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गोवा की आजादी के लिए क्रांति का बिगुल, जब लोहिया
ने दिया पूर्तगालियो के खिलाफ आंदोलन का नारा देश-दुनिया के इतिहास में 18 जून की तारीख महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा हुआ। इस दिन गोव की आजादी के लिए क्रांति के बीजारोपण के लिए भी याद किया जाता है। अगर इतिहास के पन्नों को पलटें तो 18 जून के दिन ही अमरीका और सोवियत संघ के बीच हथियारों पर नियंत्रण को लेकर ऐतिहासिक समझौता हुआ था. इसी दिन ब्रिटेन में हुए एक विमान दुर्घटना में 118 लोग मारे गए थे. हम सब जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकुमत से आजादी मिली, लेकिन आजाद भारत का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां आजादी के बाद भी कई बरस तक विदेशियों का शासन रहा और इसे आजाद होने में 14 बरस और लगे। यह हिस्सा था देश का तटीय क्षेत्र गोवा, जो उस समय पुर्तगालियों के कब्जे में था। दरअसल 1946 में जब यह साफ हो गया कि अंग्रेज अब भारत में अधिक समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे तब राष्ट्रीय नेता यह मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर चले जायेंगे। हालांकि स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते थे। यही वजह थी कि लोहिया ने 18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में हजारों गोवावासी शामिल हुए। हालांकि कई साल के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली। दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता भारत का खूबसूरत शहर गोवा 18 जून यानी आज के दिन को क्रांति दिवस के रूप में मनाता है, 1946 में जब अंग्रेजी साम्राज्य डूब रहा था, कई बड़े राष्ट्रीय नेताओं का मानना था कि अंग्रेजों के जाते ही पुर्तगाली भी गोवा से कूच कर जाएंगे. लेकिन भारत के स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर चिंतक और समाजवादी नेता डॉक्टर राममनोहर लोहिया इस बात से सहमत नहीं थे कि बिना आंदोलन छेड़े ऐसा संभव हो पाएगा. उन्होंने 18 जून 1946 को गोवा जाकर पुर्तगालों के खिलाफ आंदोलन का नारा दिया. उनका साथ देने हजारों गोवा निवासी आ गए. हालांकि गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करवाने में कई साल और लग गए और लंबा आंदोलन चला. 1961 भारतीय सेना ने गोवा पर राज कर रहे पुर्तगालियों पर आक्रमण कर दिया. आखिरकार तत्कालीन पुर्तगाल गवर्नर जनरल ने हथियार डाल दिए और 19 दिसंबर 1961 को गोवा वापस भारत के कब्जे में आ गया. डाक्टर राममनोहर लोहिया अनेक सिद्धांतों, कार्यक्रमों और क्रांतियों के जनक माने जाते हैं, जिनमें सामाजिक और आर्थिक असमानता, जातिप्रथा, पूंजीवाद और हिंसा के खिलाफ आंदोलन प्रमुख हैं. 1979: अमरीका सोवियत संघ के बीच हथियार नियंत्रण समझौता ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में अमरीकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर और सोवियत संघ के नेता लीओनिद ब्रेज़नेव के बीच पहली बार हथियारों की तादाद के ऊपर नियंत्रण करने को लेकर समझौता हुआ. स्ट्रेटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी (साल्ट II) के तहत दोनों मुल्कों ने ये तय किया की दोनों महाशक्तियां अपने मिसायल लॉन्चरों की तादाद को 2400 की संख्या तक सीमित करेगें. इसके तहत दोनों ने ज़मीन से मार का सकने वाले नए अंतर महाद्विपीय बैलिस्टिक मिसायलों की तैनाती बंद कर दी. साथ ही ये भी तय हुआ कि पनडुब्बियों को नई मिसायलों से नहीं लैस किया जाएगा. ये समझौता जब तक अनुमोदन के लिए आता तब तक अमरीका और सोवियत संघ के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था. जनवरी 3 को राष्ट्रपति कार्टर ने खुद अमरीकी संसद से इस समझौते के पर विचार विमर्श रोक देने का आग्रह किया क्योंकि सोवियत संघ की सेनाएँ अफ़गानिस्तान में पहुँच चुकी थीं.हालाँकि ये समझौता अमरीकी संसद से अनुमोदित नहीं हुआ पर कार्टर ने ये ज़रूर कहा कि अगर सोवियत संघ अपने वादे को पूरा करता है तो अमरीका भी अपने वादे निभाएगा. 1972: विमान हादसे में 118 मरे जून 18 के ही रोज़ लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से ब्रसेल्स जा रहा एक हवाई जहाज़ उड़ान भरने के चंद घंटों के भीतर ही क्षतिग्रस्त्र हो गया. विमान गिरते ही दो टुकड़े हो गया. ब्रिटेन के इतिहास की ये सबसे बड़ी विमान दुर्घटना थी. ब्रिटिश यूरोपीयन एयरवेज़ का ये जहाज़ एक खुले मैदान में गिरा जो एक आबादी वाली जगह से कुछ ही गज़ की दूरी पर था.प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ऐसा लगा कि जहाज़ "आसमान से टपक पड़ा". बाद में जांचकर्ताओं ने कहा कि जहाज़ को किसी ने नुकसान पहुचाने की कोई कोशिश नहीं की थी. बचावकर्मियों ने जहाज़ के मलबे से एक 15 साल की लड़की सहित दो लोगों को जीवित निकालने में सफलता पाई. लेकिन बाद में इन दोनों की मौत हो गई.पायलट का पोस्टमॉर्टम करने से ये पता चला कि उड़ान भरते ही उन्हें दिल की तकलीफ शुरू हो गई थी. 1576: अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हल्दीघाटी का युद्ध शुरू हुआ। 1758: फ्रेंच जनरल बुस्सी ने निजाम सलाबत जंग से जाने की इजाजत ली, जो भारत से फ्रांस की मौजूदगी का अंत था। 1812: अमेरिका के राष्ट्रपति जेम्स मेडिसन ने ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। 1815: वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन बोनापार्ट को हार का सामना करना पड़ा। 1858: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ग्वालियर के निकट लड़ाई के मैदान में ब्रिटिश सेना से लोहा लेने के बाद मारी गईं। 1941: तुर्की ने नाजी जर्मनी के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। 1946: गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराने के लिए पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया गया। 1956: हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम पारित हुआ। 1972: ब्रिटिश यूरोपियन विमान 548 उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में विमान में सवार 118 लोगों की मौत। 1979: अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हथियार नियंत्रण समझौता हुआ। 1987: एम एस स्वामीनाथन को पहला वर्ल्ड फूड प्राइज मिला। 2009: नासा ने चांद पर पानी की तलाश में विशेष यान भेजा।