहले ही ले लिया था, लेकिन क्लब के निदेशक उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे थे.
शैंकली का कहना था कि लंबे समय तक क्लब के मैनेजर की ज़िम्मेदारी संभालने के बाद वो दबाव महसूस कर रहे थे.1959 में लिवरपूल में नियुक्त होने के बाद से शैंकली ने क्लब को कई बार कामयाबी दिलाई थी जिसमें 1965 और 1974 में एफ़ए कप और 1973 में यूईएफ़ए कप में मिली जीत शामिल थी.
12 जुलाई की महत्वपूर्ण घटनाएं-
1346- लक्जमबर्ग के चार्ल्स चतुर्थ को रोमन साम्राज्य का शासक चुना गया.
1543- इंगलैंड के राजा हेनरी अष्टम ने छठी एवं अंतिम पत्नी कैथरीन पार के साथ विवाह किया.
1674- शिवाजी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ मित्रता के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.
1801- अल्जीसिरास की लड़ाई में ब्रिटेन ने फ्रांस और स्पेन को पराजित किया.
1812- जनरल हुल के नेतृत्व में अमेरिकी सेना ने कनाडा पर हमला किया.
1823- भारत में निर्मित पहला वाष्प जहाज 'डायना' का कलकत्ता (अब कोलकाता) में अनावरण किया गया.
1862- अमेरिकी कांग्रेस ने मेडल ऑफ ऑनर को प्राधिकृत किया.
1879- बुल्गारिया में नेशनल गार्ड्स यूनिट की स्थापना हुई थी.
1912- 'क्वीन एलिजाबेथ' अमेरिका में प्रदर्शित होने वाली पहली विदेशी फिल्म बनी.
1918- टोकायाम की खाड़ी में जापानी युद्धपोत में विस्फोट हुआ. जिसमें 500 लोगों की मौत हुई.
12 जुलाई को जन्मे व्यक्ति
— रोमन सम्राट जूलियस सीजर का जन्म 100 ईसा पूर्व में हुआ.
— हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यास लेखक दुर्गा प्रसाद खत्री का जन्म 1895 को हुआ था.
— हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक बिमल राय का जन्म 1909 को हुआ था.
क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर का 1965 को जन्म हुआ.
भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंत शरत कमल का जन्म 1982 को हुआ था.
— नोबल पुरस्कार से सम्मानित मलाला युसुफजई का जन्म 1997 को पाकिस्तान में हुआ.
12 जुलाई को हुए निधन
— लोदी वंश के संस्थापक बहलुल खान लोदी का दिल्ली में निधन 1489 में हुआ.
— प्रख्यात साहित्यिक संस्था ‘प्रसाद परिषद’ के भूतपूर्व सभापति
— विश्वनाथ प्रसाद मिश्र का निधन 1982 को हुआ था.
— हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध सदाबहार अभिनेता राजेंद्र कुमार का निधन 1999 को हुआ था.
— विश्व प्रसिद्ध पहलवान और हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता दारा सिंह का निधन 2012 को हुआ था.
— हिन्दी फ़िल्मों के जाने माने नायक, खलनायक और चरित्र अभिनेता प्राण का निधन 2013 को हुआ था.